राजस्थान की राजनीति में पहली बार ऐसा हुआ है कांग्रेस ने झुंझुनू लोकसभा सीट के पुराने और कद्दावर नेता शीशराम ओला के परिवार से उम्मीदवार नहीं उतारा. शीशराम ओला जब तक जीवित रहे, तब तक झुंझुनू सीट पर कांग्रेस की तरफ से उन्हीं के परिवार का वर्चस्व रहा. झुझुंनू विधानसभा सीट से उनके बेटे विजेंदर ओला विधायक हैं. पिछली बार गहलोत सरकार में मंत्री भी थे.
शीशराम ओला के निधन के बाद उनकी बहू राजबाला ओला कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ी थीं लेकिन बीजेपी के संतोष अहलावत से चुनाव हार गईं. इस बार कांग्रेस ने ओला परिवार को दरकिनार करते हुए दूसरे चेहरे पर दांव खेला है. झुंझुनू सीट पर इस बार कांग्रेस ने श्रवण कुमार को प्रत्याशी बनाया. इस ऐलान के बाद कयास लगाए जा रहे थे की राजस्थान कांग्रेस में भूचाल आएगा लेकिन शनिवार जयपुर में झुंझुनू जिले के सभी बड़े कांग्रेसी नेताओं और विधायकों ने एक साथ आकर एकजुटता का परिचय दिया.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर जयपुर में झुंझनू जिले के विधायक राजकुमार शर्मा, विधायक डॉ. जितेंद्र सिंह, जेपी चंदेलिया समेत विधानसभा का चुनाव हारने वाली रीटा चौधरी भी श्रवण कुमार के साथ मौजूद रहीं. इस गुट को ओला परिवार का विरोधी माना जाता है.
कांग्रेस की इस एकजुटता बैठक में विधायक विजेंदर ओला शामिल नहीं हुए. विजेंदर ओला को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट का बेहद करीबी माना जाता है. श्रवण कुमार ने कहा कि ओला परिवार भी मान जाएगा. श्रवण कुमार ने उदाहरण देते हुए कहा कि लगन के समय कोई भाई रूठा रहता है, ब्याह आते ही वह मान जाता है. श्रवण ने कहा कि शीशराम ओला उन्हें अपना तीसरा पुत्र मानते थे.
एकजुटता बैठक में शामिल होने आए विधायक राजकुमार शर्मा ने कहा की झुंझुनू जिला सैनिकों का जिला है लेकिन यहां सैनिकों की शहादत पर राजनीति करने वाली भाजपा की दाल नहीं गलेगी. विधायक डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि भले ही सचिन पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया और उन्हें भी कैबिनेट में जगह नहीं मिली लेकिन इसके बाद भी गुर्जर वोट कांग्रेस के साथ है. विधायक जेपी चंदेलिया ने कहा कि भाजपा को पता है झुंझुनू में उनकी हालत खराब है लिहाजा उन्होंने अपना प्रत्याशी बदल दिया.
झुंझुनू लोकसभा सीट से बीजेपी के प्रत्याशी और मंडावा से मौजूदा विधायक नरेंद्र खीचड़ से 22 वोटों से हारी रीटा चौधरी ने कहा कि कांग्रेस ने तीन महिला को टिकट दिए गए हैं लेकिन भाजपा ने एक भी महिला का नहीं होना बताता है कि महिलाओं के राजनीतिक अधिकारों को लेकर उनकी सोच क्या है.
झुंझुनू की राजनीति का जयपुर में तय किया जाना सबको चौंका गया. माना जा रहा है कि राजस्थान कांग्रेस में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं है लिहाजा ओला परिवार को मनाने की बड़ी जिम्मेदारी कांग्रेस के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर होगी.
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