बीजेपी के वरिष्ठ नेता और यूपी सरकार में मंत्री रहे बालेश्वर त्यागी ने एक फेसबुक पोस्ट लिखकर गाजियाबाद के सांसद और मौजूदा विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह का विरोध जताया है. त्यागी का आरोप है कि गाजियाबाद के बीजेपी कार्यकर्ताओं में चुनाव को लेकर कोई खास उत्साह नहीं है क्योंकि पार्टी के कुछ लोगों की दिलचस्पी जनसंपर्क में कम और इसके प्रचार में ज्यादा है.
बालेश्वर त्यागी ने अपने पोस्ट में लिखा है, '2014 में हुए लोक सभा चुनाव के समय ठीक होली के दिन जरनल वीके सिंह जी का मुझे फोन आया था कि आपका सहयोग चाहिए. उस समय हम भी प्रत्याशी थे और हमें बड़ी आशा थी कि हमें ही अवसर मिलेगा लेकिन पार्टी ने जरनल साहब को प्रत्याशी बनाया. हमने बिना एक सेकेंड लगाए बिना घर बुलाए, फोन पर ही जरनल साहब को समर्थन का आश्वासन दे दिया. उस वक्त किए गए करार में चाय पीने के लिए उन्हें मेरे घर आने में पूरे पांच साल लग गए.'
गाजियाबाद के मौजूदा सांसद और केंद्रीय राज्यमंत्री वीके सिंह के बारे में बालेश्वर त्यागी ने लिखा है कि 'देर आयद दुरुस्त आयद. सुबह किन्ही शिवम गहलोत का फोन आया कि जरनल साहब आपके घर आ रहे हैं. मैंने कहा कि मेरी ये बात जरनल साहब तक पहुंचा देना कि मेरा घर छोटा है, ज्यादा लोगों की व्यवस्था में कठिनाई होगी. मेरी पत्नी ही चाय बनाएगी, इसलिए कम ही लोग आएं तो अच्छा है. थोड़ी देर में जरनल साहब आ गए. उनके साथ 4-6 लोग ही थे. बैठते बैठते ही उन्होंने सहयोग करने के लिए कहा. मैंने कहा कि आपसे अलग बात करूंगा. मेरी ये बात सुनकर साथ आए लोग बाहर जाने लगे. मैंने कहा कि आप यहीं बैठें, हम बराबर वाले कमरे में बात कर लेते हैं.'
बालेश्वर त्यागी ने आगे लिखा, 'हम दोनों अलग बैठे और मैंने कहा कि हम तो पार्टी के कार्यकर्ता हैं, कहीं नहीं जाएंगे. तब नहीं गए तो अब क्या जाएंगे लेकिन अगर मन उत्साहित हो तो कार्यकर्ता काम करता है, अन्यथा घर बैठता है और वोट डालता है. मैंने अपनी बातें रखीं तो जरनल साहब ने कुछ कठिनाई तो कुछ सफाई बताई. मैंने कहा कि अगर मेरा सहयोग चाहते हो तो संगठन से कहलवाओ.'
बालेश्वर त्यागी ने आगे लिखा है कि 'मैं इन सब बातों की चर्चा फेसबुक पर करना नहीं चाहता था, क्योंकि ये मेरे और उनके बीच का निजी संवाद है लेकिन जरनल साहब के जाते ही मुझे फोन आने लगे कि जरनल साहब से क्या बात हुई. एक ने बताया कि किसी शिवम गहलोत ने फोटो समेत अपने फेसबुक अकाउंट पर पोस्ट किया है और उन्होंने फोटो भी मुझे भेजा. जबकि मुझे ये एहसास भी नहीं हुआ कि किसी ने फोटो भी खींचा है. मुझे लग रहा है कि कुछ लोगों की रुचि भेंट के प्रचार में ज्यादा है. वैसे जरनल साहब को ऐसे अति उत्साही और अति सक्रिय लोगों से बचने की आवश्यकता है, क्योंकि इस प्रवृत्ति से लाभ के बजाय हानि की संभावना ज्यादा होती है.'
आपको बता दें कि बालेश्वर त्यागी गाजियाबाद से तीन बार विधायक रह चुके हैं और उन्होंने 1991, 1993 और 1996 में चुनाव जीता है. 1991 में तत्कालीन कल्याण सिंह सरकार में वे राजस्व मंत्री भी रह चुके हैं. 1996 में बीजेपी और बीएसपी के गठबंधन में यूपी में सरकार बनी. उस वक्त त्यागी ने पंचायती राज मंत्री का पद संभाला. एक साल पहले वे कल्याण सिंह सरकार में शिक्षा मंत्री भी रह चुके थे. ऐसे में गाजियाबाद के इस कद्दावर नेता का जनरल वीके सिंह और बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोलना हालिया चुनाव पर भारी न पड़ जाए, इसके कयास लगाए जा रहे हैं.