बिहार की सियासत के बेताज बादशाह कहे जाने वाले लालू प्रसाद यादव की राजनीतिक विरासत संभाल रहे हैं तेजस्वी यादव ने 2015 की तर्ज पर लोकसभा चुनाव में राजनीतिक प्रयोग किया, जो पूरी तरह से फेल होता दिख रहा है. जबकि नरेंद्र मोदी के संग नीतीश कुमार का बिहार में आने से दोनों पार्टियों के लिए बहार है. देश के सबसे तेज और भरोसमंद चैनल आजतक-एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल (Exit Poll) के मुताबिक बिहार में एनडीए क्लीन स्वीप करती हुई और महागठबंधन पूरी तरह से धराशाई होता नजर आ रहा है.
बिहार में नरेंद्र मोदी के विजय रथ को रोकने के लिए आरजेडी ने कांग्रेस, आरएलएसपी, हिंदुस्तान आवाम पार्टी और वीआईपी पार्टी के साथ मिलकर चुनावी मैदान में उतरी थी. जबकि दूसरी तरफ बीजेपी ने जेडीयू और एलजेपी के साथ गठबंधन कर चुनाव मैदान में थी. इस तरह से बिहार में दो गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला था.
वहीं, तेजस्वी यादव के नेतृत्व में उतरा महागठंबधन पूरी तरह से फेल हो गया है. आरजेडी को 0-1, कांग्रेस को 0-1 सीटें मिलती हुई नजर आ रही है. जबकि उपेंद्र कुशवाहा, जीतनराम मांझी की पार्टी सहित महागठबंधन के बाकी सहयोगी दल खाता तक नहीं खोल पा रहे हैं. इस तरह कुशवाहा का बीजेपी से नाता तोड़कर अलग होना महंगा पड़ता नजर आ रहा है. वहीं, महागठबंधन से नाता तोड़कर एनडीए के साथ नीतीश कुमार का आना जेडीयू के लिए फायदे का सौदा साबित हो रहा है.
बता दें कि इस बार जेडीयू और बीजेपी 17-17 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, वहीं एलजेपी छह सीटों पर लड़ रही है. आरजेडी 20, कांग्रेस 9 आरएलएसपी 5 जीतन राम मांझी की HAM और मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी 3-3 सीटों पर चुनाव लड़ी हैं. जबकि 2014 के लोकसभा चुनाव में बिहार की 40 लोकसभा सीटों में बीजेपी को 22, एलजेपी को 06, आरएलएसपी को 03, कांग्रेस को 02, एनसीपी को 01, आरजेडी को 04 और जेडीयू को 02 सीटें मिली हुई थी.
दिलचस्प बात यह है कि बिहार को लेकर ज्यादातर एग्जिट पोल के मुताबिक एनडीए क्लीन स्वीप करती दिख रही है. निल्सन के एग्जिट पोल के मुताबिक बीजेपी 17 और एलजेपी 6 सीटें जीतती नजर आ रही है. इस तरह ये दोनों पार्टियां अपने खाते की सभी सीटें जीत रही है, लेकिन नीतीश कुमार की जेडीयू 17 सीटों पर लड़कर 11 सीटें ही जीतती दिख रही है. जबकि महागठबंधन की ओर से आरजेडी महज तीन सीटें, कांग्रेस दो और आरएलएसपी एक सीट मिलती दिख रही है.