इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2019 (India Today Conclave 2019) के सत्र '2019 में कौन जीतेगा भारत और क्यों' में कई राजनीतिक विश्लेषकों ने अपनी राय रखी. इन विश्लेषकों से पुलवामा आतंकी हमले के बाद नरेंद्र मोदी सरकार की रणनीति और पाकिस्तान में घुसकर आतंकियों के खिलाफ एयर स्ट्राइक का भारतीय जनता पार्टी को लाभ मिलेगा या नहीं ये सवाल भी किया गया. इस सवाल के जवाब में कुछ विश्लेषकों ने पुलवामा का सकारात्मक असर बीजेपी के खाते में जाने की बात कही, जबकि बाकियों ने इस आकलन को जल्दबाजी बताया.
इस सत्र में राजनेता और विश्लेषक योगेंद्र यादव, जैन यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर संदीप शास्त्री, सी-वोटर के चीफ एडिटर यशवंत देशमुख, कांग्रेस के डेटा एनालिटिक्स विभाग के चेयरमैन प्रवीन चक्रवर्ती, एक्सिस माय इंडिया के सीईओ प्रदीप गुप्ता, टुडे चाणक्य के सीईओ वी.के. बजाज और सीपीआर के फेलो राहुल वर्मा ने शिरकत की.
आगामी लोकसभा चुनाव में पुलवामा से क्या मौजूदा मोदी सरकार को फायदा मिलेगा, इसके जवाब में योगेंद्र यादव ने यह एक फैक्टर है, लेकिन अभी इसका आकलन करना जल्दबाजी होगी. हालांकि, प्रोफेसर संदीप शास्त्री ने कहा कि राजनीति में दो हफ्ते का वक्त भी काफी होता है और जो घटनाक्रम पुलवामा के बाद हुआ है, हिंदी पट्टी के राज्यों में इसका कुछ लाभ बीजेपी को मिल सकता है.
टुडे चाणक्य के सीईओ वीके बजाज ने पुलवामा को फैक्टर माना है. उन्होंने कहा कि कई फैक्टर हैं जो चुनाव में काम करेंगे, उनमें से एक पुलवामा हो सकता है. वीके बजाज ने बताया कि चुनाव में लाभ कितना मिलेगा, यह नहीं कहा जा सकता, लेकिन अभी सरकार को इससे ऊर्जी जरूर मिली है.
पुलवामा हमले के बाद भारतीय वायुसेना की स्ट्राइक को लेकर इंडिया टुडे के पॉलिटिकल स्टॉक एक्सचेंज (PSE) पर विश्लेषकों से सवाल किया गया. दरअसल, इंडिया टुडे ग्रुप और माय एक्सिस इंडिया के इस सर्वे में सामने आया है कि एयर स्ट्राइक का सबसे ज्यादा श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है. सर्वे में 44 फीसदी लोगों ने पीएम मोदी को एयर स्ट्राइक का श्रेय दिया है, जबकि 40% भारतीय वायुसेना और 11% सेना को दिया है.
इन आकंड़ों पर योगेंद्र यादव ने एक उदाहरण देते हुए सिरे से नकार दिया है. उन्होंने उदाहरण दिया कि अगर आप किसी से पूछें कि छोटा रसगुस्ला खाना है या बड़ा तो हर कोई बड़ा खाने के लिए कहेगा. लेकिन इसके बाद उस बड़े रसगुल्ले की कीमत बता दी जाए तो लोग कहेंगे कि नहीं छोटे से ही काम चल जाएगा. इसके बाद अगर ये भी कह दिया जाए कि रसगुल्ले में थोड़ा सा जहर है तो कोई भी उसे खाने से इनकार कर देगा. अपने इस उदाहरण से योगेंद्र यादव ने यह समझाने का प्रयास किया कि जनता से अगर पाकिस्तान से बदला लेने की बात पूछी जाए तो सब सहमत हो जाएंगे, लेकिन जब सवाल किया जाएगा कि इसके नतीजे में परमाणु युद्ध हो सकता है, जिससे सालों तक परिवारों को नुकसान पहुंचेगा तो कोई भी युद्ध के लिए नहीं कहेगा.