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चंद्रबाबू नायडू ने प्रशांत किशोर को कहा बिहारी डकैत, जेडीयू ने कहा माफी मांगें

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के द्वारा जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर को बिहारी डकैत संबोधित करने को लेकर जेडीयू ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और चंद्रबाबू नायडू से माफी मांगने की मांग के लिए कहा.

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अशोक चौधरी(फाइल फोटो)
अशोक चौधरी(फाइल फोटो)

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आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के द्वारा जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर को बिहारी डकैत संबोधित करने को लेकर जेडीयू ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और चंद्रबाबू नायडू से माफी मांगने की मांग के लिए कहा. पार्टी के वरिष्ठ नेता अशोक चौधरी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हम समझते हैं सामाजिक और राजनीतिक रूप से जो भी लोग सक्रिय हैं, ऐसे लोगों को शब्दों के प्रयोग में शालीनता बरतनी चाहिए. कहीं से भी ऐसे शब्दों का प्रयोग उचित नहीं है. मैं मानता हूं चंद्रबाबू नायडू देश के बड़े नेता है. इस तरह के शब्दों का प्रयोग करेंगे तो मैं समझता हूं कि चंद्रबाबू नायडू को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए.

एनडीए में सीट बंटवारे के बाद बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार चुनावी तैयारियों का जायजा लेने जेडीयू कार्यालय पहुंचे. उन्होंनें चुनाव की रणनीतियों पर पार्टी के नेताओं से विचार विमर्श किया. माना जा रहा है कि होली के बाद पार्टी अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर देगी. बिहार में बीजेपी 17 जेडीयू 17 और लोजपा 6 सीटों पर चुनाव लड़ रही है.

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इस बीच, टूट की कगार पर पहुंच चूकी महागठबंधन में फिर से तालमेल होने की सुगबुगाहट शुरू होने पर अशोक चौधऱी ने कहा कि महागठबंधन और एनडीए की तुलना नहीं की जा सकती है. हमने काफी पहले 17-17-6 का फॉर्मूला तय कर लिया था, लेकिन महागठबंधन अभी तक सीटों की संख्या को लेकर ही जूझ रहा है.

अशोक चौधरी जो की खुद बिहार प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस आरजेडी में गठबंधन हो भी जाए फिर भी कोई फर्क नहीं पड़ता. लेकिन कांग्रेस को इससे नुकसान होगा क्योंकि जब जब लालू प्रसाद यादव से कोई पार्टी गठबंधन करती है परेशान रहती है. उन्होंने कहा कि देखिए हम बार-बार बोलते हैं, हम खुद 2009 में जो हमारे अध्यक्ष थे हम उनके करीब भी रह चुके हैं और 2014 और 2015 हम खुद अध्यक्ष रह चुके है. कांग्रेस और लालू प्रसाद यादव को हमने बहुत करीब से देखा है लालू प्रसाद यादव कांग्रेस के लिए और गठबंधन के साथियों के लिए कभी भी ईमानदार नहीं रहे हैं.

 

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