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ताजमहल से नोएडा तक छवि बदलने में जुटे रहे योगी आदित्यनाथ

मुख्यमंत्री के तौर योगी आदित्यनाथ ने दो साल के कार्यकाल में एक के बाद एक ऐसे कदम उठाए हैं, जो उनकी परंपरागत छवि के बिल्कुल विपरीत है. योगी ताजमहल के बाहर झाड़ू लगाने से लेकर नोएडा आकर मिथक तोड़ने का साहस भरा कदम उठाया.

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ताजमहल के बाहर झाड़ू लगाते योगी आदित्यनाथ
ताजमहल के बाहर झाड़ू लगाते योगी आदित्यनाथ

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हिंदूवादी नेता के तौर पर अपनी सियासत की शुरुआत की, लेकिन दो साल पहले आज के ही दिन जब से वे सत्ता के सिंहासन पर विराजमान हुए हैं, तब से लगातार अपनी इमेज बनाने की कोशिश कर रहे हैं. सीएम के तौर योगी आदित्यनाथ ने एक के बाद एक ऐसे कदम उठाए हैं, जो उनकी परंपरागत छवि के बिल्कुल विपरीत है. योगी दो साल पहले जिस तरह से एक समुदाय के खिलाफ जहर उगलते थे, अब वैसे शब्द और भाषा का इस्तेमाल नहीं करते हैं. अपनी इमेज मेकओवर के लिए योगी परंपरागत कट्टरवादी हिंदुत्व की छवि से बाहर निकलने और समाज के सभी वर्गों के बीच गहरी पैठ बनाने की लगातार कोशिश में हैं.

नोएडा का मिथक तोड़ा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नोएडा आकर इस मिथक को तोड़ दिया है कि सीएम रहते हुए जो भी नेता आता है उसकी कुर्सी चली जाती है. अपशकुन का ये चक्रव्यूह इतना खतरनाक माना जाता है कि 19 सालों में सिर्फ मायावती ही बतौर सीएम नोएडा का दौरा किया था, लेकिन उसके बाद वो भी सत्ता में वापस नहीं आ सकीं. बावजूद इसके योगी आदित्यनाथ ने हिम्मत की और नोएडा में आने का साहस करके टोटके को खत्म कर रहे हैं.

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मध्यम वर्ग का दिल जीतने की जुगत

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की हिंदुत्व छवि के चलते उनकी पकड़ समाज के एक क्लास में है. सीएम बनने के बाद अब अपना दायरा बढ़ाना चाहते हैं. समाज के खासकर मिडिल क्लास के दिलों में अपनी जगह बनाने की दिशा में उन्होंने कदम बढ़ाया है. इसी के मद्देनजर उन्होंने यूपी के अलग-अलग शहरों खासकर नोएडा, ग्रेटर नोएडा और लखनऊ में बिल्डर्स से होम बायर्स को आवास दिलाने का बीड़ा उठाया.

बिल्डरों की तानाशाह रवैये से एक दशक से सूबे में होम बायर्स परेशान थे. बिल्डर्स होम बायर्स को आवास का कब्जा देने को तैयार नहीं थे. सूबे में सरकारें आईं और चली गईं, लेकिन होम बायर्स की परेशानियां जस की तस बनी रहीं. योगी के सत्ता में आते ही हजारों से ज्यादा बायर्स को घर उपलब्ध कराया. होम बायर्स में बड़ा तबका मिडिल क्लास से आता है. इसी तरह से मध्यमवर्ग का दिल जीतने की कवायद की है.

मदरसे और संस्कृत स्कूल

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक दौर में मदरसों के विरोध में थे. वो सीएम बनने से पहले तक योगी मदरसों को लेकर तरह तरह आरोप लगाते रहते थे. लेकिन अब मदरसों को लेकर उनके तेवर बदल गए हैं. योगी कह रहे हैं कि मदरसों को बंद करना हल नहीं है, बल्कि मदरसों और संस्कृत विद्यालय का आधुनिकीकरण करना चाहिए.  मदरसा और संस्कृत विद्यालय की बात एक साथ करना योगी की परपंरागत छवि के विपरीत नजर आ रहा है.

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मस्जिद जाने को राजी

मुख्यमंत्रत्री योगी आदित्यनाथ यूपी में हिंदुत्व के सबसे बड़े चेहरे के तौर पर पहचाने जाते हैं. सीएम बनने के पहले मुसलमानों को लेकर उनके विवादित बयान जगजाहिर हैं. अब सूबे के मुखिया हैं तो योगी मस्जिद भी जाने के लिए तैयार हैं. एक कार्यक्रम में योगी आदित्यनाथ ने कहा था,'अगर मुझे मस्जिद से आमंत्रण मिलता है तो मैं वहां भी जाऊंगा. मुझे बतौर मुख्यमंत्री कहीं जाने में कोई दिक्कत नहीं. वैसे मैं हिंदू हूं और मेरी आस्था के अनुसार पूजा पद्धति की मुझे स्वतंत्रता है. मैं प्रदेश के हर धर्म-मत के नागरिक का मुख्यमंत्री हूं और सबको अपनी आस्था का अनुसरण करने के लिए सरकार पूरी सुरक्षा देगी.'

ताजमहल में झाड़ू लगाई

उत्तर प्रदेश में बीजेपी नेता जिस समय ताजमहल को लेकर बयानबाजी कर रहे थे और पार्टी के कई नेता ताजमहल को शिवमंदिर बताने में लगे थे. उसी समय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वच्छता अभियान के तहत ताजमहल के परिसर में जाकर झाड़ू लगाई थी. योगी आदित्यनाथ का ताज परिसर में झाड़ू लगाना और ताज परिसर को सुंदर बनाने की लिए शुरू की गई योजनाएं उनके ही पार्टी के कई नेताओं को बहुत खली थीं. लेकिन योगी का ये कदम उनकी छवि को बदलने वाली नजर आई थी.

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