कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा के बयान के बाद कांग्रेस बैकफुट पर है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने फेसबुक पर पोस्ट लिखकर सैम पित्रोदा के बयान से पार्टी को अलग किया और उनसे मांफी मांगने के लिए कहा है. राहुल ने कहा कि 1984 का सिख दंगा आहत करने वाला था. इस घटना के गुनाहगारों के खिलाफ कार्रवाई हुई है. हम इस नरसंहार का समर्थन नहीं करते हैं.
इससे पहले कांग्रेस ने बकायदा एक लेटर जारी करके इस बयान से खुद को अलग कर लिया है. कांग्रेस ने कहा कि हम किसी भी दंगे या सांप्रदायिक हिंसा के खिलाफ हैं और इसको स्वीकार नहीं करते हैं. सिख दंगों के पीड़ितों के साथ हम हैं और उन्हें न्याय दिलाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं.
सैम पित्रोदा के बयान से खुद को अलग करते हुए कांग्रेस ने कहा कि हमने अपने नेताओं से संवेदनशील और संभलकर बयान देने की अपील की है. कांग्रेस ने कहा कि हमारा मानना है कि 1984 के सिख दंगों की ही तरह 2002 के गोधरा दंगों के पीड़ितों को न्याय मिलना चाहिए. किसी भी जाति, धर्म या पंथ के खिलाफ किए गए नरसंहार का कांग्रेस समर्थन नहीं करती है.
बीजेपी पर हमला बोलते हुए कांग्रेस ने कहा कि मालेगांव बम धमाकों की आरोपी साध्वी प्रज्ञा को बीजेपी ने टिकट दे दिया, लेकिन हमने 1984 दंगों के नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की.
Congress party issues statement over Sam Pitroda's remark on 1984 anti-Sikh riots. States, '...We continue to support the quest for justice for 1984 riot victims. Any opinion remark made by any individual to the contrary including Sam Pitroda is not the opinion of Congress party' pic.twitter.com/Yd1rxfYCYe
— ANI (@ANI) May 10, 2019
इसके अलावा पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि मैं सैम पित्रोदा के बयान से बिल्कुल भी इत्तेफाक नहीं रखता हूं. 1984 दंगा पीड़ितों को अब तक इंसाफ नहीं मिल सका है और अगर ये कहा जाए कि अब जो हुआ सो हुआ उसे भूल जाओ तो ये कहना उन दंगा पीड़ितों के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा होगा. कल को आप गोधरा पीड़ितों के लिए भी यही कहेंगे.
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि 1984 दंगों के लिए कांग्रेस पार्टी नहीं बल्कि कुछ लोग जिम्मेदार है. उसमें अगर कांग्रेस के लोग थे तो आरएसएस और बीजेपी से जुड़े लोग भी दंगों में शामिल थे. मैं तो पहले भी कई बार कह चुका हूं कि कांग्रेस पार्टी के पांच लोग जिनके नाम मैं कई बार खुले तौर पर लेता हूं वो इन दंगों में शामिल थे और उनको लेकर कानून अपना काम कर रहा है, लेकिन मैं मोदी जी से सवाल पूछना चाहता हूं कि अगर आप राजीव गांधी को 1984 सिख दंगों के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं तो क्या हम गोधरा के लिए आपको जिम्मेदार मानें? क्योंकि आप भी उस वक्त उस राज्य के मुख्यमंत्री थे.
बीजेपी पर निशाना साधते हुए सीएम अमरिंदर ने कहा कि जहां तक मुझे जानकारी है राजीव गांधी उस वक्त बंगाल या बिहार में बैठे हुए थे, जब उन्हें इंदिरा गांधी जी की मृत्यु की खबर मिली. ऐसे में उनका हाथ इन दंगों में कैसे हो सकता है. दूसरी बात ये जो कहा जा रहा है कि राजीव गांधी अपने ऑफिस से पूरे दंगों को मॉनिटर कर रहे थे. ये बेबुनियाद आरोप है और इसमें कोई तर्क नहीं है. ये सिर्फ राजनीतिक फायदे के लिए मोदी और अकाली दल की तरफ से कहा जा रहा है. अगर वो कांग्रेस और राजीव गांधी को 1984 दंगों के लिए जिम्मेदार ठहराते हैं तो क्या हम गोधरा के लिए भी मोदी को जिम्मेदार मानें ये मेरा उनसे सवाल है.
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आरोप लगाया कि हर बार चुनाव के दौरान अकाली दल और बीजेपी राजनीतिक फायदे के लिए 1984 सिख दंगों के मुद्दे को हवा दे देते हैं ताकि उन्हें वोट मिल सकें.
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