बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी एक नए विवाद में फंस गए हैं. गुरुवार को जीतन राम माझी ने जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को 'साहब' करके संबोधित कर दिया, जिसके बाद नया विवाद पैदा हो गया है. दरअसल, गुरुवार को ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित किया. इसी घटना को लेकर देश में राजनीतिक दलों के बीच श्रेय लेने की होड़ के मुद्दे पर पत्रकारों के सवाल के जवाब में मांझी ने मसूद अजहर को 'साहब' करके संबोधित किया.
मांझी ने कहा कि 'काफी समय से अजहर साहब को वैश्विक आतंकी घोषित करने का प्रयास किया जा रहा था. इत्तेफाक से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अभी मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका श्रेय लेने की कोशिश कर रहे हैं मगर यह सही नहीं है.' मांझी ने कहा कि मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने की पहल डॉ. मनमोहन सिंह सरकार के दौर में ही शुरू हुई थी.
इधर जीतन राम मांझी ने मसूद अजहर को 'साहब' कहकर विवाद पैदा कर दिया तो उनके बचाव में उनकी पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा खुल कर सामने आ गई. पार्टी प्रवक्ता दानिश रिजवान ने मांझी का बचाव करते हुए कहा कि वह हमेशा सच को सच और झूठ को झूठ बोलते हैं. अपनी बेबाकी के लिए जाने जाते हैं. दानिश रिजवान ने कहा कि मांझी ने जो कहा है वह केवल 'slip of the tongue'है.
बता दें कि मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा समिति के सदस्य देश अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस लगातार कोशिश कर रहे थे, लेकिन चीन हमेशा मसूद अजहर को बचाता आ रहा था. चीन मसूद अजहर पर बार-बार वीटो लगा दे रहा था. 10 साल में चीन 4 बार वीटो लगा चुका था. 2009, 2016, 2017 और फरवरी, 2019 में चीन ने इस प्रस्ताव पर वीटो किया था, लेकिन चीन को अंतराष्ट्रीय स्तर पर पड़ रहे दबावों के चलते चीन को वीटो हटाना पड़ा.
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