गांधी परिवार के गढ़ अमेठी में सियासी घमासान तेज हो गया. आज राहुल ने अमेठी की जनता के नाम चिट्ठी लिखी तो स्मृति ने अमेठी के सांसद पर गायब रहने का तंज किया. राहुल के बचाव में प्रियंका ने फौरन मोर्चा संभाला और स्मृति इरानी पर पलटवार किया.
पांचवें दौर के चुनाव से पहले रायबरेली और अमेठी की जंग तेज हो गई है. राहुल गांधी ने आज अमेठी की जनता के नाम भावुक चिट्ठी लिखी, जिसमें उन्होंने अमेठी को अपनी ताकत बताया. अमेठी की जनता के प्रति अपना प्यार जताया, लेकिन चिट्ठी के आखिर में जो कुछ लिखा उससे सियासी घमासन शुरू हो गया.
राहुल ने खत में लिखा, 'अमेठी मेरा परिवार है और ये मुझे हिम्मत देता है, जिससे मैं गरीबों और कमजोरों की पीड़ा को सुन सकूं, उनकी आवाज उठा सकूं और सबके लिए एक समान न्याय का संकल्प ले सकूं.' राहुल ने अपने पत्र में अमेठी को कर्मभूमि बताते कहा है कि अमेठी के लोगों से मिले प्यार के आधार पर मैंने देश को उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक जोड़ने की कोशिश की.
राहुल गांधी ने अमेठी के नाम अपने पत्र में कहा है कि केंद्र में कांग्रेस सरकार बनते ही बीजेपी द्वारा अमेठी के लिए रोके गए सारे काम तेजी से पूरे होंगे. अब राहुल गांधी के इस पत्र का उत्तर अमेठी की जनता 6 मई को देगी, लेकिन स्मृति ईरानी की तरफ से जवाब आ चुका है.
स्मृति ईरानी ने लिखा, 'अमेठी आने की बजाय राहुल गांधी का पत्र लिखना यह साबित करता है कि उनके पास यहां के लोग महत्वपूर्ण नहीं है. मैं कहना चाहती हूं कि राहुल गांधी का एंटी-नेशनल चेहरा सबके सामने आ गया है.'
खैर, स्मृति ईरानी के इस आरोप में दम हो सकता है कि राहुल गांधी अमेठी में टाइम नहीं दे पा रहे हैं. इसलिए पत्र लिखकर काम चला रहे हैं, लेकिन प्रियंका गांधी ने अमेठी में अपने भाई की गैर मौजूदगी की भरपाई करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. अब अमेठी की जनता तो तय करना है कि वो किसके हक में फैसला सुनाती है.
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