मध्य प्रदेश की भोपाल लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने मुंबई हमले में शहीद हुए हेमंत करकरे को लेकर विवादित बयान दिया है. प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि उन्होंने मुझे गलत तरीके से फंसाया, मैंने उन्हें बताया था कि तुम्हारा पूरा वंश खत्म हो जाएगा, वो अपने कर्मों की वजह से मरे हैं.
भोपाल से उम्मीदवार बनने के बाद साध्वी प्रज्ञा गुरुवार को पहली बार मीडिया के सामने आई थीं. लेकिन उनका अब ये चौंकाने वाला बयान सामने आया है. प्रज्ञा ने आरोप लगाया कि हेमंत करकरे ने मेरे साथ काफी गलत तरीके से व्यवहार किया था और गलत तरीके से फंसाया था.
सभा में साध्वी प्रज्ञा ने दिया ये बयान
एक सभा में साध्वी प्रज्ञा ने कहा, ‘’वो जांच अधिकारी सुरक्षा आयोग का सदस्य था, उन्होंने हेमंत करकरे को बुलाया और कहा कि साध्वी को छोड़ दो. लेकिन हेमंत करकरे ने कहा कि मैं कुछ भी करूंगा लेकिन सबूत लाउंगा और साध्वी को नहीं छोड़ूंगा.’’
साध्वी बोलीं, ‘’ये उसकी कुटिलता था ये देशद्रोह था धर्मविरुद्ध था, वो मुझसे पूछता था कि क्या मुझे सच के लिए भगवान के पास जाना होगा, तो मैंने कहा था कि आपको जरूरत है तो जाइए’’.
सभा में साध्वी ने कहा, ‘’मैंने उसे कहा था तेरा सर्वनाश होगा, उसने मुझे गालियां दी थीं. जिसदिन मैं गई तो उसके यहां सूतक लगा था और जब उसे आतंकियों ने मारा तो सूतक खत्म हुआ.’’
#WATCH Pragya Singh Thakur:Maine kaha tera (Mumbai ATS chief late Hemant Karkare) sarvanash hoga.Theek sava mahine mein sutak lagta hai. Jis din main gayi thi us din iske sutak lag gaya tha.Aur theek sava mahine mein jis din atankwadiyon ne isko maara, us din uska anth hua (18.4) pic.twitter.com/COqhEW2Bnc
— ANI (@ANI) April 19, 2019
कौन थे हेमंत करकरे?
हेमंत करकरे मुंबई में हुए आतंकी हमले में आतंकवादियों की गोलियों का शिकार हुए थे. इसके अलावा जिस केस में साध्वी प्रज्ञा आरोपी थीं, उस मालेगांव सीरियल ब्लास्ट की जांच इनके पास ही थी. हालांकि, उनकी चार्जशीट पर कई तरह के सवाल खड़े हुए थे.
26/11 आतंकी हमले में शहीद तत्कालीन एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे का जन्म 12 दिसंबर 1954 को करहड़े ब्राह्मण परिवार में हुआ था. 1982 में वो आईपीएस अधिकारी बने, महाराष्ट्र के ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर के बाद इनको एटीएस चीफ बनाया गया था. इस दौरान इन्होंने कई कारनामे किए. 26 नवंबर 2009 में इस शहीद की शहादत को सलाम करते हुए भारत सरकार ने मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया था.
उम्मीदवारी पर उठने लगे हैं सवाल
साध्वी प्रज्ञा का भोपाल में मुकाबला कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह से है. साध्वी की उम्मीदवारी को लेकर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं. पहले तहसीन पूनावाला ने उनकी ज़मानत रद्द करने की अपील की और अब मालेगांव धमाके के पीड़ित के पिता ने NIA की कोर्ट में याचिका दायर कर उनकी ज़मानत पर सवाल उठा दिए हैं.
एनआईए कोर्ट में दायर की गई याचिका में कहा गया है कि साध्वी प्रज्ञा को कोर्ट ने स्वास्थ्य कारणों के चलते जमानत दी थी, तो ऐसे में वह भोपाल से लोकसभा का चुनाव कैसे लड़ सकती हैं.
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