राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन को लेकर अगले 2 दिनों में फैसला हो जाएगा. इस मामले को लेकर कांग्रेस की सेंट्रल इलेक्शन कमेटी 11 अप्रैल के दिन बैठक करने जा रही है. माना जा रहा है कि इससे पहले स्क्रीनिंग कमेटी की मीटिंग में गठबंधन होने या ना होने के लिहाज से उम्मीदवारों की लिस्ट तैयार कर ली जाएगी.
पिछले कुछ समय से आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर अटकलें चल रही हैं. हालांकि आम आदमी पार्टी दिल्ली की सभी सात लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार चुकी है. माना जा रहा है कि 11 अप्रैल की बैठक के दिन ही कांग्रेस की सेंट्रल इलेक्शन कमेटी दिल्ली सहित हरियाणा और पंजाब के उम्मीदवारों पर आखिरी मुहर लगा सकती है.
पार्टी की सेंट्रल इलेक्शन कमेटी की बैठक से पहले दिल्ली कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी की अहम बैठक होगी, जिसमें गठबंधन होने या ना होने की सूरत में उम्मीदवारों की सूची तैयार की जाएगी. दिल्ली कांग्रेस प्रवक्ता जितेंद्र कोचर ने बताया कि 11 अप्रैल को कांग्रेस सेंट्रल इलेक्शन कमेटी की बैठक है, जिसमें दिल्ली के उम्मीदवारों के नाम पर चर्चा की जाएगी.
दिल्ली कांग्रेस के नेताओं को अभी तक आम आदमी पार्टी से सीटों के बंटवारे पर सहमति हासिल नहीं हुई है. कांग्रेस सूत्र बताते हैं कि आम आदमी पार्टी कांग्रेस पर हरियाणा में जेजेपी के साथ गठबंधन का दबाव बना रही है. आम आदमी पार्टी द्वारा यह पहले ही साफ कर दिया गया है कि अगर दिल्ली में कांग्रेस के साथ गठबंधन होगा, तो हरियाणा में भी होगा. वरना दिल्ली में भी कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं होगा.
फिलहाल इसको लेकर गुलाम नबी आजाद और अहमद पटेल की अगुवाई में कोशिशें जारी हैं. 11 अप्रैल को कांग्रेस की सेंट्रल इलेक्शन कमेटी की बैठक के बाद ही यह साफ हो पाएगा कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगी य़ा फिर अलग-अलग चुनाव मैदान में उतरेंगी. अगर दोनों दलों के बीच गठबंधन होता है, तो सीधे बीजेपी से मुकाबला होगा. वरना यहां त्रिकोणीय मुकाबले के आसार है.
दिल्ली की सभी लोकसभा सीटों पर छठे चरण में 12 मई को वोट डाले जाएंगे. इसके बाद 23 मई को मतगणना के बाद एक साथ चुनाव नतीजे आएंगे. यहां चांदनी चौक लोकसभा सीट, नई दिल्ली, उत्तर पूर्वी दिल्ली, पूर्वी दिल्ली, उत्तर पश्चिम दिल्ली, पश्चिम दिल्ली और दक्षिण दिल्ली लोकसभा सीटें हैं. अब यहां मतदान के लिए बहुत कम समय बचा है. ऐसे में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के नेता जल्द गठबंधन पर स्थिति साफ होने की उम्मीद लगाए बैठे हैं. 11 अप्रैल की बैठक के बाद आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के साथ ही बीजेपी के लिए भी चुनावी मैदान की रणनीति साफ हो जाएगी, जिससे उम्मीदवारों का जल्द चयन हो सकेगा.