इंडिया टुडे ग्रुप और कार्वी इनसाइट्स के सर्वे 'मूड ऑफ़ द नेशन' में यह सामने आया है कि वोटर्स के बीच देश में बेरोजगारी, महंगाई, भ्रष्टाचार का मुद्दा आज भी सबसे बड़ा है. लोगों का मानना है कि मोदी सरकार अब तक इन तीन मुद्दों पर कुछ ख़ास नहीं कर पाई है.
'मूड ऑफ़ द नेशन' के छह माह पहले हुए सर्वे में भी बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार सबसे बड़े मुद्दे थे. जो तब से अब तक वोटर्स के बीच वैसे ही बने हुए हैं. इसके अलावा किसानों की दुर्दशा का मुद्दा भी वोटर्स के बीच उभरा है. पिछले सर्वे में किसानों का मुद्दा इतना बड़ा नहीं था, लेकिन बीते छह माह में वोटर्स में किसानों की दुर्दशा को लेकर चिंता बनी हुई है.
सर्वे के मुताबिक, 37 प्रतिशत वोटर्स बेरोजगारी को आने वाले चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा मानते हैं. जबकि 19 प्रतिशत वोटर्स को महंगाई मुद्दा लगता है. भ्रष्टाचार को लेकर भी 15 प्रतिशत वोटर्स ने चिंता जाहिर की है.
किसानों की समस्या का मुद्दा भी देश में तेजी से उभरा है. सर्वे में यह सामने आया है कि 12 प्रतिशत लोग आने वाले चुनाव में किसान की समस्या को बड़ा मुद्दा मानते हैं.
आपको बता दें कि हाल ही में हुए राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में भी किसान का मुद्दा सबसे बड़ा बना रहा. कांग्रेस ने कर्ज माफ़ी का कार्ड खेलकर तीनों राज्यों में जीत हासिल की. वहीं, बीजेपी सरकार को सत्ता गंवानी पड़ी.
बाकी और क्या हैं मुद्दे...
'मूड ऑफ़ द नेशन' के सर्वे में महिला सुरक्षा के अलावा नोटबंदी और जीएसटी के मुद्दे को 4 प्रतिशत लोग चुनावी मुद्दा मानते हैं. जबकि असहिष्णुता, गायों को लेकर हुई मॉब लिंचिंग पर 2 प्रतिशत लोगों का मानना है कि यह मुद्दा चुनाव में असरकारक होगा. इसके अलावा प्रदूषण, गिरता जलस्तर, कानून व्यवस्था, आतंकवाद व अन्य मुद्दों पर केवल एक प्रतिशत लोगों को लगता है कि ये चुनाव में असर डालेंगे.