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गौतमबुद्ध नगर: मैदान में 13 उम्मीदवार, शर्माजी पर BJP का दांव, नागर से मुकाबला

गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट पर पहले चरण में 11 अप्रैल को वोटिंग है. यहां नामांकन वापसी की अंतिम तारीख 28 मार्च थी, जिसके बाद अब कुल 13 उम्मीदवार मैदान में हैं. गौतमबुद्ध नगर से आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार श्वेता शर्मा समेत कुल 8 प्रत्याशियों के नामांकन अस्वीकार कर दिए गए.

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तीसरी बार महेश शर्मा गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट से मैदान में (Photo: Twitter)
तीसरी बार महेश शर्मा गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट से मैदान में (Photo: Twitter)

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गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट पर पहले चरण में 11 अप्रैल को वोटिंग है. यहां नामांकन वापसी की अंतिम तारीख 28 मार्च थी, जिसके बाद अब कुल 13 उम्मीदवार मैदान में हैं. गौतमबुद्ध नगर से आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार श्वेता शर्मा समेत कुल 8 प्रत्याशियों के नामांकन अस्वीकार कर दिए गए. यहां मुख्य मुकाबला केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री महेश शर्मा और सपा-बसपा-आएलडी गठबंधन के उम्मीदवार सतवीर नागर के बीच है. हालांकि कांग्रेस ने यहां से युवा चेहरा अरविंद सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है.

दिल्ली से सटे गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट 2008 में हुए परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई. 2009 में यहां पहली बार लोकसभा चुनाव हुए, और बहुजन समाज पार्टी के सुरेंद्र सिंह ने महेश शर्मा को 16 हजार वोटों से मात दी थी. लेकिन 2014 में मोदी लहर में महेश शर्मा ने शानदार जीत दर्ज की. अब एक बार फिर बीजेपी ने नोएडा से महेश शर्मा पर दांव लगाया है.

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महेश शर्मा को मिलेगी कड़ी चुनौती

दरअसल चुनावी और जातीय समीकरण को देखते हुए गौतमबुद्ध नगर में बीजेपी और गठबंधन के बीच कड़ी टक्कर दिख रही है. इस सीट पर सबसे ज्यादा गुर्जर और ठाकुर वोटर्स हैं. बसपा और सपा के साथ आने से यहां बीजेपी उम्मीदवार महेश शर्मा की चुनौती बढ़ गई है. महेश शर्मा यहां से तीसरी बार सांसद का चुनाव लड़ रहे हैं.

जातीय समीकरण

महेश शर्मा ब्राह्मण, सतवीर नागर गुर्जर और अरविंद सिंह ठाकुर समुदाय से हैं. जातिगत समीकरण के मुताबिक गौतमबुद्ध नगर में ठाकुर मतदाता करीब साढ़े 4 लाख हैं. ब्राह्मण वोटरों की तादाद भी 4 लाख के आसपास है. वहीं मुस्लिम 3.5 लाख, गुर्जर 4 लाख करीब और दलित करीब 3.5 लाख वोटर्स हैं. साल 2014 में महेश शर्मा ने यहां से पौने तीन लाख से अधिक वोटों से जीत दर्ज की थी.

डॉ. महेश शर्मा ने 2014 लोकसभा का चुनाव रिकॉर्ड मतों से जीता था. वह अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा के नरेंद्र भाटी को 2 लाख 80 हजार से अधिक मतों से हराकर लोकसभा पहुंचे थे. हालांकि, इससे पहले 2009 लोकसभा चुनाव में वह बसपा के सुरेंद्र नागर से करीब 16 हजार वोट से हार गए थे.

इस क्षेत्र में कुल 5 विधानसभा सीटें आती हैं. इनमें नोएडा, जेवर, सिकंदराबाद, दादरी और खुर्जा शामिल हैं. 2017 के दौरान उत्तर प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में ये सभी पांच सीटें भारतीय जनता पार्टी के खाते में गई थीं.

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2014 के नतीजे

पिछले लोकसभा चुनाव में इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी. केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने 2014 में इस सीट पर करीब पौने तीन लाख वोट से जीत दर्ज की थी. महेश शर्मा ने समाजवादी पार्टी के नरेंद्र भाटी को मात दी थी.

महेश शर्मा, भारतीय जनता पार्टी, कुल वोट मिले 599,702, 50%

नरेंद्र भाटी, समाजवादी पार्टी, कुल वोट मिले 319,490, 26.6%

सतीश कुमार, बहुजन समाज पार्टी, कुल वोट मिले 198,237, 16.5%

महेश शर्मा के बारे में

पेशे से डॉक्टर महेश शर्मा का बैकग्राउंड राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का रहा है. 2014 में सांसद चुने जाने से पहले वह 2012 में विधायक भी रहे. उन्होंने नोएडा विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे. हालांकि, 2014 में नोएडा से चुनाव लड़े और करीब पौने तीन लाख वोटों से जीत दर्ज की. जिसके बाद वह केंद्र सरकार में मंत्री भी बने. ADR की रिपोर्ट के मुताबिक, महेश शर्मा के पास 47 करोड़ से अधिक की संपत्ति है, इनमें 26 करोड़ की अचल संपत्ति और 20 करोड़ से अधिक की चल संपत्ति शामिल है.

पहली बार सांसद चुने गए महेश शर्मा ने 16वीं लोकसभा में कुल 70 से अधिक सवाल पूछे. इस दौरान महेश शर्मा ने सरकार की ओर से 3 बिलों को सदन में पेश किया. महेश शर्मा शुरुआती दो साल में संसद की कुछ कमेटी में शामिल रहे. सांसद निधि के तहत मिलने वाले 25 करोड़ रुपये के फंड में से उन्होंने कुल 90 फीसदी रकम खर्च की.

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