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मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष का महामंथन, सोनिया-राहुल के साथ 12 दलों की बैठक

कार्यक्रम में शामिल हो रहे एनजीओ और सिविल सोसायटीज की मानें तो अलग-अलग राजनीतिक दलों के घोषणा पत्र में 42 ऐसे मुद्दे हैं जो कॉमन हैं, ये संस्थाएं ऐसे 15 महत्वपूर्ण एजेंडे की पहचान करेंगी जिनपर साथ मिलकर काम किया जा सके. इन मुद्दों के आधार पर कॉमन मिनिमम एजेंडा तैयार किया जाएगा.

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यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (फाइल फोटो)
यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (फाइल फोटो)

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केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को घेरने के लिए विपक्ष देश के 200 गैर सरकारी संगठनों (NGOs) के साथ मिलकर शनिवार को महामंथन करने जा रहा है. दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में होने वाले इस कार्यक्रम में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के भी शामिल होने की संभावना है. इस कार्यक्रम में देश भर से 200 एनजीओ और सिविल सोसायटीज के 6000 प्रतिनिधि शिरकत कर रहे हैं.

बैठक में मुख्यधारा की 12 राजनीति पार्टियों के नुमाइंदे शामिल होने वाले हैं. लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान हो रही इस कवायद को नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ जनमत तैयार करने की बड़ी कोशिश मानी जा रही है.

इस कार्यक्रम में कांग्रेस, लेफ्ट पार्टियां, आरजेडी, डीएमके, टीडीपी, एनसीपी, एनसी, टीएमसी, आप और स्वराज अभियान के नेता शिरकत करने आ रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक सोनिया-राहुल के अलावा इस कार्यक्रम में सीताराम येचुरी, योगेन्द्र यादव, मनोज झा, कविता कृष्णन और डी राजा शिरकत कर सकते हैं. इस महामंथन कार्यक्रम में देश के लिए कॉमन एजेंडे पर बात होगी और सेेक्युलर, समावेशी नीतियों में विश्वास करने वाली पार्टियों, संस्थाओं के लिए एक कॉमन प्लेटफॉर्म बनाने पर चर्चा होगी.

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कार्यक्रम में शामिल हो रहे एनजीओ और सिविल सोसायटीज की मानें तो अलग अलग राजनीतिक दलों के घोषणा पत्र में 42 ऐसे मुद्दे हैं जो कॉमन हैं, ये संस्थाएं ऐसे 15 महत्वपूर्ण एजेंडे की पहचान करेंगी जिनपर साथ मिलकर काम किया जा सके. इन मुद्दों के आधार पर कॉमन मिनिमम एजेंडा तैयार किया जाएगा. ये संस्थाएं मोदी सरकार के खिलाफ चार्जशीट भी तैयार करेंगी. इस कॉमन मिनिमम एजेंडा और चार्जशीट को चुनाव के दौरान पूरे भारत भर में बांटा जाएगा.

बता दें कि इस कार्यक्रम को आयोजित करने में समृद्ध भारत फाउंडेशन का अहम योगदान है. समृद्ध भारत फाउंडेशन एक सामाजिक-राजनीतिक संगठन है. इससे दलों के लोग जुड़े हैं. ये संस्था राजनीतिक दलों और गैर सरकारी संगठनों के बीच पुल का काम कर रही है. इस संस्था ने इन 12 पार्टियों के साथ 9 महीनों तक काम किया है ताकि एक प्रगतिशील एजेंडा का निर्माण किया जा सके. इससे पहले 27 जनवरी को इनकी मीटिंग हुई थी.

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