सतीश चंद्र मिश्र बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के कद्दावर नेता और पार्टी सुप्रीमो मायावती के सबसे करीबी माने जाते हैं. सतीश मिश्र दलितों की पार्टी में सबसे प्रभावशाली ब्राह्मण नेता हैं. उद्योगों की नगरी कानपुर में 9 नवंबर 1952 को सतीश चंद्र मिश्र का जन्म हुआ. उन्होंने कानपुर से ग्रेजुएशन और इलाहाबाद से लॉ की डिग्री हासिल की.
सतीश मिश्र की शादी 1980 में कल्पना मिश्रा से हुई, उनके दो बेटी और एक बेटा है. सतीश चंद्र मिश्र की पहचान नामचीन वकीलों में की जाती है और वो बसपा सुप्रीमो मायावती के सबसे भरोसेमंद शख्स हैं. सतीश को बसपा सुप्रीमो मायावती का प्लान मेकर कहा जाता है. सतीश चंद्र ने अपने करियर में तेजी से सफलता हासिल की है. उन्हें 1998-99 में यूपी बार काउंसिल का चेयरमैन बनाया गया.
इसके बाद सतीश मिश्र की प्रतिभा और काबिलियत को देखते हुए उन्हें 2002 में कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया और 2004 में वह ऑल इंडिया बसपा के राष्ट्रीय महासचिव चुने गए. ब्राह्मण समाज से आने के बावजूद सतीश चंद्र की मानसिकता हमेशा दलित और शोषित लोगों के हित में रही है.
सतीश चंद्र मिश्र ने बसपा को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाई है. साल 2007 में सोशल इंजीनियरिंग का नया फॉर्मूला पेश करते हुए उन्होंने दलित-ब्राह्मण गठजोड़ को नया रूप दिया. जिससे बहन मायावती को यूपी में भारी बहुमत मिला. सतीश मिश्र 2004 से बसपा के नेशनल जनरल सेक्रेटरी और राज्यसभा सांसद हैं.
सतीश मिश्र ने बसपा से ब्राह्मणों को जोड़ने में अहम जिम्मेदारी निभाते हुए ब्राह्मण भाईचारा सम्मेलन की शुरुआत की. सतीश मिश्र के योगदान से 2007 में ब्राह्मणों के सहारे मायावती ने यूपी में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई. कहा जाता है कि बसपा सुप्रीमो मायावती सतीश मिश्रा पर काफी निर्भर हैं, मायावती के कार्यक्रमों की कमान सतीश चंद्र मिश्र के हाथों में रहती है. सतीश मिश्र पार्टी के सबसे भरोसेमंद हैं, उनका कहना है कि बसपा उनकी पहली और आखिरी पार्टी है.
सतीश चंद्र पेशे से वकील हैं, मायावती के आय से अधिक संपत्ति जैसे मामले वो ही देखते हैं. इसके अलावा मायावती के सार्वजनिक कार्यक्रम से पहले मिश्र भाषण तैयार करते हैं और सुरक्षा के इंतजाम की देखरेख करते हैं. सतीश चंद्र मिश्र बेबाकी से अपनी बात रखने और सीधा प्रहार करने के लिए जाने जाते हैं.