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चुनाव आयोग में BJP के खिलाफ सबसे ज्यादा शिकायतें, योगी आदित्यनाथ को भी नोटिस

चुनाव आयोग ने 'मोदी की सेना' वाले बयान पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को नोटिस जारी किया. अभी तक आयोग के पास 30 से ज्यादा शिकायतें आ चुकी हैं.

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'मोदी की सेना' वाले बयान पर योगी आदित्यनाथ को नोटिस
'मोदी की सेना' वाले बयान पर योगी आदित्यनाथ को नोटिस

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चुनाव आयोग ने 'मोदी की सेना' वाले बयान पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को नोटिस जारी किया. आदित्यनाथ को दो दिन में यानी 5 अप्रैल तक नोटिस में पूछे गए सवालों का जवाब देना है. दरसअल, 30 मार्च को गाजियाबाद में चुनावी सभा के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारतीय सेना को 'मोदी की सेना' कहा था. अभी तक आयोग के पास आचार संहिता के उल्लंघन से संबंधित 30 से ज्यादा शिकायतें आ चुकी हैं.

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि कांग्रेस की यूपीए सरकार आतंकवादियों को बिरयानी खिलाती थी, लेकिन मोदीजी की सेना आतंकवादियों को बम और गोली खिलाती है. इसकी शिकायत निर्वाचन आयोग तक पहुंची. जिसको लेकर चुनाव आयोग से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ की शिकायत की गई थी. शिकायत में कहा गया था कि ये चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है. इस मामले में चुनाव आयोग ने संज्ञान लिया है.

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निर्वाचन आयोग के पास इस तरह की 30 से ज्यादा शिकायतें आ चुकी हैं. अधिकतर मामलों में आयोग ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. कुछ में सरकार या सत्तारूढ़ दल को क्लीन चिट दे दी है. कई मामलों में कई दफा नोटिस जारी करने के बावजूद सरकार या उसके मंत्रालय के बाबुओं के कानों पर जूं नहीं रेंग रही है. चुनावों की घोषणा होने के बाद पहली बड़ी शिकायत संभवत: चुनाव प्रचार में सेना की वर्दी और तस्वीरों के इस्तेमाल को लेकर हुई. आयोग ने इस पर फौरन आदेश जारी किया.

इसके बाद 19 मार्च को आयोग ने झारखंड में राज्य के मुख्यमंत्री के वीडियो वाले 32 हजार टैब बांटने पर रोक लगा दी. विपक्षी दलों ने इसकी शिकायत आयोग से की थी. 20 मार्च को सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस ने आयोग से शिकायत की कि सत्तारूढ़ दल बीजेपी और विपक्ष अपने भाषण में चौकीदार शब्द का इस्तेमाल बंद करें. 25 मार्च को आयोग से शिकायत की गई कि नरेंद्र मोदी पर बन रही बायोपिक पीएम नरेंद्र मोदी की रिलीज पर रोक लगाई जाय. इसकी रिलीज 5 अप्रैल को होनी है. आयोग ने निर्माताओं को नोटिस जारी किया. निर्माताओं ने कहा कि इसका राजनीतिक दलों से कोई लेना देना नहीं. फिल्म अपने पैसे से बनाई है. आयोग की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद हाईकोर्ट ने भी फिल्म पर रोक लगाने से इंकार कर दिया तो अब मामला सुप्रीम कोर्ट के सामने गया है.

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25 मार्च को इंडियन इंस्टीट्यूट और साइक्लोजिस्ट्स ने आयोग को आचार संहिता का हवाला देते हुए नेताओं को अपने भाषणों में विपक्षियों को मेंटल और पागल कहने पर रोक लगाने की मांग की. आयोग ने इस पर भी आदेश दिया. 26 मार्च को  रेल के टिकट और एयरइंडिया के बोर्डिंग पास पर मोदी की तस्वीर होने की शिकायत आयोग से की गई. आयोग ने लगे हाथ नोटिस जारी कर दोनों मंत्रालयों से तीन दिनों के भीतर जवाब मांगा. मंत्रालय उस्ताद निकले. जवाब नहीं दिया. 29 मार्च को फिर नोटिस हुआ. 2 अप्रैल तक जवाब मांगा. फिर जवाब नहीं आया. दो अप्रैल को फिर नोटिस हुआ तब जाकर एयर इंडिया ने जवाब दिया कि नोटिस मिलते ही तस्वीरें हटा दी गई हैं.

27 मार्च को सबसे ज्यादा शिकायतें आईं. प्रधानमंत्री के ऑपरेशन शक्ति के फौरन बाद देश को संबोधित करने और नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार के उस बयान की शिकायत आयोग से की गई जिसमें उन्होंने राहुल गांधी की न्याय स्कीम की खुली आलोचना की. आयोग ने दोनों मामलों में नोटिस जारी कर जवाब मांगा. कुछ दिन की मोहलत के बाद राजीव कुमार ने आखिरकर 3 अप्रैल को जवाब दे दिया. कुमार ने कहा कि वो आर्थिक नजरिए से उस पर टिप्पणी कर रहे थे राजनीतिक मकसद से नहीं. मोदी के ऑपरेशन शक्ति के बाद देश के नाम संदेश पर दूरदर्शन और आकाशवाणी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया. दोनों सरकारी मीडिया संस्थानों ने कहा कि उन्होंने पीएम का संदेश लाइव नहीं दिखाया, बल्कि वो तो न्यूज आइटम की तरह था. क्योंकि असली फुटेज तो समाचार एजेंसी से आई थी.

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 28 मार्च को राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह आचार संहिता के शिकंजे में फंस गए. उन्होंने कार्यकर्ताओं से बातचीत में कह दिया कि हम बीजेपी सभी कार्यकर्ता हैं. हमें बीजेपी को वोट देकर नरेंद्र मोदी को फिर प्रधानमंत्री बनाना है. आयोग तक शिकायत पहुंची. सीईओ उत्तर प्रदेश ने जिला निर्वाचन अधिकारी से रिपोर्ट तलब की. आयोग ने देखा कि संवैधानिक पद पर हैं लिहाजा राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखकर बताया कि उचित कार्रवाई की जाए. इसी दौरान शताब्दी एक्सप्रेस में परोसी जा रही चाय के कप्स पर चौकीदार और उसके महिमामंडन की इबारत की शिकायत आयोग से की गई. आयोग के नोटिस पर अब तक रेल मंत्रालय का जवाब नहीं मिला है.

इस बीच 1 अप्रैल को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मोदीजी की सेना वाला बयान देकर आचार संहिता के उल्लंघन के आरोपी बन गए. आयोग ने उनको भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा. योगी ने कहा था कि यूपीए सरकार आतंकवादियों को बिरयानी खिलाती थी लेकिन मोदी जी की सेना गोले और गोली खिलाती है. दो अप्रैल को ही चेन्नई में एक किताब आचार संहिता की निगाहों की शिकार बनी. आयोग ने राफेल -द स्कैम रॉक्ड द नेशन किताब पर जताई गई आपत्ति पर फौरन संज्ञान लेते हुए इसकी रिलीज पर रोक लगा दी.

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