प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में 25 अप्रैल के मेगा रोड शो के बाद लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन किया. अब सोशल मीडिया पर वायरल एक फोटो कोलाज के जरिए मोदी के वाराणसी और राहुल गांधी के अमेठी से नामांकन करने के तरीके की तुलना की जा रही है. इस पोस्ट में यह दिखाने की कोशिश की गई है कि मोदी की तुलना में राहुल गांधी ने नामांकन से संबंधित अधिकारी की इज्ज़त नहीं की.
इस तस्वीर में दिखाया जा रहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी दस्तावेजों को अधिकारी को सौंपते समय अपनी जगह पर बैठे हुए हैं, जबकि प्रधानमंत्री मोदी चुनाव अधिकारी के सामने सम्मान में हाथ जोड़कर खड़े हुए हैं.
बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव सुनील देवधर सहित कई लोगों ने इस पोस्ट को शेयर किया है. देवधर की पोस्ट 13 हजार से भी ज्यादा बार शेयर की जा चुकी है.
यहां पर इस पोस्ट का आर्काइव देखा जा सकता है. इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज़ वॉर रूम ने अपनी जांच में इस दावे को गलत पाया. हमारी पड़ताल में सामने आया कि राहुल गांधी अपना नामांकन करते वक्त पूरे समय अधिकारी के सामने ही खड़े हुए थे.
राहुल गांधी के नामांकन के वीडियो में साफ़ देखा जा सकता है कि वो नामांकन के दौरान अपने परिवार के साथ अधिकारी की डेस्क के सामने खड़े हैं. नामांकन का वीडियो यहां देखा जा सकता है.
दरअसल डेस्क की ऊंचाई राहुल गांधी की छाती तक है, जिससे देखने में ऐसा लग रहा है कि राहुल गांधी बैठे हैं. इसी वजह से लोग भ्रमित हो रहे हैं. नामांकन प्रक्रिया की एक फोटो में अमेठी से बीजेपी प्रत्याशी स्मृति ईरानी भी उसी डेस्क के सामने खड़ी नजर आ रही हैं....ठीक वैसे ही जैसे राहुल गांधी खड़े है.
हमने राहुल गांधी के वायनाड सीट से नामांकन का वीडियो भी देखा. वीडियो में राहुल गांधी चुनाव अधिकारी को सम्मान देकर अपना नामांकन दाखिल करते नजर आ रहे हैं.
इसके पहले भी सोशल मीडिया यूजर्स ने राहुल गांधी की इसी फोटो की तुलना BJP अध्यक्ष अमित शाह के नामांकन की फोटो से की थी. उस पोस्ट में भी राहुल गांधी पर सवाल उठाए गए थे. उस समय भी इंडिया टुडे (यहां क्लिक करें ) ने इस वायरल पोस्ट के पीछे के सच को उजागर किया था.