गोरखपुर से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल ने मालेगांव बम धमाकों की आरोपी और भोपाल लोकसभा सीट से पार्टी उम्मीदवार प्रज्ञा ठाकुर के शहीद हेमंत करकरे को लेकर दिए गए विवादित बयान को राजद्रोह करार दिया है. अग्रवाल ने शुक्रवार को एक ट्वीट कर कहा कि हेमंत करकरे आतंकवादियों से मुकाबला करते हुए शहीद हो गए और उनकी शहादत का अपमान करना न सिर्फ शर्मनाक बल्कि राजद्रोह भी है.
इस बारे में शनिवार को पूछे जाने पर अग्रवाल ने कहा, 'हां मैंने यह ट्वीट किया है और मैं अपने बयान पर कायम हूं. हेमंत करकरे भारत के महान शहीद और बेहतरीन पुलिस अधिकारी थे.' इस सवाल पर कि प्रज्ञा को भोपाल लोकसभा सीट से बीजेपी ने ही उम्मीदवार बनाया है, उन्होंने कहा कि पार्टी पहले ही प्रज्ञा के बयान से खुद को अलग कर चुकी है. प्रज्ञा का बयान पार्टी का बयान नहीं है. इसी वजह से उन्होंने माफी भी मांगी है.
चलिये अच्छा रहा ,प्रज्ञा ठाकुर ने न सिर्फ अपना बयान वापस ले लिया बल्कि माफी भी मांगी ,भले ही उन्होंने ऐसा हाई कमान के आदेश पर किया हो । https://t.co/9UZJXmN6ES
— Dr.radha mohan das agrawal (@AgrawalRMD) April 20, 2019
बता दें कि मालेगांव बम ब्लास्ट मामले में जमानत पर बाहर चल रहीं साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर लगातार खबरों में बनी हुई हैं. 26/11 के आंतकी हमले में शहीद हेमंत करकरे पर की गई टिप्पणी को लेकर उनकी चौतरफा आलोचना हो रही है. अपने बयान पर न केवल विपक्षी पार्टियों बल्कि बीजेपी की सहयोगी पार्टियों के नेता भी इस बयान की निंदा कर रहे हैं. प्रज्ञा ठाकुर के बयान से पहले ही बीजेपी पल्ला झाड़ चुकी है.
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने साध्वी प्रज्ञा के बयान पर कहा कि किसी को भी शहीदों का अपमान करने वाला बयान नहीं देना चाहिए. साध्वी ने गलत टिप्पणी की जिसके लिए बाद में उन्होंने माफी मांगी.
कुछ दिन पहले प्रज्ञा ठाकुर ने दावा किया था कि मुंबई के आतंकवाद निरोधक दस्ते के पूर्व प्रमुख हेमंत करकरे ने उन्हें मालेगांव विस्फोट मामले में गलत तरह से फंसाया था और वह अपने कर्मों की वजह से मारे गए. हेमंत करकरे मुंबई आतंकी हमलों के दौरान शहीद हुए थे. साथ ही प्रज्ञा ठाकुर ने हेमंत करकरे को राष्ट्रदोही भी बताया था. साध्वी ने कहा था कि करकरे की मौत 26/11 मुम्बई हमले में इसलिए हुई थी क्योंकि प्रताड़ना से तंग आकर साध्वी ने उन्हें शाप दिया था.
गौरतलब है कि प्रज्ञा ठाकुर की इस टिप्पणी पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पहले ही नराजगी जता चुके हैं. उन्होंने कहा था कि दिवंगत करकरे एक बहादुर और सही पुलिस अधिकारी थे और उन्हें शहीद का दर्जा दिया गया है. साध्वी प्रज्ञा की टिप्पणी उनका निजी मत है और हम इसका समर्थन नहीं करते हैं.
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