scorecardresearch
 

सस्ती डील, जल्द डिलीवरी: राफेल पर CAG रिपोर्ट से 10 बड़े खुलासे

Cag report on rafale deal मोदी सरकार ने बुधवार को राज्यसभा में कैग रिपोर्ट पेश की. इस रिपोर्ट में राफेल विमान सौदे से जुड़ी जानकारियां भी शामिल हैं. रिपोर्ट का दावा है कि एनडीए सरकार का राफेल सौदा पहले की तुलना में सस्ता है.

Advertisement
X
Rafale Plane
Rafale Plane

Advertisement

राफेल विमान सौदे में कथित घोटाले पर हो रहे हंगामे के बीच बुधवार को राज्यसभा में कैग रिपोर्ट पेश हुई. इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एनडीए सरकार का राफेल सौदा पूर्व की यूपीए सरकार से सस्ता था. हालांकि, रिपोर्ट में मोदी सरकार के उस दावे को भी खारिज कर दिया गया है जिसमें कहा जा रहा था कि राफेल विमान पिछली डील से 9 फीसदी सस्ती है. राज्यसभा में पेश हुई CAG रिपोर्ट की बड़ी बातें क्या हैं, यहां पढ़ें...

1.    NDA सरकार की राफेल डील पिछली सरकार से 2.86 फीसदी सस्ती.

2.    फ्लाई अवे प्राइस (तैयार विमान) का दाम यूपीए सरकार की डील के बराबर.

3.    मोदी सरकार ने जो 9 फीसदी सस्ती डील का दावा किया था, वह CAG रिपोर्ट से खारिज हुआ.

4.    CAG रिपोर्ट में राफेल विमान के दाम को नहीं बताया गया है.

Advertisement

5.    रिपोर्ट का दावा इस डील (36 विमान) में पिछली डील (126 विमान) का करीब 17.08 फीसदी पैसा बचा है.

6.    रक्षा मंत्रालय को काफी चरणों में इस डील को फाइनल करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा.

7.    पिछली डील के मुताबिक, राफेल विमान की डिलीवरी 72 महीने में होनी थी लेकिन इस डील में 71 महीने में ही डिलीवरी हो रही है.

8.    CCS के सामने सितंबर 2016 में सोवरन गारंटी और लेटर ऑफ कम्फर्ट पेश की गई थी. जिसमें तय हुआ था कि लेटर ऑफ कम्फर्ट को फ्रांस के प्रधानमंत्री के समक्ष रखा जाएगा.

9.    शुरुआती 18 राफेल विमान पिछली डील के मुकाबले 5 महीने पहले ही भारत में आ जाएंगे.

10.  रक्षा मंत्रालय की ओर से जनवरी 2019 में बताया गया था कि नई डील में बेसिक प्राइस 9 फीसदी सस्ता है. ये 2007 में 126 विमान के लिए पेश ऑफर की तुलना में सस्ता था.

यहां पढ़ें... CAG रिपोर्ट LIVE: राफेल डील UPA से सस्ती, 9% का मोदी सरकार का दावा खारिज

Advertisement
Advertisement