इंदौर सीट पर बीजेपी उम्मीदवार को लेकर चल रही चर्चा पर रविवार को विराम लग गया. इंदौर से लगातार 8 लोकसभा चुनाव जीतने वाली सुमित्रा महाजन की विरासत अब शंकर लालवानी के जिम्मे है. पार्टी ने अपने एक स्थानीय गुट के कथित विरोध को दरकिनार करते हुए अपने 30 साल पुराने गढ़ में वरिष्ठ नेता शंकर लालवानी को चुनाव मैदान में उतारने की घोषणा कर दी है. रविवार को बीजेपी से उम्मीदवार बनाए जाने के बाद शंकर ललवानी ने सुमित्रा महाजन से मुलाकात की.
महाजन ने कहा 'मैं तो पिछले कई दिन से इंदौर क्षेत्र में भाजपा की चुनावी बैठकों में शामिल हो रही हूं. मैं अब भी चुनावी परिदृश्य में ही हूं और आगे भी रहूंगी. हालांकि, अब मेरी भूमिका बदल गई है' सुमित्रा शुभकामनाएं देते हुए शंकर लालवानी को 'विकास और सामाजिक कल्याण पर आधारित राजनीति करने वाला नेता' बताया. साथ ही, दावा किया कि वह इंदौर सीट पर भाजपा के 30 साल पुराने वर्चस्व को कायम रखेंगे.
सिंधी समाज से ताल्लुक रखने वाले लालवानी अपने राजनीतिक करियर का पहला लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. वह इंदौर विकास प्राधिकरण (आईडीए) के चेयरमैन और इंदौर नगर निगम के सभापति रह चुके हैं. इंदौर में 19 मई को चुनाव है. इंदौर से लालवानी के नाम के ऐलान के साथ ही पूरी तरह स्पष्ट हो गया कि लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी सरीखे भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की तरह लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन (76) को भी विश्राम दे दिया गया है. हालांकि, इस सीट से लगातार 8 बार चुनाव जीतने का रिकॉर्ड कायम करने वाली महाजन ने मौके की नजाकत भांपते हुए चुनाव लड़ने से पहले ही इनकार कर दिया था.
बीते दिनों सुमित्रा महाजन ने कहा था कि 'जब मैंने साल 1989 में इंदौर से अपना पहला लोकसभा चुनाव लड़ा था तब भी मैंने पार्टी से टिकट नहीं मांगा था. पार्टी ने मुझे खुद टिकट दिया था. मैंने अपनी पार्टी से आज तक टिकट नहीं मांगा है.'
इंदौर के एक अन्य दिग्गज नेता और भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने भी खुद को इस सीट के चुनावी टिकट की दावेदारी से अलग कर लिया था. विजयवर्गीय ने पश्चिम बंगाल के भाजपा प्रभारी के रूप में अपनी मौजूदा जिम्मेदारियों का हवाला देते हुए ट्विटर पर कहा था कि उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने का निर्णय किया है. कैलाश विजयवर्गीय की गिनती मध्य प्रदेश बीजेपी के दिग्गज नेताओं में होती है. वह लगातार 6 बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं.
इंदौर में 19 मई को चुनाव है. इंदौर लोकसभा क्षेत्र के तहत विधानसभा की 8 सीटें आती हैं. महेश्वर, भगवानपुरा, पानसेमल, कसरावाड़, सेंधावा, बदवानी, खरगौन, राजपुर यहां की विधानसभा सीटें हैं. यहां की 8 में से 6 सीटों पर कांग्रेस और 1 पर बीजेपी का कब्जा है, जबकि 1 सीट पर निर्दलीय विधायक है.
(पीटीआई के इनपुट के साथ)
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