scorecardresearch
 

क्या रघुराम राजन की होगी वापसी? चिदंबरम ने दिया बड़ा बयान

जब पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन को लेकर राजदीप सरदेसाई से पूछा कि कांग्रेस लगातार उनसे संपर्क कर रही है, और कांग्रेस की सरकार आने पर उन्हें कोई बड़ी भूमिका मिल सकती है? पी चिदंबरम ने कहा कि इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है, लेकिन रघुराम राजन बेहतर पब्लिक पॉलिसी बनाने के लिए जाने जाते हैं.

Advertisement
X
पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम
पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम

Advertisement

पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि आज की तारीख में देश रोजगार सबसे बड़ी समस्या है. मोदी सरकार ने बड़े पैमाने पर युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था. लेकिन सरकार अबतक फ्लॉप रही है. आज देश के लोगों के सामने सबसे बड़ी समस्या जॉब, जॉब और जॉब है.

India Today Conclave 2019 के कार्यक्रम में पी चिदंबरम ने कहा कि यूपीए-2 के शुरुआती साढ़े तीन साल तक अर्थव्यवस्था को लेकर कई समस्याएं आई थीं. लेकिन अगले डेढ़ साल में मनमोहन सरकार द्वारा उठाए गए कदम से अर्थव्यवस्था को ताकत मिल रही थी. सरकार बदलने के बाद फिर हालात सुधरने की बजाय और खराब हो गया है.

जब पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन को लेकर राजदीप सरदेसाई से पूछा कि कांग्रेस लगातार उनसे संपर्क कर रही है, और कांग्रेस की सरकार आने पर उन्हें कोई बड़ी भूमिका मिल सकती है? पी चिदंबरम ने कहा कि इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है, लेकिन रघुराम राजन बेहतर पब्लिक पॉलिसी बनाने के लिए जाने जाते हैं.

Advertisement

पी चिदंबरम ने कहा रोजगार पैदा करने के लिए हमें नौकरियों का सृजन करना होग, पीएचडी, आईआईटी ग्रेजुएट या सिर्फ बीए पास कोर्स के लिए अलग-अलग रोजगार पैदा करना होगा. हमें 50 फीसदी उन स्टूडेंट के लिए भी जॉब चाहिए जो आठवीं के बाद पढ़ाई छोड़ देते हैं.

चिदंबरम से फाइनेंशियल जर्नलिस्ट आर जगन्नाथन ने पूछा कि हाई ग्रोथ रेट के बावजूद यूपीए में भी जॉब ग्रोथ नहीं हुआ था, उस वक्त आप वित्त मंत्री थे? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'मैं इससे सहमत नहीं हूं, इकोनॉमिक सेक्टर के इनफॉर्मल सेक्टर में, जो 90 फीसदी है, उनमें अच्छी बढ़ी. एसएमई, एमएसएमई, ऑर्गनाइज्ड सेक्टर को ग्रोथ का मौका मिला और जॉब क्रिएशन को बढ़ने का मौका मिला.'

अर्थशास्त्री जयती घोष ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अचानक देश की जनता से मिनिमम इनकम का वादा करते हैं, इसे कैसे पूरा करेंगे? चिदंबरम ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय अर्थशास्त्री से संपर्क किया गया और उन्होंने कहा कि संभव है, हालांकि यह एक क्रेजी आइडिया नहीं है, लेकिन ठीक आइडिया है. इससे अर्थव्यवस्था पर बोझ बढ़ेगा. उन्होंने माना कि यूपीए-2 के शुरुआत में साढ़े तीन साल तक सरकार के सामने कई चुनौतियां थीं.  

बढ़ते एनपीए के मामले में चिदंबरम ने कहा, 'मेरे दफ्तर से किसी को फोन नहीं गया था, यह मैं पूरे दावे के साथ कह सकता हूं. मोदी सरकार का आरोप बेबुनियाद है.' उन्होंने कहा कि नॉन परफॉर्मिंग एसेट Non-performing asset (NPA) बढ़ने की समस्या केवल यूपीए कार्यकाल काल नहीं है, वाजपेयी सरकार के दौरान यह सामने आया था, फिर 2014 के बाद इसने बड़ा रूप ले लिया. इसे केवल यूपीए सरकार पर थोपना गलत है. मोदी सरकार के दौरान भी NPA बढ़ा है.  

Advertisement

जेपी मॉर्गन के चीफ इकोनॉमिस्ट साजिद चिनॉय ने पूछा कि जब दुनिया की अर्थव्यवस्था ढलान में है, ऐसे में भारत को अगले 10-15 साल के लिए क्या कदम उठाने चाहिए? चिदंबरम ने कहा कि रणनीति के तहत एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने की जरूरत है. ज्वेलरी, लेदर और टेक्सटाइल क्षेत्र में फोकस करने की जरूरत है और यह तभी संभव हो पाएगा जब प्रोडक्शन बढ़ेगा. हमारे मेनिफेस्टो में इसका जिक्र होगा.

फूड एंड फर्म एक्सपर्ट देविंदर शर्मा ने कहा कि देश 50 फीसदी से ज्यादा लोग कृषि जुड़े हैं, 17 राज्यों में लोग सीधे कृषि से जुड़े हैं. लेकिन जब कृषि बजट निर्धारित होता है तो फिर सरकार की पोल खुल जाती है. चिदंबरम की मानें तो किसानों की आय बढ़ाने के लिए काम करने की जरूरत है. अनाजों के दाम बढ़ाने के साथ-साथ और भी कदम उठाने होंगे.

जॉब एक्सपर्ट महेश व्यास के सवाल के जवाब में चिदंबरम ने कहा कि मोदी सरकार 7 फीसदी करीब ग्रोथ रेट जो रट रही है वह फेक है. क्योंकि ग्रोथ रेट आकलन का तरीका गलत है. पूर्व चीफ स्टेटेशियन प्रणब सेन के सवाल का जवाब देते हुए चिदंबरम ने कहा कि नोटबंदी का फैसला बिल्कुल गलत था, यह फैसला अर्थशास्त्री नहीं, बल्कि पीएमओ को द्वारा लिया गया था. हालांकि चिदंबरम ने माना कि मोदी सरकार के दौरान महंगाई दर में गिरावट एक अच्छी बात है.

Advertisement

इस कार्यक्रम में विकास अर्थशास्त्री जयती घोष, फूड एंड फर्म एक्सपर्ट देविंदर शर्मा, पूर्व चीफ स्टेटेशियन प्रणब सेन,  जॉब एक्सपर्ट महेश व्यास, फाइनेंशियल जर्नलिस्ट आर जगन्नाथन और जेपी मॉर्गन के चीफ इकोनॉमिस्ट साजिद चिनॉय ने भी हिस्सा लिया.

Advertisement
Advertisement