एर्नाकुलम लोकसभा सीट केरल की 20 सीटों में एक है. यह इलाका शुरू से यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) का गढ़ रहा है. हालांकि वामपंथी विचारधारा को मानने वाले लोग भी यहां बहुतायत में हैं. एर्नाकुलम लोकसभा क्षेत्र में 7 विधान सभा क्षेत्र आते हैं. एर्नाकुलम को केरल की व्यापारिक राजधानी कहते हैं. इसी जिले के अंतर्गत ग्रेटर कोचिन का मेट्रो इलाका भी आता है जो केरल का सबसे बड़ा हिस्सा है.
तीसरे चरण में होने वाले मतदान के लिए एर्नाकुलम सीट से 13 उम्मीदवार मैदान में हैं. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने मौजूदा केंद्रीय मंत्री अल्फोंस कन्नाथनन को टिकट दिया है. बहुजन समाज पार्टी ने पीए नियामाथुल्ला, माकपा ने पी. राजीव, कांग्रेस ने हीबी इडेन, समाजवादी फॉरवर्ड ब्लॉक ने अब्दुल खादेर वाझाक्काला, सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ने वीएम फैजल और राष्ट्रीय समाज पक्ष ने विवेक के विजयन को टिकट दिया है. इसके अलावा चार निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं.
एर्नाकुलम शिक्षा का हब है, इसलिए देश का यह पहला जिला था जिसे प्रथम साक्षर जिले के रूप में पहचान मिली थी. कांग्रेस के प्रसिद्ध नेता केवी थॉमस यहीं से आते हैं और उनका यह राजनीतिक गढ़ रहा है. एर्नाकुलम से वे कई बार सांसद रह चुके हैं. यहां विधानसभा की 7 सीटें हैं जिनमें कोई भी सुरक्षित नहीं है. यह तटीय जिला है, इसलिए यहां के लोगों का प्राथमिक पेशा मत्स्यपालन है. यहां का टूरिज्म सेक्टर भी काफी मशहूर है.
1957 में एर्नाकुलम त्रावणकोर-कोचिन संसदीय इलाके से अलग होने के बाद से ही एर्नाकुलम कांग्रेस की सीट है. 2009 और 2014 में कांग्रेस के नेता केवी थॉमस ने जीत हासिल की. थॉमस ने निर्दलीय उम्मीदवार क्रिस्टी फर्नांडिज को 85 हजार वोटों से हराया. हालांकि इस बार कांग्रेस ने थॉमस को टिकट नहीं दिया है और हीबी इडेन को मैदान में उतारा है. 2014 में इस सीट पर 850,910 मतदाता थे जिनके लिए 1019 पोलिंग बूथ बनाए गए. पिछले चुनाव में 76 प्रतिशत वोटिंग हुई थी. कुल 4,22,269 महिला मतदाताओं ने वोट दिया था.
केरल के दोनों वाम दलों ने केरल की सभी 20 सीटों के लिए उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं. एलडीएफ के अन्य आठ सहयोगियों को कोई सीट नहीं मिली है. 2014 चुनाव में हालांकि एलडीएफ को आठ सीटें मिली थीं, जिसमें से माकपा को पांच, एलडीएफ समर्थित निर्दलीयों को दो और सीपीआई को एक सीट मिली थी. कासरगोड संसदीय क्षेत्र से हैट्रिक पूरी करने वाले पी. करुणाकरण को इस बार टिकट नहीं दिया गया है. उनकी जगह पूर्व पार्टी विधायक के.पी. सतीश चंद्रन को टिकट दिया गया है. अन्य उम्मीदवारों में मौजूदा सदस्य पी.के. श्रीमती (कन्नूर), एम.बी. राजेश (पलक्कड़), पी.के. बीजू (अलाथुर) और ए. संपत (अत्तिनगल) शामिल हैं.
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