पश्चिम बंगाल में चुनाव आयोग की ओर से गुरुवार रात 10 बजे के बाद 9 लोकसभा सीटों पर किसी भी तरह के चुनाव प्रचार पर रोक लगाए जाने के फैसले के बाद राजनीतिक विवाद बढ़ गया है. कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर हमला करते हुए इसे लोकतंत्र पर काला धब्बा करार दिया, साथ ही कहा कि आयोग अपनी विश्वसनीयता खो चुका है. मायावती ने भी इसी मामले पर आयोग पर निशाना साधा.
चुनाव आयोग के फैसले पर कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीत सिंह सुरजेवाला ने कहा कि चुनाव आयोग अपनी निर्भीकता और निष्पक्षता के लिए जाना जाता रहा है, लेकिन अब जब निष्पक्ष चुनाव की प्रक्रिया खतरे में है तो आयोग डरा, थका, असहाय और असमंजस की स्थिति में दिख रहा है. ऐसा लगता है चुनाव आचार संहिता अब मोदी की चुनाव प्रचार संहिता बन गई है. आयोग ने अपनी विश्सनीयता खो दी है.चुनाव आयोग नतमस्तक
कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर एक बार फिर हमला करते हुए इस फैसले को लोकतंत्र पर काला धब्बा करार दिया. कांग्रेस की ओर से रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि मोदी और शाह के आगे चुनाव आयोग नतमस्तक हो गया है. आयोग के फैसले के मोदी की रैली का रास्ता साफ हो गया है. उन्होंने कहा कि आज जब लोकतंत्र पर मोदी, शाह और बीजेपी द्वारा सीधा हमला बोला जा रहा है, तब चुनाव आयोग डरा, थका और असहाय होकर प्रजातंत्र का चीरहरण होते हुए देख रहा है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से कोलकाता में बीजेपी के गुंडों ने ईश्वर चंद विद्यासागर की मूर्ति तोड़ी और फिर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई.
सुरजेवाला ने आयोग की आलोचना करते हुए कहा कि कल जिस तरह चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में 19 घंटे पहले चुनाव प्रचार को रोक दिया, ये देश के प्रजातंत्र पर काला धब्बा है. आयोग ने घटना के 24 घंटे बाद आज रात 10 बजे के बाद चुनाव प्रचार पर क्यों रोक लगाई. ऐसा लगता है कि आयोग के फैसले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आज मथुरापुर और दमदम में होने वाली दो रैलियों के लिए फ्री पास दे दिया गया है.
कांग्रेस ने कहा कि इस आदेश ने संविधान के अनुच्छेद 324 की परिपाटी और अनुच्छेद 14 एवं 21 की परिपाटी और मान्यताओं को धूमिल किया है. ऐसा लगता है कि चुनाव आयोग का यह आदेश मोदी के लिए गिफ्ट है.
चुनाव आयोग शक्तिहीन और मूकदर्शक
कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि कोलकाता में जिस तरह की हिंसा और गुंडागर्दी की गई. अमित शाह उस रोड शो का नेतृत्व कर रहे थे, उनको सजा देने के बजाए चुनाव आयोग यह कह रहा है कि वो शक्तिहीन और मूकदर्शक है. क्या मोदी और अमित शाह ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता और निर्भीकता पर जबरन कब्जा कर लिया है? आज देश का नागरिक चुनाव आयोग से कुछ सवालों के जवाब चाहता है.
सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस ने सबूतों के साथ 11 शिकायतें दर्ज कराई थी, जिसमें नरेंद्र मोदी और अमित शाह द्वारा चुनाव आचार संहिता का घोर उल्लंघन किया गया था. बावजूद इसके, चुनाव आयोग द्वारा कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई. मोदी और शाह लगातार आचार संहिता तोड़ रहे हैं.
मायावाती ने चुनाव आयोग पर बरसते हुए कहा कि आयोग ने पश्चिम बंगाल में 10 बजे रात से चुनाव प्रचार पर बैन इसलिए लगाया है जिससे दिन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बंगाल में दो चुनावी रैलियां हो सके. अगर चुनाव आयोग ने प्रचार पर बैन लगाया है तो सुबह से ही क्यों नहीं?
हालांकि कांग्रेस के इतर बिहार में बीजेपी की साथी जेडीयू ने इसी मामले पर बंगाल सरकार को बर्खास्त करने की मांग की है. जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) नेता अजय आलोक ने कहा कि राष्ट्रपति को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए और राज्य सरकार को बर्खास्त कर देना चाहिए. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ एक्शन लेना चाहिए.
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