देश की सात केंद्र शासित प्रदेशों में से एक दादर नागर हवेली की राजधानी सिलवासा है. दादर नागर हवेली लोकसभा सीट से 11 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं, जहां तीसरे चरण के तहत 23 अप्रैल को मतदान होना है. इस सीट पर बीजेपी ने पटेल नाटू भाई गोमाभाई को टिकट दिया है वहीं कांग्रेस ने टोकरिया प्रभुभाई को अपना प्रत्याशी बनाया है. बहुजन समाज पार्टी ने जनाथिया प्रवीनभाई को उम्मीदवार बनाया है. वहीं भारतीय ट्राइबल पार्टी की तरफ भीखलभाई वनासभाई खुलत चुनाव मैदान में हैं.
बहरहाल, दादरा और नगर हवेली कांग्रेस के लिए एक महत्वपूर्ण संसदीय क्षेत्र है क्योंकि पार्टी ने इस सीट से सबसे ज्यादा बार जीत दर्ज की है. बीजेपी ने यहां से वर्तमान सांसद नाटूभाई पटेल को दोबारा टिकट देकर विश्वास जताया है.
इस निर्वाचन क्षेत्र के बारे में एक दिलचस्प बात यह है कि इसने कई बार स्वतंत्र उम्मीदवारों को अपना प्रतिनिधि चुना है. दादर और नगर हवेली में 1967 में हुए लोकसभा चुनाव को कांग्रेस ने जीता था और इसके बाद 1971, 1977 और 1980 के चुनावों में इस जीत को पार्टी ने बरकरार रखा. 1984 के चुनावों में स्वतंत्र उम्मीदवार के हाथों कांग्रेस ने सीट अपने हाथों से गंवा दी.
1989 के चुनावों में निर्दलीय उम्मीदवार ने सीट पर कब्जा जमाए रखा. कांग्रेस ने 1991 के चुनावों में इस सीट को फिर हथिया लिया. 1996 के चुनावों में भी कांग्रेस यहां से जीतने में कामयाब रही. भारतीय जनता पार्टी ने 1998 में इस निर्वाचन क्षेत्र से खाता खोला. 1999 में ये सीट निर्दलीय उम्मीदवार के खाते में चली गई. 2004 के चुनावों में, भारतीय नवशक्ति पार्टी(बीएनपी) के उम्मीदवार मोहनभाई डेलकर विजेता रहे. 2009 और 2014 में यहां बीजेपी का कब्जा है.
इस लोकसभा सीट पर 2014 में पुरुष मतदाताओं की संख्या 106,215 थी, जिनमें से 87,800 ने वोटिंग में भाग लिया. वहीं पंजीकृत 90,402 महिला वोटर्स में से 77,486 महिला वोटर्स ने भाग लिया था. इस तरह कुल 196,617 मतदाताओं में से कुल 165,286 ने चुनाव में अपनी हिस्सेदारी तय की. मोहनभाई संजीभाई डेलकर इस सीट से छह सांसद रह चुके हैं और 1989 से 2004 तक संसद में दादर नागर हवेली का प्रतिनिधित्व करते रहे. अपने सियासी सफर में वे कई पार्टियों से रिश्ता जोड़ते रहे.
बता दें कि 2014 के चुनाव में दादर नागर हवेली सीट से चुनाव लड़ने वालों में बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही मुख्य टक्कर देखी गई. बीजेपी की टिकट से खड़े हुए नटूभाई पटेल को कुल 80,790 वोट मिले. वहीं कांग्रेस के मोहनभाई डेलकर 74,576 वोटों पर सिमट गए. इस तरह नटूभाई की 6214 वोट के अंतर से जीत दर्ज करने में कामयाब रहे. इस लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी और नटूभाई की ये लगातार जीती थी.
इससे पहले 2009 के चुनाव में नटूभाई पटेल को कांग्रेस उम्मीदवार मोहनभाई डेलकर को मिले 50624 वोटों के मुकाबले 51242 वोट मिले थे. इस तरफ वे महज 618 वोट से विजयी हुए थे. वहीं, 2004 के चुनाव में बीएनपी के मोहनभाई डेलकर को 34665 वोट मिले थे, वहीं, कांग्रेस के सीताराम गाविल को 21772 वोट हासिल हुए थे.
इस सीट से वर्तमान सांसद नटूभाई पटेल हैं. 4 मई 1972 को जन्मे नटूभाई पटेल पेशे से किसान हैं. उन्होंने महज स्कूली शिक्षा हासिल की है. उनकी पत्नी का नाम जयश्रीबेन पटेल है और उनके परिवार में एक बेटा एक बेटी है. जनवरी, 2019 तक mplads.gov.in पर मौजूद आंकड़ों के मुताबिक, बीजेपी सांसद नटूभाई पटेल ने अभी तक अपने सांसद निधि से क्षेत्र के विकास के लिए 27.11 करोड़ रुपए में से 21.29 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. उन्हें सांसद निधि से अभी तक 21.30 करोड़ (ब्याज के साथ) मिले हैं. इनमें से 0.01 करोड़ रुपये अभी खर्च नहीं किए गए हैं. उन्होंने जारी किए जा चुके रुपयों में से 106.44 फीसदी खर्च किया है.