उत्तर प्रदेश में वर्तमान सांसदों के टिकट कटने की चर्चाओं के बीच उन्नाव से भारतीय जनता पार्टी के सांसद साक्षी महाराज की घबराहट सामने आई है. देश के संवेदनशील मुद्दों पर आक्रामक बयान देने वाले फायर-ब्रांड सांसद साक्षी महाराज को अपने टिकट कटने का डर इतना सता रहा है कि उन्होंने यूपी बीजेपी अध्यक्ष को एक चेतावनी भरा पत्र भी लिख दिया है. इस पत्र में साक्षी महाराज ने कहा है कि अगर उनका टिकट काटा गया, तो इसके नतीजे अच्छे नहीं होंगे.
यूपी बीजेपी के अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय को साक्षी महाराज ने यह पत्र बीते 7 मार्च को लिखा है, जिसमें उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र के जातीय समीकरण बताते हुए खुद को इकलौता ओबीसी चेहरा करार दिया है. साक्षी महाराज ने पत्र में लिखा है, 'बीते पांच साल में मैंने अपने संसदीय क्षेत्र में दिन-रात कड़ी मेहनत करके करोड़ों रुपये लगाकर पार्टी की स्थिति को बहुत मजबूत किया है. साथ ही अन्य सांसदों की तुलना में मैं अंतरराष्ट्रीय फलक पर अपनी पहचान बनाने में सफल रहा हूं. ऐसे में अगर उन्नाव से मेरे संबंध में पार्टी कोई अन्य निर्णय लेती है तो इससे मेरे प्रदेश और देश के करोड़ों कार्यकर्ताओं के आहत होने की पूरी संभावना है, और इसका परिणाम सुखद नहीं रहेगा.'
आचार्य महामंडलेश्वर होने के नाते सभी जाति, धर्म और वर्गों में अपनी पैठ का दावा करने के साथ साक्षी महाराज ने पत्र में यह भी विनती कर डाली कि आगामी लोकसभा चुनाव में एक बार फिर उन्नाव सीट से उन्हें मौका दिया जाए. साक्षी महाराज ने ये भी कह दिया कि वह उन्नाव के अलावा किसी और सीट से चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं.
2014 चुनाव नतीजों के आंकड़े बताते हुए साक्षी महाराज ने लिखा कि उन्होंने तीन लाख पंद्रह हजार मतों से जीत दर्ज की थी और सपा व बसपा उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी. महाराज ने कहा कि इस बार यह सीट सपा के खाते में गई है, जिससे अरुण कुमार शुक्ला या किसी दूसरे ब्राह्मण उम्मीदवार के चुनाव लड़ने की संभावना है. खुद को उन्नाव जिले का इकलौता ओबीसी नेता बताते हुए साक्षी महाराज ने संसदीय क्षेत्र में अपने समाज के वोटरों की संख्या भी गिनाई और खुद को सबसे प्रबल उम्मीदवार बताया.
साक्षी महाराज का यह पत्र उन चर्चाओं के बीच सामने आया है, जिसमें ये कहा जा रहा है कि बीजेपी यूपी में दो दर्जन से ज्यादा सिटिंग सांसदों के टिकट काट सकती है. बताया जा रहा है कि इन सांसदों की जगह योगी सरकार के कई मंत्रियों को टिकट दिए जा सकते हैं. अब जबकि बहुत जल्द इस बात की संभावना है कि बीजेपी शुरुआती चरणों के उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करने जा रही है, ऐसे में पार्टी सांसदों के भीतर से असंतोष के स्वरों का खुलकर बाहर आना विपक्ष के लिए चर्चा का विषय जरूर बन सकता है.