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चेन्नई सेंट्रल लोकसभा सीट: DMK का गढ़ रही इस सीट पर है AIADMK का कब्जा

Chennai Central Lok Sabha Constituency तमिलनाडु की चेन्नई साउथ लोकसभा सीट राजनीतिक समीकरण के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है. डीएमके का गढ़ रही इस सीट पर 2014 में एआईएडीएमके ने कब्जा कर लिया. बदलते राजनीतिक समीकरण के बीच देखना होगा कि 2019 लोकसभा चुनाव में कौन बाजी मारेगा.

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प्रतीकात्मक तस्वीर (इंडिया टुडे आर्काइव)
प्रतीकात्मक तस्वीर (इंडिया टुडे आर्काइव)

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दक्षिण भारत की राजनीति में तमिलनाडु का चेन्नई सेंट्रल संसदीय क्षेत्र कई मायनों में अहम है. यह भारत के सबसे छोटे लोकसभा क्षेत्रों में से एक है. इस संसदीय क्षेत्र को द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) का गढ़ माना जाता है. लेकिन 2014 में ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के एस.आर. विजयकुमार ने पहली बार जीत हासिल करके पार्टी के सूखे को खत्म कर दिया.

राजनीतिक पृष्ठभूमि

इस सीट पर मारन परिवार का दबदबा रहा है, अस्तित्व में आने के बाद 1977 से  2014 तक यहां 11 बार लोकसभा चुनाव हुए हैं.  जिसमें 7 बार द्रमुक (डीएमके) और 3 बार कांग्रेस को जीत मिली है. हालांकि 2014 में ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के एस.आर. विजयकुमार ने डीएमके के बड़े नेता दयानिधि मारन को  45,841 वोटों से मात देकर पहली बार सीट पर कब्जा किया.  2014 में  चेन्नई सेंट्रल लोकसभा सीट पर  61.39  फीसदी वोटिंग हुई थी. जिसमें एआईएडीएमके को 40.9 प्रतिशत, डीएमके को 35.28 प्रतिशत और कांग्रेस को  3.19 प्रतिशत वोट मिले थे. वहीं 2009 में  61.03 फीसदी वोटिंग हुई थी जिसमें एआईएडीएमके को 41.34 प्रतिशत, डीएमके को 46.82 प्रतिशत वोट मिले थे.  बता दें कि राज्य के 39 लोकसभा संसदीय क्षेत्रों में से 37 पर एआईएडीएमके का कब्जा है. तमिलनाडु राज्य में सत्तारूढ़  एआईएडीएमके के अलावा डीएमके दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है. हालांकि 2014 लोकसभा चुनाव में डीएमके का खाता भी नहीं खुला था. वहीं बीजेपी की राज्य में जड़े मजबूत नहीं हैं.

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सामाजिक ताना-बाना

तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई के अंतर्गत आने वाली तीन लोकसभा सीटों में से चेन्नई सेंट्रल की खास अहमियत है. यह देश का छठा सबसे ज्यादा आबादी वाला शहर है तो वहीं दुनिया का 31वां सबसे बड़ा शहरी क्षेत्र भी है. यह बंगाल की खाड़ी से सटे कोरोमंडल तट पर स्थित है. चेन्नई सेंट्रल भारत के सबसे छोटे लोकसभा क्षेत्रों में से भी एक है.  2011 की जनगणना के मुताबिक चेन्नई सेंट्रल संसदीय क्षेत्र की कुल जनसंख्या 16,31,196 है. जो 100 फीसदी शहरी आबादी है. यहां अनुसूचित जाति (SC) की जनसंख्या 17.84 प्रतिशत है तो वहीं अनुसूचित जनजाति (ST) की  आबादी  0.29  फीसदी है.

चेन्नई सेंट्रल में आने वाली विधानसभा सीटें

चेन्नई सेंट्रेल संसदीय क्षेत्र में कुल छह विधानसभाएं आती हैं. जिसमें विलिवक्कम (Villivakkam), एग्मोर (Egmore-SC), हार्बर (Harbour), चेपक थिरुवल्लिकेनी (Chepauk Thiruvallikeni), थाउजेंड लाइट्स (Thousand Lights) और अन्ना नगर (Anna Nagar) शामिल हैं.

चेन्नई सेंट्रल लोकसभा सीट का 2014 का जनादेश

एआईएडीएमके के  एस.आर. विजयकुमार को 13,28,027 में से 3,33,296 वोट मिले थे, जबकि उनके प्रतिद्वंदी और डीएमके नेता दयानिधि मारन को 287455 वोट मिले थे. वहीं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) को 25,981, आम आदमी पार्टी (AAP) को 19,553 और नोटा को 21,959 वोट मिले थे. चेन्नई सेंट्रल संसदीय क्षेत्र में कुल 1,328,027 मतदाता हैं, जिसमें 6,65,278 पुरुष और 6,62,749 महिलाएं शामिल हैं. 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में 422,278 पुरुषों और 392616 महिलाओं ने मतदान किया था यानी कुल 8,14,849 मतदाताओं ने वोट डाला था. संसदीय क्षेत्र में कुल 61.39 फीसदी वोटिंग हुई थी.

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सांसद का रिपोर्ट कार्ड

लॉ में ग्रेजुएट 44 वर्षीय सांसद एस.आर. विजयकुमार 2014 में पहली बार लोकसभा सांसद बने. विजयकुमार की सामाजिक कार्यों में विशेष रूचि है. वह फ्री मेडिकलचेकअप, ब्लड डोनेशन कैंप का आयोजन करते रहे हैं और गरीब बच्चों को फ्री ट्यूशन देते हैं. सांसद एस.आर. विजयकुमार की संसद में 78.19 फीसदी उपस्थिति रही है. वह 321 में से 251 दिन सदन में उपस्थित रहे. वहीं सांसद विजयकुमार ने सिर्फ 64 बहसों में हिस्सा लिया. इसके अलावा सदन में पूछे गए सवालों के मामले में भी उनका प्रदर्शन औसत ही रहा, उन्होंने अधिकतम कुल 884 सवाल पूछे. सांसद विजयकुमार 16वीं लोकसभा में कोई प्राइवेट बिल नहीं लाए. वहीं सांसद निधि के खर्च की बात करें तो उन्होंने संसदीय क्षेत्र के विकास कार्यों में 21.55 करोड़ रुपये खर्च कर दिए. यानी उन्होंने प्राप्त राशि से 95.78 फीसदी रकम खर्च कर दी.

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