सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति ने बुधवार को फेसबुक के गलत इस्तेमाल पर चिंता जाहिर करते हुए इसके अफसरों से ठोस कदम उठाने को कहा. समिति ने फेसबुक के अधिकारियों से कहा कि ऐसे इंतजाम होने चाहिए कि समाज को विभाजित करने, हिंसा फैलाने, राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पहुंचाने वाली पोस्ट और विदेशी ताकतों द्वारा भारतीय चुनाव में हस्तक्षेप न किया जा सके.
सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष ने फेसबुक, व्हाट्सऐप और इंस्टाग्राम के अधिकारियों से मुलाकात की जानकारी देते हुए बताया कि हमने फेसबुक को समाज को विभाजित करने, वैमनस्य फैलाने, राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पहुंचाने वाले पोस्ट और विदेश ताकतों द्वारा सोशल मीडिया मंच का गलत इस्तेमाल रोकने के लिए कदम उठाने को कहा है.
A Thakur, Chairman, Parliamentary IT Comm after meeting with officials of FB, Whatsapp & Instagram: We asked them to ensure their platforms aren't used to create division in society, incite violence, pose threat to India's security or let foreign powers meddle in Indian elections pic.twitter.com/XDZlYjvElk
— ANI (@ANI) March 6, 2019
ठाकुर ने बताया कि फेसबुक के अधिकारियों ने माना कि उन्हें इन मुद्दों पर सुधार करने की जरूरत है और वे इसके लिए तैयार हैं. उन्होंने बताया फेसबुक के अधिकारी चुनाव आयोग के संपर्क में रहेंगे और संबंधित मंत्रालयों द्वारा मिलने वाली सूचना के अनुसार काम करेंगे.
गौरतलब है कि इससे पहले संसद की स्थायी समिति के समक्ष ट्विटर के अधिकारियों को तलब किया था. लेकिन उपलब्धता न होने के कारण ट्विटर के बड़े अधिकारी पेश नहीं हो पाए. ट्विटर ने अपने कनिष्ठ अधिकारियों को संसदीय समिति के सामने पेश होने के लिए भेजा लेकिन समिति ने मिलने से इनकार करते हुए वरिष्ठ अधिकारियों को पेश होने के लिए 10 दिन का समय दिया.
25 फरवरी को ट्विटर के कॉलिन क्रॉवेल भी अनुराग ठाकुर की अध्यक्षता वाले पैनल के सामने पेश हो चुके हैं. पैनल ने ट्विटर अधिकारियों से, चुनाव आयोग के साथ मिलकर काम करने को कहा और उनसे तमाम मुद्दों को सुलझाने को कहा गया.
गौरतलब है कि वैश्विक स्तर पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के गलत इस्तेमाल को लेकर चिंता है. इससे पहले ट्विटर को अमेरिका और यूरोपियन यूनियन के सामने भी पेश होने के लिए कहा गया था. अमेरिकी चुनाव में भी सोशल मीडिया मंच के गलत इस्तेमाल को लेकर सवाल खड़े हुए थे. इस संबंध में रूस पर आरोप लगे थे उसने अमेरिकी चुनाव में हस्तक्षेप किया. ऐसे में चुनावी साल में दुनिया के सबसे लोकतंत्र में भी सोशल मीडिया मंचों के गलत इस्तेमाल पर सवाल उठना लाजिमी है.