बिहार में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए में शामिल दलों के बीच सीट बंटवारा हो गया है कि किस सीट पर कौन सी पार्टी चुनावी मैदान में उतरेगी. महागठबंधन के बीच भी सीट शेयरिंग का फॉर्मूल बन रहा है. ऐसे में दोनों गठबंधन की सीटों को देखें तो साफ है कि कांग्रेस बनाम जेडीयू के बीच सियासी मुकाबला है तो वहीं आरजेडी बनाम बीजेपी के बीच राजनीतिक संग्राम की जमीन तैयार हो रही है.
नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाले एनडीए गठबंधन में सीट बंटवारे के बाद बीजेपी और जेडीयू के खाते में 17-17 और एलजेपी के खाते में 6 सीटें आई हैं. बीजेपी- पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, मधुबनी, अररिया, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, महाराजगंज, सारण, उजियारपुर, बेगूसराय, पटना साहिब, पाटलिपुत्र, आरा, बक्सर, सासाराम और औरंगाबाद सीट पर चुनावी किस्मत आजमाएगी.
वहीं, जेडीयू के खाते में वाल्मीकिनगर, सीतामढ़ी, झंझारपुर, सुपौल, किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, मधेपुरा, गोपालगंज, सिवान, भागलपुर,बांका, मुंगेर, नालंदा, काराकाट,जहानाबाद और गया सीटें आई हैं. वहीं LJP के खाते में वैशाली, हाजीपुर, समस्तीपुर, खगड़िया, जमुई और नवादा सीट आई है.
बिहार में दूसरी तरफ महागठबंधन में सीटों का पेंच फंसा हुआ है, लेकिन जिस तरह से सीटों पर आरजेडी, कांग्रेस, आरएलएसपी, हम, वीपीआई और शरद यादव की पार्टी के बीच दावे किए जा रहे हैं, उससे तस्वीर है कि चुनावी मैदान में आरजेडी को ज्यादातर सीटों पर बीजेपी से मुकाबला करना होगा और कांग्रेस को जेडीयू से लड़ाई लड़नी पड़ेगी.
माना जा रहा है कि आरजेडी को करीब 21 सीटें मिल सकती हैं, जिनमें से अररिया, मधुबनी, पाटलिपुत्र, महाराजगंज, सारण, बक्सर और उजियारपुर सीटों पर उसे बीजेपी से दो-दो हाथ करने पड़ सकते हैं. जहानाबाद, सीवान, बांका, भागलपुर, झंझारपुर और वैशाली सीट पर आरजेडी को जेडीयू से चुनावी जंग लड़नी पड़ सकती है.
वहीं, कांग्रेस महागठबंधन में बिहार की 11 सीटों पर दावा कर रही है. इनमें से किशनगंज, कटिहार, सुपौल और मुंगेर सीट पर कांग्रेस का मुकाबला जेडीयू से हो सकता है. दिलचस्प बात ये है कि सीमांचल का इलाका मुस्लिम और यादव बहुल है. ऐसे में माना जा रहा है कि एनडीए ने रणनीति के तहत जेडीयू के खाते में सीटें दी गई है, ताकि उसका मुकाबला कांग्रेस और आरजेडी से होगा.
हालांकि हाजीपुर और समस्तीपुर सीट पर कांग्रेस को एलजेपी से सामना होगा. इसके अलावा पटना साहिब मुजफ्फरपुर और दरभंगा सीट पर कांग्रेस को बीजेपी से चुनावी जंग लड़नी पड़ेगी. वहीं, मधेपुरा सीट पर जेडीयू को अपने ही शरद यादव से लड़ाई लड़नी पड़ेगी.