आजमगढ़ में बसपा प्रमुख मायावती और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की संयुक्त रैली हुई. इस रैली को संबोधित करते हुए मायावती ने कहा कि हमारे गठबंधन को महामिलावटी बताया जा रहा है, जबकि जाति के आधार पर पीएम नरेंद्र मोदी तो खुद महामिलावटी हैं. अखिलेश असल में पिछड़े वर्ग के हैं, पीएम मोदी की तरह फर्जी नहीं हैं.
मायावती ने बीजेपी पर समाज को बांटने का आरोप लगाते हुए कहा कि अब इन्होंने अखिलेश यादव के डर से डकैती डाल दी है. शिवपाल यादव को तोड़कर उनकी अलग से पार्टी बनवाई और महागठबंधन का वोट काटने के लिए प्रत्याशी भी उतरवाए. आजमगढ़ में बीजेपी ने अखिलेश यादव के सजातीय प्रत्याशी को मैदान में उतारा है. यह महागठबंधन के खिलाफ षड्यंत्र है, जिसका जवाब यहां की जनता देगी.
अखिलेश यादव की तारीफ करते हुए मायावती ने कहा कि हमारे संस्कारी गठबंधन पर तरह-तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं. भारतीय संस्कृति के आधार पर हमारा गठबंधन संस्कारी है. इस गठबंधन से बीजेपी वाले डरे हुए हैं. 2019 का लोकसभा चुनाव गठबंधन के लिए बड़ा इम्तिहान है आपको संदेश देना है कि यह गठबंधन लंबा चलेगा और ये पूरे देश के अंदर परिवर्तन लाएगा.
आजमगढ़ सीट से खुद चुनाव लड़ रहे अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी ने लोगों से जो वादा किया था, वह पूरा नहीं किया. अब वह वादों की बात नहीं करते हैं. किसानों के यूरिया और खाद की चोरी हुई, युवाओं को रोजगार नहीं मिला, किसी भी योजना से देशवासियों को लाभ नहीं पहुंचा पाए. चायवाला बनकर आए और धोखा दे दिया. अब वही चौकीदार बनकर आ गए हैं.
योगी सरकार पर भी निशाना साधते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि आज सूबे में कानून व्यवस्था चौपट है. इनके ठोको नीति को पुलिस भी नहीं समझ पा रही है. कभी पुलिस बेगुनाहों को ठोक देती है, तो कभी जनता पुलिस को ठोक देती है. चौकीदार के साथ-साथ ठोकीदार को भी हटाना है. अखिलेश ने महागठबंधन के पक्ष में वोट करने की अपील की.
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