चुनाव आयोग ने आचार संहिता के उल्लंघन से जुड़े एक कथित मामले को लेकर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. सिसोदिया के एक ट्वीट को लेकर चुनाव आयोग ने बुधवार शाम तक जवाब मांगा है. बीजेपी दिल्ली ने 28 अप्रैल को उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद चुनाव आयोग ने यह नोटिस जारी किया है.
आम आदमी पार्टी के नेता सिसोदिया ने पूर्वी दिल्ली से आम आदमी पार्टी की लोकसभा प्रत्याशी आतिशी के समर्थन में ट्वीट किया था. उन्होंने आतिशी के धर्म और सरनेम को लेकर चल रहे विवाद पर विरोधियों पर हमला बोला था. ट्वीट में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बीजेपी और कांग्रेस दोनों आतिशी के धर्म पर ''झूठ फैला'' रहे हैं.
दरअसल ट्वीट में सिसोदिया ने लिखा था, ''मुझे दुख है कि बीजेपी और कांग्रेस मिलकर हमारी पूर्वी दिल्ली की प्रत्याशी आतिशी के धर्म को लेकर झूठ फैला रहे हैं. बीजेपी और कांग्रेस वालों! जान लो- आतिशी सिंह है उसका पूरा नाम. राजपूतानी है. पक्की क्षत्राणी. झांसी की रानी है. बच के रहना. जीतेगी भी और इतिहास भी बनाएगी.''
मुझे दुःख है कि बीजेपी और कांग्रेस मिलकर हमारी पूर्वी दिल्ली की प्रत्याशी @AtishiAAP के धर्म को लेकर झूँठ फैला रहे है.
बीजेपी और कांग्रेस वालो! जान लो- 'आतिशी सिंह' है उसका पूरा नाम. राजपूतानी है. पक्की क्षत्राणी...झाँसी की रानी है. बच के रहना. जीतेगी भी और इतिहास भी बनाएगी.
— Manish Sisodia (@msisodia) April 27, 2019
चुनाव आयोग ने नोटिस में कहा कि उनके ट्वीट से आचार संहिता का उल्लंघन हो रहा है. इसके बाद ईस्ट दिल्ली के रिटर्निंग अफसर के महेश ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया. इसका जवाब उन्हें 8 मई शाम 5 बजे तक देना है. अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया तो माना जाएगा कि उन्हें इस पर कुछ नहीं कहना. दिल्ली की सभी 7 लोकसभा सीटों पर 12 मई को मतदान होना है. आतिशी का मुकाबला बीजेपी प्रत्याशी और पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर और कांग्रेस के अरविंदर सिंह लवली से है.
इससे पहले आतिशी ने आरोप लगाया था कि गौतम गंभीर के पास दो वोटर आईकार्ड हैं, जिस पर दिल्ली की एक अदालत ने शिकायत पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. आतिशी ने अर्जी में राज्य चुनाव आयोग से रिकॉर्ड तलब करने की मांग की है. मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट बिप्लब डाबास ने कहा कि राज्य चुनाव से रिकॉर्ड मंगाने हैं या नहीं, इस पर फैसला 13 मई को आएगा. हलफनामे को लेकर आतिशी की आपत्ति के बाद गंभीर के नामांकन को रोक दिया गया था.
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