महाराष्ट्र के गढ़चिरौली-चिमूर में लोकसभा चुनाव के लिए 11 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे. गढ़चिरौली-चिमूर में पहले चरण के तहत लोग अपने वोट का इस्तेमाल कर सकेंगे. इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है. कांग्रेस की ओर से नामदेव उसेंडी यहां से मैदान में हैं तो वहीं बीजेपी ने मौजूदा सांसद अशोक नेते को एक बार फिर टिकट दिया है. बहुजन समाज पार्टी ने यहां से हरिचंद्र नागौजी को उम्मीदवार बनाया है.
2014 के लोकसभा चुनाव में अशोक नेते ने कांग्रेस के नामदेव उसेंडी को हराया था. अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित इस सीट पर बहुजन समाज पार्टी का भी प्रभाव रहा है. हालांकि, अब तक चुनाव में उसे कभी जीत हासिल नहीं हुई.
सीट का इतिहास
चिमूर लोकसभा सीट कभी कांग्रेस का गढ़ रही है. यहां सबसे पहले लोकसभा चुनाव 1967 में हुआ था. सांसद चुने गए रामचंद्र मार्तंड हजर्नवीस. इसके बाद 1971 और 1977 में कृष्णराव डागोजी ठाकुर चुनकर लोकसभा पहुंचे. फिर 1980 और 1984 में विलास भाउराव मुत्तेमवार लगातार चुनाव जीते.
1989 में बीजेपी के महादेव शिवनकर ने चिमूर में जीत दर्ज करके सबसे पहले बीजेपी का खाता खोला. लेकिन 1991 में विलास मुत्तेमवार दोबारा कांग्रेस को जीत दिलाने में सफल रहे. हालांकि, 1996 में बीजेपी दोबारा जीती. सांसद चुने गए नामदेव दिवाथे.
1998 के लोकसभा चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी ऑफ़ इंडिया के प्रोफ़ेसर जोगेंद्र कवाडे चुने गए. 1999 में नामदेव दिवाथे बीजेपी को दोबारा जीत दिलाने में सफल रहे. इसके बाद 2004 में यहां एक बार फिर बीजेपी जीती. महादेव सुकाजी शिवनकर सांसद चुने गए.
विधानसभा की स्थिति...
गडचिरोली-चिमूर लोकसभा सीट में गडचिरोली जिले की 3 विधानसभा सीट आती है. इनमें गडचिरोली, आरमोरी और अहेरी सीट आती है. वहीं, चंद्रपूर जिले की 2 विधानसभा सीट आती है. इनमें चिमूर और ब्रम्हपुरी सीट शामिल है. साथ ही गोंदिया जिले की एक विधानसभा सीट आमगाव आती है. फिलहाल आमगाव, आरमोरी, अहेरी, गडचिरोली, चिमूर विधानसभा सीट पर बीजेपी है. जबकि ब्रह्मपुरी सीट पर कांग्रेस का कब्ज़ा है.
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