राफेल मामले में अवमानना के नोटिस के बाद राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दायर कर अपने बयान पर खेद जताया है. इस जवाब के बाद बीजेपी अब कांग्रेस अध्यक्ष पर हमलावर हो गई है. रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और राहुल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में शिकायत दर्ज कराने वाली बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने नोटिस पर दिए जवाब को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष पर निशाना साधा है.
रक्षा मंत्री विदेश मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस मामले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि राहुल गांधी ने शपथपत्र दाखिल कर सिर्फ राजनीतिक फायदे के लिए खेद जताया है. अगर उन्होंने ऐसा किया है तो इससे साफ है कि उन्हें कोर्ट का डर है. निर्मला ने कहा कि राहुल गांधी की विश्वसनीयता खत्म हो गई है.
निर्मला ने कहा कि राहुल गांधी लगातार सार्वजनिक जीवन में रहते हुए झूठ पर झूठ बोल रहे हैं और यह दुख का विषय है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी को एक ऐसा अध्यक्ष चला रहा है जो गलतबयानी पर निर्भर रहता है.
'झूठ हैं राहुल गांधी'
स्मृति ईरानी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि सुप्रीम कोर्ट का अपमान करने वालों को जनता माफ नहीं करेगी. स्मृति अमेठी से राहुल गांधी के खिलाफ एक बार चुनावी मैदान में उतरीं हैं. पिछले चुनाव में भी स्मृति और राहुल के बीच टक्कर थी, हालांकि नतीजों में कांग्रेस अमेठी का किला बचाने में सफल हो गई थी.
झूठ के कपाल पर, हुआ सत्य का प्रहार।
चौकीदार को चोर कहने वाले @RahulGandhi ने आज स्वीकार किया की वह खुद झूठे है।
देशवासियों को बेवकूफ़ समझने वाले, प्रधानमंत्री और उच्च न्यायालय का अपमान करने वाले को जनता माफ़ नहीं करेगी। pic.twitter.com/nHBi1GWVSt
— Chowkidar Smriti Z Irani (@smritiirani) April 22, 2019
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने जवाब पर कहा कि राहुल गांधी का पोल खुल गई है और बीजेपी को इसकी खुशी है. जावड़ेकर ने कहा कि वह लगातार झूठ बोल रहे हैं और यह बात उनके जवाब से साबित भी हो गई है. राहुल गांधी के खिलाफ अवमानना की शिकायत करने वाली मीनाक्षी लेखी ने जवाब पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह दोष की स्वीकार्यता है. इस वक्त में कोर्ट की संप्रभुता बचाए रखने की जरूरत है.
It’s an admission of guilt & thus Contempt . Considering the need to protect the integrity of the court in these testing times,such an admission is a vindication of the petition. I hope & pray that it is responded with strictest rebuke by the court.
— Chowkidar Meenakashi Lekhi (@M_Lekhi) April 22, 2019
राहुल का कोर्ट में जवाब
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए राहुल गांधी ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी कह दिया है कि 'चौकीदार चौर है', जबकि कोर्ट की ओर से सीधे तौर पर ऐसी कोई टिप्पणी नहीं की गई थी. मीनाक्षी लेखी ने कांग्रेस अध्यक्ष के इसी बयान की शिकायत करते हुए इसे कोर्ट की अवमानना बताया था. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को नोटिस जारी कर 23 अप्रैल तक जवाब देने के लिए कहा था.
राहुल गांधी की ओर से सोमवार को दायर जवाब में कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने कभी नहीं कहा 'चौकीदार चौर है'. राहुल ने माना कि उनकी ओर से यह बयान चुनाव प्रचार के दौरान उत्तेजना में दिया गया था और इसके लिए उन्हें खेद है. राहुल गांधी ने इस मामले में कोर्ट के रिकॉर्ड में आए बिना आगे से ऐसा कोई बयान न देने की भी बात कही है.
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