लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी ने प्रियंका गांधी वाड्रा और ज्योतिरादित्य सिंधिया को महासचिव बनाते हुए पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश का प्रभार दिया है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रियंका गांधी और सिंधिया को साथ मिलकर 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सरकार बनाने की जिम्मेदारी दी है. इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में शुक्रवार को एक अहम सत्र में हिस्सा लेने पहुंचे ज्योतिरादित्य सिंधिया से जब सवाल किया गया कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से साथ मिलकर काम करने में उनका तजुर्बा कैसा है तो उन्होंने बेहद सधे हुए अंदाज में इस सवाल का जवाब दिया. सिंधिया ने कहा, 'राहुल गांधी हमारी पार्टी के अध्यक्ष हैं. जबकि प्रियंका जी के साथ काम करते हुए अभी 15 दिन ही हुए हैं. लेकिन दोनों नेताओं में एक बड़ी समानता ये है कि वो जमीनी नेता हैं.'
सिंधिया ने कहा कि दोनों नेताओं का विश्वास ये है कि हमें मिलकर काम करना है. दोनों खूबियों और खामियों को समझते हैं और उसका सामना करते हैं.
बता दें कि कांग्रेस लंबे वक्त से यूपी की सत्ता से बाहर है. यहां तक कि लोकसभा चुनाव में भी उसका जनाधार चुनाव-दर चुनाव कमजोर हुआ है. 2009 में 22 लोकसभा सीटें जीतने वाली कांग्रेस को 2014 में यहां की 80 में से महज दो सीटें मिली थीं, जिन पर सोनिया गांधी व राहुल गांधी जीते थे. दूसरी तरफ, 2017 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस को 403 में से महज 7 सीटों पर संतोष करना पड़ा था.
आगामी लोकसभा चुनाव के लिए सपा-बसपा ने कांग्रेस को गठबंधन में जगह नहीं दी है, जिसके बाद कांग्रेस ने पूरे दमखम के साथ चुनाव लड़ने का ऐलान किया. इस रणनीति के तहत प्रियंका गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जमीनी स्तर पर काम भी शुरू कर दिया है. हालांकि, गठबंधन पर सिंधिया ने कहा कि एसपी-बीएसपी एक साथ हैं और हम उसका सम्मान करते हैं. उनका रास्ता अलग है, लेकिन हम सबकी मंजिल एक है. सिंधिया ने यह उम्मीद भी जताई कि यूपी में कांग्रेस के पास बीजेपी का वोट लेने का भी मौका है.