भारतीय जनता पार्टी लगातार दूसरी बार केंद्र की सत्ता में वापसी के लिए हरसंभव कोशिशों में जुट गई है. इसके लिए पार्टी ने बकायदा रणनीति बनाई है. बीजेपी ने देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में अपने आधे से ज्यादा सांसदों के टिकट काटने का मन बना लिया है. इसी तरह से हरियाणा में बीजेपी के मौजूदा सांसदों को टिकट से महरूम रहना पड़ना सकता है. जबकि पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी यूपी में विपक्षी पार्टियों को मात देकर 71 सांसद जीतने में सफल रही थी.
लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, केशव प्रसाद मौर्य और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ करीब ढाई घंटे बैठक की. इस दौरान बीजेपी अध्यक्ष ने दोनों प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा करके सूबे के सियासी मिजाज को समझने की कोशिश की.
सूत्रों की मानें तो उत्तर प्रदेश में बीजेपी अध्यक्ष ने तीन दर्जन मौजूदा सांसदों का टिकट काटने के संकेत दिए हैं. वहीं, कई मौजूदा सांसदों का टिकट खतरे में है. टिकट काटने का आधार सांसदों का क्षेत्र में प्रदर्शन माना जा रहा है. बीजेपी के आलाकमान ने इससे पहले भी संकेत दिए थे कि जिन सांसदों का प्रदर्शन बढ़िया नहीं रहा है, उनके टिकट काट कर नए उम्मीदवार को मौका दिया जा सकता है. पिछले साल बीजेपी ने सांसदों और मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड जारी किया था.
यूपी में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को मौजूदा सांसदों के रिपोर्ट कार्ड बनाने की जिम्मेदारी दी गई थी. शाह ने उनसे भी सूबे के राजनीतिक मिजाज को समझा. इसी के बाद पार्टी ने तय किया है कि उत्तर प्रदेश में पार्टी अपने मौजूदा सांसदों की जगह कई नई चेहरों को मौका दे सकती है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश के कई विधायकों और मंत्रियों को भी लोकसभा चुनाव में उतार सकती है.
अमित शाह की बैठक में ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी की ओर से अरविंद राजभर भी बैठक में मौजूद थे. सूत्रों की मानें तो बैठक में यूपी में होने वाले गठबंधन पर बातचीत हुई. इसके साथ ही अमित शाह ने आगामी चुनाव की तैयारियों और कार्यक्रमों की समीक्षा की. अमित शाह 26 फरवरी को लखनऊ में यूपी में एनडीए के सहयोगी दलों के साथ बैठक कर सीटों शेयरिंग पर अंतिम मुहर लगा सकते हैं.