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मेरा और योगीजी का संबंध दूध और चीनी जैसा, मतभेद की बात गलतफहमी: केशव प्रसाद मौर्य

आजतक के साथ खास बातचीत में उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि मेरे और योगी जी के संबंध दूध और चीनी जैसा है, इसमें अगर कोई मतभेद ढूंढता है तो वो बड़ी गलतफहमी में है.

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उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य
उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य

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उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि मेरे और योगी जी के संबंध "दूध और चीनी जैसा", इसमें अगर कोई मतभेद ढूंढता है तो वो बड़ी गलतफहमी में है. योगी जी के नेतृत्व में पूरी पार्टी, पूरा मंत्रिमंडल सभी विधायक एक है. आजतक से खास बातचीत में सपा नेता मुलायम सिंह यादव की तारीफ करते हुए केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि मुलायम सिंह यादव पुराने नेता है और जन भावनाओं को बहुत अच्छी तरह समझते हैं, मोदी जी के बारे में मुलायम सिंह ने ये बात संसद के भीतर बोली है. पढ़िए पूरा इंटरव्यू-

सवाल- क्या वजह है कि बीजेपी आपको स्टार प्रचारक की तरह यूपी के बाहर पूरे देश मे घुमा रही है, आप असम में हैं, कर्नाटक जा चुके, झारखण्ड, बिहार सभी जगह जा रहे हैं, क्या ये जरूरी है या मजबूरी?

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जवाब- बीजेपी का कार्यकर्ता हूं. पार्टी सिर्फ मुझे नहीं बल्कि मेरे जैसे अनेक लोग जो सरकार और संगठन में हैं, उन्हें अलग-अलग राज्यों में भेजने का काम कर रही है. 2019 हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण है. मोदी जी फिर से प्रधानमंत्री बने यह पार्टी की जिम्मेदारी है. यह देश को 100 साल आगे ले जाने वाले चुनाव है. हमारे प्रधानमंत्रीजी परिश्रम की पराकाष्ठा करते हैं. हमारे अध्यक्ष जी दिन रात मेहनत करते हैं.

सवाल- क्या आपकी याद चुनाव में पार्टी को इसलिए आती है क्योंकि पिछड़ी जातियों को साधना बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती बन गया है?

जवाब- ऐसा नहीं है कि सिर्फ पिछड़ों को साधने की जिम्मेदारी है. मुझे डिप्टी सीएम की जिम्मेदारी मिली है. उसका मैं निर्वहन कर रहा हूं. सुशील मोदी जी को उत्तर प्रदेश भेजा जाता है. पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी को अलग-अलग राज्यों में भेजा जा रहा है. मनोहर लाल खट्टर जी को भेजा जा रहा है. यह पार्टी की स्ट्रेटर्जी है.

सवाल- लगता नहीं है कि 2017 में आप बड़े चेहरे के तौर पर थे, पिछड़ो की गोलबंदी आपने की थी.

जवाब- मेरे जैसे कार्यकर्ता को पार्टी ने बहुत कुछ दिया है. मैं क्या था. 2012 में विधायक बना. 2013 में काशी क्षेत्र का संगठन मंत्री का जिम्मा मिला. 2014 में मुझे फूलपुर से टिकट मिला, जहां से मैं लोकसभा के लिए रिकॉर्ड वोट से जीता. 2016 में मुझे प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया. अध्यक्ष के नाते मुझे पूरे प्रदेश में काम करने का मौका मिला. 2017 में मुझे डिप्टी सीएम बनाया गया, फिर मुझे विधान परिषद में भेजा गया. यह कोई सामान्य बात नहीं है. मेरे जैसे साधारण कार्यकर्ता को पार्टी ने इतना कुछ दिया है, इतने कम समय में दिया है. यह बहुत बड़ी बात है.

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सवाल- इस बार आपलोगों ने नारा दिया है 73 नहीं 74 सीटें. आपको लगता है कि बीजेपी, सपा-बसपा के गठबंधन के आगे टिकेगी?

जवाब- सपा-बसपा गठबंधन से भाजपा की बल्ले-बल्ले है. फायदा ही फायदा है हमारा. हम तो यह चाहते थे कि इसमें कांग्रेस भी मिल जाए, हमारे कार्यकर्ता रात दिन इस संकल्प से मेहनत कर रहे हैं कि सौ में 60 हमारा है, बाकी में बंटवारा है. 60 फीसदी से ज्यादा वोट प्राप्त करने की हम कोशिश कर रहे हैं. 55 महीने में जो काम प्रधानमंत्री मोदी जी ने पूरे देश में किया है और 20 महीने के अंदर जो काम आदरणीय योगी जी ने देश के लिए, क्या सपा और बसपा की जो 15 साल की सरकार ने उससे बेहतर काम किया था?

सवाल- मेरा फिर सवाल है कि यूपी में ये गठबंधन इतना मजबूत है कि बीजेपी का टिकना मुश्किल है.

जवाब- बीजेपी 73 प्लस सीट जीतेगी, रायबरेली और अमेठी भी जीतेगी और बीएसपी का जो हाल 2014 में हुआ था, उससे भी बुरा हाल 2019 में होगा.

सवाल- वह तो कह रहे हैं कि न वोट कटेंगे, न वोट बटेंगे?

जवाब- वो लोग बहुत बड़ी गलतफहमी में है और वह अपनी गलतफहमी जल्दी दूर करें. वह यह बातें कर सकते हैं. स्वप्न देख सकते हैं लेकिन आज जाति की सीमा से परे हर समाज का यह विश्वास है कि मोदी जी ने किसी के साथ भेदभाव नहीं किया इसीलिए मैं कहता हूं कि अकेले भाजपा के खाते में 282 से अधिक 300 के आसपास सीटें आएंगी और एनडीए के साथियों के साथ हम 400 के आसपास सीट जीतेंगे.

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सवाल- तो 73 सीटों से ऊपर कहां चले जाएंगे आप?

जवाब- 74 सीटों तक तो जाएंगे ही हम. 75 सीटों तक भी जा सकते हैं. दुनिया के सबसे शक्तिशाली नेताओं में हमारे प्रधानमंत्रीजी शुमार हैं. 130 करोड़ की आबादी के लिए समर्पित नेतृत्व हमारे पास है. बाकी पार्टियों के पास कौन सा नेता है? कौन सा मुद्दा है? सिर्फ एक ही मुद्दा है मोदी रोको, मोदी को रोको, मोदी को रोको नहीं तो जेल की हवा खानी पड़ेगी.

सवाल- उनके पास जातियों का गठजोड़ है, यादव-मुस्लिम-जाटव-दलित, यह अपने आप में बहुत मजबूत है.

जवाब- देश विश्व में राष्ट्रवाद और विकासवाद की ओर बढ़ चुका है. जातिवाद अब नहीं है. सपा अगर यह समझती है कि उनका वोट बैंक है तो मैं यह कहना चाहता हूं कि यादव इतना जातिवादी है, वह राष्ट्रवादी है. मायावती जी अगर यह समझती हैं कि जाटव उनका वोट बैंक है तो वह यह गलतफहमी निकाल दें. जाटव जितना जातिवादी है, उससे कहीं ज्यादा राष्ट्रवादी. हम यादव हो या जाटव हो या अन्य किसी बिरादरी के लोग हो जाति के आधार पर जो लोग अपनी दुकान चलाते थे अब उनकी दुकान इसलिए नहीं चलेगी क्योंकि उन्होंने वोट बेचकर के नोट इकट्ठा करना और वोट लेकर सिर्फ अपने परिवार का भला करना और देश को लूटना ही रहा है. उन्होंने कभी इमानदारी से काम नहीं किया है. बीजेपी ने किया बीजेपी की राज्य सरकारों ने या फिर केंद्र सरकार ने काम किया है. गरीबों के कल्याण के लिए गांव के विकास के लिए नगर विकास के लिए ऐसा काम स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ.

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सवाल- मुलायम सिंह ने अभी हाल में ही कई बयान दिया जो कि आपके मनमाफिक है. कहीं कोई आपसी जुगलबंदी है. आप कैसे देखते हैं मुलायम सिंह के बयान को.

जवाब- मुलायम सिंह यादव जी के बयान का हम लोग स्वागत करते हैं. वह देश की जन भावनाओं को समझते हैं. वह बहुत पुराने नेता हैं इसलिए जनता की बात को महसूस कर पा रहे हैं. उन्होंने यह बात सड़क पर नहीं बोली. उन्होंने यह बात संसद के अंदर सत्र के बीच में बोली. अपने संबोधन में उन्होंने कहा है कि इस देश को नरेंद्र मोदी की जरूरत है और दूसरी किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिलने वाला है. यहां सब दूल्हे हैं. इसमें कोई बाराती नहीं है. सब पीएम पद के दावेदार हैं. किसी के सामने कोई लक्ष्य नहीं है. एक ही लक्ष्य है कि मोदी रोको.

सवाल- गठबंधन हो गया. गठबंधन में आपस में सीटें भी बंट गई. अब आप इस सीट बंटवारे को कैसे देखते हैं.

जवाब- इसमें मैं एक ही चीज देख रहा हूं कि जहां सपा की सीट बसपा को मिल गई है, वहां सपा के वोटर हमारे साथ आ रहे हैं या जहां बसपा की सीट सपा को मिल गई है, वहां बसपा के वोटर हमारे साथ आ रहे हैं. हम ये इस आधार पर कह रहे हैं, क्योंकि हमारे काम से आम लोग प्रसन्न है. जनता समझ रही है कि ये सब मोदी को हराने के लिए एक हो रहे हैं. मायावती जी की विश्वसनीयता समाप्त हो चुकी है. वह कोई टिकट बिना नोट नहीं देती हैं. अंदरखाने से आप पता कर लीजिए. कितने करोड़ों में लोकसभा की सीटें बेची जा रही हैं. आम आदमी सब समझता है कि जिस वोटबैंक का ठेकेदार मायावती बनती हैं, उनके जीवन में खुशहाली लाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने सरकारी खजाने का मुंह खोल दिया है.

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सवाल- आप के गठबंधन के साथी आपसे खुश नहीं हैं. वह सपा-बसपा या फिर कांग्रेस के साथ जा रहे हैं. आपको लगता नहीं है कि जिस फॉर्मूले पर अब आप लोग अब तक चलते हैं. अब समूचे विपक्ष वाले इसी फॉर्मूले को अपना रहे हैं.

जवाब- इन सभी दलों के लोग जानते हैं कि बीजेपी ने जितना सम्मान अपना दल या ओम प्रकाश राजभर को दिया है, उतना सम्मान कोई और पार्टी नहीं दे सकता है. अनुप्रिया पटेल जी नाराज नहीं हैं. सब बीजेपी के साथ हैं, जो गठबंधन हमारा 2014 में हुआ था, वह गठबंधन हमारा 2019 में रहेगा.

सवाल- अपना दल ने कहा कि पार्टी उनकी स्वतंत्र हो चुकी है, 20 फरवरी तक का अल्टीमेटम दिया था, अब अपना दल 28 फरवरी को बैठक में निर्णय लेगा कि वह एनडीए के साथ रहेगा या नही.

जवाब- मुझे लगता है वह यही निर्णय लेंगे कि वह एनडीए के साथ रहेंगे. पार्टी कार्यकर्ताओं की मीटिंग बुलाना, उनकी राय जानना है, किसी भी पार्टी का निजी अधिकार है.

सवाल- अपने सहयोगियों पर इतना विश्वास है आपको.

जवाब- ये विश्वास इसलिए है कि हम अपने सहयोगियों पर पूरा विश्वास करते हैं. वो भरोसा हम टूटने नही देंगे.

सवाल- प्रियंका गांधी ने भी उत्तर प्रदेश में कदम रख दिया है. रात-रात भर वह कार्यकर्ताओं से मिल रही हैं. प्रियंका गांधी की चुनौती कितनी बड़ी लगती है क्योंकि उनके जिम्मे पूर्वी उत्तर प्रदेश है?

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जवाब- मुझे इस बात की खुशी है कि प्रियंका जी बहुत परिश्रम कर रही हैं. हमारे प्रधानमंत्री और राष्ट्रीय अध्यक्ष जी ने अपने उदाहरण से कांग्रेस को परिश्रम करने के लिए विवश किया है. प्रियंका गांधी ने 2014 में खूब प्रचार किया है. 40 से अधिक सीटों पर उन्होंने प्रचार किया था और जीते थे सिर्फ दो. इस बार मैं आपको बता दूं रायबरेली और अमेठी में भी बीजेपी का कमल खिलेगा.

सवाल- आपको लगता है कि प्रियंका, राहुल गांधी से बेहतर साबित होंगी क्योंकि कहा जाता है वो अपनी दादी इंदिरा गांधी जैसी है.

जवाब- इनकी शक्ल दादी से मिलती है. उनकी शक्ल दादा से नहीं मिलती. उस पर मैं कोई सवाल नहीं करना चाहता. इसमें चाहे राहुल गांधी हो या सोनिया गांधी हो, चाहे प्रियंका गांधी. वो चाहे तो सपरिवार यहां कैम्प कर लें लेकिन जनता उनको वोट नहीं देगी, जनता उनको देखने भले चली जाए, लेकिन वोट नहीं देगी.

सवाल- हमेशा से कहा जाता है कि आपके और योगी आदित्यनाथ के बीच बनती नहीं और दोनों के बीच अनकहा युद्ध जैसी स्थिति बनी होती है.

जवाब- ये सब गलत है. हमने 20 महीने में उनके नेतृत्व में और टीम भावना से इतना काम किया है. केंद्र में मोदीजी, प्रदेश में योगीजी दोनी की अगुवाई में इतना काम हो रहा है कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा ही नहीं. मेरे और योगी जी में दूध और चीनी का संबंध है और इसमें अगर कोई कुछ ढूंढने का प्रयास करता है तो मैं समझता कि नासमझी कर रहा है. योगी जी के नेतृत्व में पूरी पार्टी एक है.

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