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बंगाल में EC की कार्रवाई पर कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने उठाए सवाल

इस घटना के बारे में ममता बनर्जी ने कहा कि अमित शाह के इशारे पर चुनाव आयोग ने ऐसा फैसला लिया. बिहार, यूपी और त्रिपुरा की तरह बंगाल को न समझा जाए. राज्य सरकार की सुरक्षा होती तो हिंसा नहीं होती. चुनाव आयोग ने बीजेपी के इशारे पर फैसला लिया है.

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बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (फोटो-इंडिया टुडे आर्काइव)
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (फोटो-इंडिया टुडे आर्काइव)

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चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल के नौ लोकसभा क्षेत्रों में गुरुवार की रात दस बजे से चुनाव प्रचार पर रोक लगा दी है. चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल के गृह सचिव को भी सेवा मुक्त कर, राज्य के मुख्य सचिव को गृह सचिव की जिम्मेदारी सौंपने का आदेश दिया है. इसके लिए चुनाव आयोग ने धारा 324 का हवाला दिया है. देश में पहली बार ऐसा हुआ है जब चुनाव आयोग को इस धारा के तहत कार्रवाई करनी पड़ी है. चुनाव आयोग फैसले और मंगलवार की हिंसा पर अलग अलग दलों से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं.

सूत्रों के हवाले से खबर है कि प्रदेश के राज्यपाल ने अपनी रिपोर्ट गृह मंत्रालय और चुनाव आयोग को सौंप दी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि बंगाल में चुनावों के दौरान बड़े स्तर पर हिंसा हुई जिससे लोग सही ढंग से वोट न दे पाए. बंगाल में चुनाव आयोग की कार्रवाई पर पक्ष विपक्ष की लगातार प्रतिक्रियाएं आर रही हैं. एमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सिर्फ पश्चिम बंगाल में ही ऐसा क्यों किया गया? पूर्वांचल के लिए भी ऐसा क्यों नहीं हुआ?

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इस घटना के बारे में ममता बनर्जी ने कहा कि अमित शाह के इशारे पर चुनाव आयोग ने ऐसा फैसला लिया. बिहार, यूपी और त्रिपुरा की तरह बंगाल को न समझा जाए. राज्य सरकार की सुरक्षा होती तो हिंसा नहीं होती. चुनाव आयोग ने बीजेपी के इशारे पर फैसला लिया है.' ममता ने आगे कहा, 'वे (बीजेपी) बाहर से गुंडे ले आए. उन लोगों ने गेरुआ पहना था, वे कैंपस में घुस गए. दंगा भड़काने के बाद वे चले गए. हमने छात्रों और बुद्धिजीवियों को नियंत्रित किया.' ममता ने पूछा कि अमित शाह को चुनाव आयोग ने नोटिस क्यों नहीं दिया. अमित शाह चुनाव आयोग को धमका रहे हैं. नरेंद्र मोदी ने माफी तो दूर मूर्ति तोड़ने की निंदा भी नहीं की. ममता ने कहा कि चुनाव आयोग में आरएसएस के लोग भरे हैं. बीजेपी ने बंगाल और बंगालियों का अपमान किया है.

इससे पहले केंद्रीय पुलिस पर्यवेक्षक विवेक दुबे ने बुधवार को कहा कि बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो में हुई हिंसक झड़प के मामले में तीन प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की गई है. मंगलवार को पथराव, तोड़फोड़, बंगाल के पुनर्जागरण के स्तंभों में से एक ईश्वर चंद्र विद्यासागर की प्रतिमा तोड़ने और गाड़ियों को आग लगाने की सूचनाएं मिलीं. दुबे ने कहा कि चुनाव आयोग कॉलेज स्ट्रीट पर हिंसा के मामले में कदम उठाएगा. उन्होंने कहा कि मामले में तीन प्राथमिकी दर्ज की गई हैं, पहले जांच पूरी होने दें.

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कलकत्ता यूनिवर्सिटी परिसर और विद्यासागर कॉलेज में मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस की छात्र इकाई और बीजेपी के कार्यकताओं के बीच हिंसक झड़प हो गई थी. घटना में तीन बाइकों को आग के हवाले कर दिया गया और दोनों ही तरफ से कई लोग झड़प में घायल हो गए.

ममता बनर्जी के समर्थन में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी ट्वीट किया और कहा कि चुनाव आयोग का फैसला लोकतांत्रिक नियमों के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि वे ममता बनर्जी के साथ हैं. अखिलेश ने कहा कि यह लड़ाई ढाई लोगों के खिलाफ है जिन्होंने अपने फायदे के लिए देश की संस्थाओं के साथ खिलवाड़ किया है.

माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने पश्चिम बंगाल में जारी चुनावी हिंसा के मद्देनजर निर्धारित समय से एक दिन पहले चुनाव प्रचार प्रतिबंधित करने के चुनाव आयोग के फैसले को समझ से परे बताते हुए आयोग से पूछा है कि प्रचार पर रोक लगाने का समय राज्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैलियों के बाद क्यों निर्धारित किया गया है. येचुरी ने बुधवार को आयोग के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि हिंसा के लिए जिम्मेदार बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कार्यकर्ताओं के खिलाफ आयोग ने कोई कार्रवाई करने के बजाय प्रचार पर रोक लगा दी. आयोग का यह फैसला समझ से परे है. येचुरी ने ट्वीट कर कहा, ‘एक दिन पहले प्रचार अभियान को रोकने का चुनाव आयोग का फैसला समझ से परे है. आयोग से अव्वल तो यह अपेक्षित था कि बीजेपी और टीएमसी के अराजक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की जाती. इनके खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई?’

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उन्होंने कहा, ‘हमने पश्चिम बंगाल में हिंसा और कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति के बारे में आयोग से कई बार शिकायत की लेकिन आयोग से इस पर कोई प्रति उत्तर नहीं मिला.’ येचुरी ने प्रचार अभियान पर रोक लगाने के समय पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘अगर प्रचार को 72 घंटे पहले ही प्रतिबंधित करना था तो प्रतिबंध का समय कल (गुरुवार) सुबह दस बजे तय क्यों नहीं किया गया? क्या यह प्रधानमंत्री मोदी की रैलियों को आयोजित करने की छूट देने के लिये किया गया है?’

बंगाल के कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव प्रचार पर एक दिन पहले ही रोक लगा देने के बाद एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने बुधवार को दावा किया कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के संदर्भ में भी ऐसा ही निर्णय लिया जाना चाहिए. ओवैसी ने ट्वीट किया, ‘केवल पश्चिम बंगाल ही क्यों, प्राकृतिक न्याय और समान अवसर के सिद्धांत की मांग है कि पूरे सातवें चरण के लिए ऐसा होना चाहिए, पश्चिम बंगाल ही क्यों, पूर्वी उत्तर प्रदेश में क्यों नहीं.’ वैसे उन्होंने पूर्वी उत्तर प्रदेश के संदर्भ में अपनी इस मांग का कोई कारण नहीं बताया.

इस घटना पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने बीजेपी पर बंगाल में हिंसा फैलाने का आरोप लगाया. नायडू ने इसके साथ ही यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी वहां राज्य सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रही है. नायडू ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पर आरोप लगाया कि उन्होंने मंगलवार को अपने रोडशो के दौरान ‘गुंडों’ की मदद से हिंसा भड़काई. टीडीपी प्रमुख नायडू ने एक ट्वीट में कहा, ‘बीजेपी और उसके कार्यकर्ताओं की ओर से कल (मंगलवार) कोलकाता में की गई हिंसा की कड़ी निंदा करता हूं. पश्चिम बंगाल राज्य सरकार को सीबीआई, ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) और आईटी (आयकर विभाग) की ओर से अस्थिर करने का हताशापूर्ण प्रयास करने के बाद वे अब सीधे हिंसा का सहारा ले रहे हैं जो कि उनका असली रंग दिखाता है,’

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इससे पहले यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ममता बनर्जी को चुनौती देते हुए कहा कि याचना नहीं अब रण होगा. योगी ने पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की भी मांग की. योगी ने बंगाल रवाना होने से पहले ट्वीट किया, 'बंगाल! सबसे पहले जय श्रीराम से आप सबका अभिवादन! आज आपके बीच रहूंगा...'' उन्होंने कहा, 'तानाशाहों तक यह संदेश पहुंचे कि राम इस देश के कण-कण में हैं, स्वतंत्रता इस देश की जीवनी-शक्ति है और मैं बंगाल के क्रांतिधर्मी युयुत्सु का आह्वान कर रहा हूं. याचना नहीं, अब रण होगा, जीवन जय या कि मरण होगा.'

उधर कांग्रेस ने दावा किया कि भगवा दल पश्चिम बंगाल में सत्ताबल और बाहुबल के जरिए प्रजातंत्र का चीरहरण कर रहा है और राज्यों की सांस्कृतिक पहचान, संघीय ढांचे पर प्रहार कर रहा है. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह भी कहा कि समाज सुधारक ईश्वरचंद्र विद्यासगर की प्रतिमा खंडित किए जाने से साबित हो गया है कि बीजेपी क्षेत्रीय परंपरा और संस्कृति का सम्मान नहीं करती. सुरजेवाला ने कहा, ‘बीजेपी का रास्ता घृणा, बंटवारे, हिंसा और गाली-गलौज का है. वह प्रजातंत्र का अपहरण करने की साजिश कर रही है. बीजेपी सत्ताबल और बाहुबल का इस्तेमाल कर पश्चिम बंगाल में प्रजातंत्र का चीरहरण कर रही है. मुझे विश्वास है कि बंगाल की बहादुर जनता उनको इस षड्यंत्र में कभी कामयाब नहीं होने देगी.’

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