बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती पर अमर्यादित टिप्पणी करने के बाद बीजेपी की महिला विधायक साधना सिंह ने अपने बयान पर खेद जताया है. साधना सिंह की ओर से जारी किए गए बयान में उन्होंने लिखा कि मेरा मकसद किसी को अपमान करने का नहीं था. मैं बस 2 जून, 1995 को गेस्ट हाउस कांड के दौरान मायावती की बीजेपी नेताओं द्वारा की गई मदद को याद दिलाना चाहती थी.
वहीं, इस मामले में बसपा के बनारस मंडल जोनल इंचार्ज रामचंद्र गौतम ने साधना सिंह के खिलाफ एससी एसटी- एक्ट के तहत चंदौली थाने में मामला दर्ज कराया है. बसपा नेता ने कहा कि यह सिर्फ बसपा सुप्रीमो मायावती का नहीं, बल्कि दलित समाज की सभी महिलाओं का अपमान है.
चंदौली के मुगलसराय से बीजेपी विधायक साधना सिंह ने कहा कि मेरी मंशा एक दम किसी को अपमानित नहीं करने की थी. अगर किसी को मेरी बातों से कष्ट पहुंचा है तो मैं खेद प्रकट करती हूं. इससे पहले साधना सिंह के बयान को स्वत: संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने उन्हें नोटिस भेजने का फैसला किया था.
क्या था मामलाBJP MLA Sadhna Singh on her statement on BSP chief Mayawati: I had no intentions of disrespecting anyone, I express regret if someone was hurt by my words. pic.twitter.com/k4PRoaSpS4
— ANI UP (@ANINewsUP) January 20, 2019
चंदौली जनपद के बबुरी थाना के परनपुरा गांव में किसान कुंभ अभियान कार्यक्रम में बीजेपी विधायक साधना सिंह ने मायावती पर अमर्यादित टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा था कि जब द्रोपदी का चीर हरण हुआ तो उसके बाद महाभारत हुआ, लेकिन सपा ने मायावती का चीर हरण किया, उसके बावजूद भी सत्ता के लोभ में आकर उन्होंने सपा से गठबंधन करके महिलाओं की अस्मत पर दाग लगाया है. इसके बाद साधना सिंह ने कई अमर्यादित बयान देते हुए उनकी (मायावती की) तुलना किन्नर से कर दी थी.
अखिलेश ने बताया देश की महिलाओं का अपमान#WATCH:BJP MLA Sadhna Singh says about BSP chief Mayawati, "jis din mahila ka blouse, petticoat, saari phat jaaye, wo mahila na satta ke liye aage aati hai. Usko pure desh ki mahila kalankit maanti hai.Wo to kinnar se bhi jyada badtar hai, kyunki wo to na nar hai, na mahila hai." pic.twitter.com/w3Cdizd8eR
— ANI UP (@ANINewsUP) January 19, 2019
साधना सिंह के इस विवादित बयान पर बसपा के अलावा सपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी. सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा था कि बीजेपी विधायक ने जिस तरह से आपत्तिजनक शब्द मायावती के लिए कहे हैं वह घोर निंदनीय है. यह बीजेपी के नैतिक दिवालियापन हताशा का प्रतीक है. यह केवल मायावती का ही नहीं बल्कि देश की महिलाओं का भी अपमान है.
बसपा ने कहा, मानसिक संतुलन खो चुके हैं बीजेपी नेताSC Mishra(BSP) on Sadhna Singh's (BJP) remark on Mayawati: The words she used for our party chief shows the level of BJP. After the announcement of this coalition (SP-BSP), BJP leaders have lost their mental balance & they should be admitted to mental hospitals in Agra & Bareilly pic.twitter.com/py4L7c2z9c
— ANI UP (@ANINewsUP) January 19, 2019
वहीं, बसपा के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा था कि बीजेपी विधायक ने हमारे पार्टी प्रमुख के लिए जिन शब्दों का इस्तेमाल किया, वह बीजेपी के स्तर को दर्शाता है. सपा-बसपा गठबंधन की घोषणा के बाद बीजेपी नेताओं ने अपना मानसिक संतुलन खो दिया है और उन्हें आगरा या बरेली के मानसिक अस्पतालों में भर्ती कराया जाना चाहिए.
अठावले बोले, बीजेपी के साथ आएं मायावती
केंद्रीय राज्यमंत्री रामदास अठावले ने कहा कि मायावती अगर दलित की हितैषी हैं तो बीजेपी के साथ आना चाहिए. अठावले ने कहा कि बीजेपी ने जब मायावती को मुख्यमंत्री बनाया तो क्या बीजेपी उस समय जातिवादी नहीं थी? उन्होंने यह भी कहा कि मायावती के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करना सही नहीं है, इससे बीजेपी की इमेज खराब होगी.
कोलकाता में महागठबंधन की रैली के बारे में अठावले ने कहा कि ममता की रैली से साफ है कि ये सारे दल पीएम मोदी से डरते हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के विरोध में सब विपक्षी एक हो रहे हैं. केंद्रीय राज्यमंत्री के मुताबिक सपा-बसपा का गठबंधन जनता को पसंद नहीं है. उन्होंने मायावती से सवाल किया कि 4 बार सत्ता के लिए बीजेपी के साथ आईं तो अब बीजेपी से क्या परेशानी है. इसलिए उन्हें बीजेपी के साथ आना चाहिए, इसके लिए उन्हें आमंत्रण है.
अधिकारी को धमकाने का वीडियो हुआ था वायरल
बता दें, इससे पहले भी साधना सिंह एक बार विवादों में आई थीं. उनका गाली देते हुए एक वीडियो वायरल हुआ था. इस वीडियो में विधायक बनने के बाद वह एक अधिकारी को धमकी देने और औकात में रहने की बात कह रही थी.