चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में गुरुवार रात 10 बजे से ही चुनाव प्रचार पर बैन लगा दिया. चुनाव आयोग के इस फैसले पर विपक्षी दलों ने सवाल उठाने भी शुरू कर दिए. विपक्षी दलों ने कहा कि चुनाव आयोग ने केवल इसलिए ऐसा किया क्योंकि दिन में प्रधानमंत्री मोदी की पश्चिम बंगाल में दो चुनावी रैलियां हैं. अगर चुनाव आयोग ने प्रचार पर बैन लगाया है तो सुबह से ही क्यों नहीं. अब इस पूरे मामले पर चुनाव आयोग ने इस फैसले के पीछे की वजह बताई है.
चुनाव आयोग के प्रभारी उपायुक्त सुदीप जैन ने आजतक से बातचीत में बताया कि पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार के दौरान भड़की हिंसा के मद्देनजर चुनाव प्रचार का समय एक दिन कम करने का कारण सुरक्षा के साथ-साथ मतदाताओं को आराम से सोचने का वक्त मुहैया कराना भी था. सुदीप जैन ने कहा कि मकसद मतदाताओं को प्रचार के शोर-शराबे के बाद सुकून से सोचकर अपना मत बनाने के बीच समय देना है.सुदीप जैन ने कहा कि पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार आक्रामक होता जा रहा है. रोड शो, रॉड शो में तब्दील होते जा रहा है. उन्होंने दावा किया कि चुनावी रैलियों में गोलियों का शोर है, तो ऐसे में इस पर लगाम जरूरी हो गया.
प्रभारी उपायुक्त ने दावा किया कि राज्य में जिस तरह का राजनीतिक वैमनस्य बढ़ रहा है, उसे देखते हुए ये आशंका प्रबल थी कि 17 मई की शाम उपद्रव कहीं ज़्यादा न बढ़ जाएं. इस हाल में 39 घंटे बाद स्वतंत्र, स्वच्छ और निष्पक्ष चुनाव कराना मुश्किल हो जाता. इससे ना केवल सुरक्षा और कानून व्यवस्था सुचारू रखने में मदद मिलेगी बल्कि मतदाताओं को भी अपना मन और मत तय करने में आसानी होगी.
अधिकारियों पर हुई कार्रवाई के मामले में प्रभारी उपायुक्त सुदीप जैन ने कहा, 'जिन अधिकारियों के खिलाफ हमें शिकायतें और दखलंदाजी के सबूत मिले, उस बाबत राज्य प्रशासन को सूचित भी किया गया था. लेकिन उचित कार्रवाई ना होने पर तबादले के आदेश जारी कर उनको निर्वाचन प्रक्रिया से दूर किया गया है.'
उन्होंने कहा, 'अगर ये अधिकारी आयोग के आदेश की अवहेलना करते हैं, तो आयोग उनके निलंबन की सिफारिश भी गृह और कार्मिक मंत्रालय से कर सकता है.'
राजनीतिक और गृह मंत्रालय के गलियारों में ये चर्चा गर्म है कि पश्चिम बंगाल के ADG दिल्ली आकर नई जगह जॉइन करने में कोई बहानेबाजी कर सकते हैं.
बता दें पश्चिम बंगाल में पश्चिम बंगाल में चुनाव आयोग ने 19 मई को होने वाले अंतिम चरण के मतदान के लिए चुनाव प्रचार पर गुरुवार रात 10 बजे के बाद से रोक लगा दी है. देश में पहली बार अनुच्छेद 324 का उपयोग करते हुए चुनाव आयोग ने चुनाव प्रचार पर इस तरह रोक लगाई है. चुनाव प्रचार को वास्तव में शुक्रवार शाम पांच बजे समाप्त होना था लेकिन राज्य में समय से पहले ही इस पर रोक लगा दी गई है.
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