जमुई लोकसभा सीट पर मतगणना समाप्त हो चुकी है. जमुई सीट पर लोक जनशक्ति पार्टी के उम्मीदवार चिराग कुमार पासवान जीत गए हैं. पासवान ने 2,41,049 वोटों से जीत दर्ज की है. चिराग पासवान को कुल 5,27,860 वोट हासिल हुए हैं. वहीं राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के भूदेव सिंह को 2,87,805 मत प्राप्त हुए.
जमुई बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से एक है. अगर इसे हाई प्रोफाइल सीट कहें तो गलत नहीं होगा क्योंकि यहां से लोक जनशक्ति पार्टी के मुखिया रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान मैदान में हैं. चिराग युवाओं में काफी पॉपुलर हैं.
कब और कितनी हुई वोटिंगजमुई लोकसभा सीट पर 11 अप्रैल को पहले चरण में वोटिंग हुई थी. इस सीट पर 1715848 पंजीकृत मतदाता हैं, जिसमें से 948180 मतदाताओं ने वोट डाला. सीट पर कुल 55.26 प्रतिशत वोटिंग हुई.
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प्रमुख उम्मीदवार
इस सीट से 12 उम्मीदवार मैदान में थे. जमुई लोकसभा सीट एनडीए गठबंधन में एलजेपी के पास थी, जिसने चिराग पासवान को उतारा, जिनका मुकाबला गठबंधन के समर्थन वाली राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के भूदेव सिंह से था.
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2014 का चुनाव
2014 लोकसभा चुनाव में जमुई (सुरक्षित) सीट से चिराग पासवान ने बाजी मारी थी. उन्हें 2,85,352 वोट मिले थे. चिराग ने आरजेडी उम्मीदवार सुधांशु शेखर भास्कर को 85,947 मतों से पराजित किया था. सुधांशु को 1,99,407 वोट मिले थे. वहीं जेडीयू उम्मीदवार उदय नारायण चौधरी 1,98,599 वोट हासिल कर तीसरे स्थान पर रहे.
सामाजिक ताना-बाना
जमुई लोकसभा सीट तीन जिलों जमुई, मुंगेर और शेखपुरा के इलाकों को मिलाकर बना है. इसलिए समय-समय पर परिसीमन के कारण इस सीट का अस्तित्व भी बनता-बिगड़ता रहा है. जमुई सुरक्षित सीट पर वोटरों की कुल संख्या 1,404,016 है. इसमें से महिला मतदाता 651,501 हैं जबकि 752,515 पुरुष मतदाता हैं. जमुई संसदीय क्षेत्र के तहत विधानसभा की 6 सीटें आती हैं- तारापुर, शेखपुरा, सिकंदरा, जमुई, झांझा और चकई. इनमें से 4 विधानसभा सीटें जमुई जिले में आती हैं. जबकि एक मुंगेर और एक शेखपुरा जिले में.
सीट का इतिहास
जमुई सीट पर पहली बार 1962 में चुनाव हुआ था. 1962 और 1967 के चुनाव में जमुई सीट पर कांग्रेस जीती. इसके बाद 1971 में सीपीआई के भोला मांझी यहां से चुनाव जीतने में कामयाब रहे. फिर इस सीट के इलाके अलग-अलग सीटों में शामिल कर लिए गए. इसके बाद 2002 के परिसीमन के बाद 2008 में जमुई सीट फिर से अस्तित्व में आई. 2009 के चुनाव में जेडीयू के भूदेव चौधरी ने आरजेडी के श्याम रजक को 30 हजार वोटों से हराया. 2014 के चुनाव में बीजेपी की सहयोगी एलजेपी के चिराग पासवान ने आरजेडी के सुधांशु शेखर भास्कर को हराया.
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