दिल्ली बीजेपी ने मांग की है कि चुनाव आयोग मस्जिदों और मुस्लिम बहुल इलाकों में स्पेशल ऑब्जर्वर की नियुक्ति करे ताकि लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान मुस्लिम वोटरों को बरगला ना जा सके. दिल्ली बीजेपी ने इसके लिए चुनाव आयोग को एक लंबा चौड़ा पत्र लिखा है और कहा है कि रमजान के दौरान मुस्लिमों को धार्मिक आधार पर मतदान करने के लिए उकसाया जा सकता है, ऐसा ना हो इसके लिए जरूरी है कि चुनाव आयोग पर्यवेक्षकों की नियुक्ति करे.
बीजेपी ने पत्र में आरोप लगाया है कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पिछले कुछ दिनों से मुस्लिम बहुल इलाकों में भड़काऊ भाषण और आधारहीन बयान दे रहे हैं और मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं. बीजेपी ने पत्र में कई उदाहरण भी दिए हैं.
भारतीय जनता पार्टी द्वारा आप विधायक अमानतुल्लाह खान के बयान का भी जिक्र किया गया है. बीजेपी ने कहा है कि उसे इस बात की पर्याप्त आशंका है कि केजरीवाल और उनकी पार्टी के दूसरे नेता धर्म के नाम पर मुस्लिम वोटरों को प्रभावित करने की कोशिश करेंगे.
Delhi BJP writes to Election Commission requesting it to "appoint Special Observer for the mosques especially in Muslim dominated areas so that political/religious leaders cannot spread hate among people to influence elections" pic.twitter.com/klvvuZ4lG2
— ANI (@ANI) March 16, 2019
बीजेपी ने आगे पत्र में लिखा है कि कई बार ऐसे भाषण मस्जिदों में और आसपास दिए जाते हैं जहां अल्पसंख्यक समाज के मासूम लोग शुक्रवार को नमाज पढ़ने के लिए जमा होते हैं. यहां पर ये लोग नेताओं की नफरत की राजनीति का आसानी से शिकार बन जाते हैं. बीजेपी के मुताबिक रमजान के पवित्र महीने में इसकी बेहद आशंका है कि मुसलमानों को भड़काने के लिए धर्म की राजनीति का इस्तेमाल किया जाए.
बीजेपी ने चुनाव को जानकारी दी है कि ये भाषण इन पवित्र स्थानों पर पर्दे के पीछे होते हैं इसलिए प्रशासन की नजर में नहीं आते हैं. भाजपा ने आगे कहा है कि इसलिए चुनाव आयोग से उनकी अपील है कि मुस्लिम बहुत इलाकों में स्थित मस्जिदों के लिए स्पेशल ऑब्जर्वर नियुक्त किया जाए ताकि राजनीतिक और धार्मिक नेता लोगों के बीच नफरत नहीं फैला सकें और मतदाताओं को धर्म के आधार पर प्रभावित नहीं कर सकें. इससे आदर्श आचार संहिता का भी उल्लंघन नहीं होगा. बीजेपी ने कहा है कि अगर कोई शख्स आचार संहिता का उल्लंघन करता है कि पर्यवेक्षक की रिपोर्ट के आधार पर चुनाव आयोग उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे.