कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने मंगलवार को मुंबई कांग्रेस के हालात पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि पार्टी के भीतर जारी अंदरूनी कलह से महानगर में पार्टी का जनाधार खतरे में पड़ गया है. देवड़ा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी माने जाते हैं और उनके बयान से मुंबई कांग्रेस खास तौर पर अध्यक्ष संजय निरूपम को लेकर मतभेद सामने आ गए हैं. मिलिंद देवड़ा ने अपने बयान में लोकसभा चुनाव लड़ने के रुख की ओर भी इशारा भी किया है.
कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने अपने ट्वीट में लिखा, 'हालांकि पार्टी के अंदर की बातों को सार्वजनिक करने की मेरी कोई मंशा नहीं है, लेकिन हाल के एक इंटरव्यू में की गई टिप्पणी ने मुझे मुंबई की विविधता का प्रतीक बने रहने और अपने सामाजिक ताने-बाने को मजबूत करने के लिए मुंबई कांग्रेस की आवश्यकता के प्रति अपनी मजबूत प्रतिबद्धता को दोहराने के लिए मजबूर किया.'
While I do not intend to discuss internal party affairs in public, remarks made in a recent interview have forced me to repeat my strong commitment towards the need for the Mumbai Congress to remain a symbol of Mumbai’s diversity and to strengthen its social fabric.
— Milind Deora (@milinddeora) February 5, 2019
देवड़ा ने आगे ट्वीट में लिखा कि देश की आर्थिक और सांस्कृतिक शहर मुंबई में हमें लोगों को साथ लाने की जरूरत है. मुंबई कांग्रेस सांप्रदायिक राजनीति के लिए एक क्रिकेट पिच नहीं बन सकती है, जिसमें नेता एक दूसरे के खिलाफ खड़े किए जाएं.
In a city like Mumbai, which is our economic and cultural capital, we need to bring people together. The Mumbai Congress cannot become a cricket pitch for sectarian politics, with leaders pitted against one other.
— Milind Deora (@milinddeora) February 5, 2019
उन्होंने आगे के ट्वीट में लिखा, 'जो हो रहा है उससे मै निराश हूं- और पार्टी लोकसभा चुनाव लड़ने के मेरे रुख से अवगत है. हालांकि मुझे केंद्रीय नेतृत्व और हमारी पार्टी की विचारधारा और सिद्धांतों के प्रति उसकी प्रतिबद्धता पर पूर्ण विश्वास है. विशेष तौर पर मुंबई में, जहां कांग्रेस का जन्म हुआ.
I'm disappointed with what is happening - and the party is aware of my stance on fighting the Lok Sabha elections. However, I have full faith in our central leadership and its commitment to our party's ideology and principles. Especially in Mumbai, where the Congress was born.
— Milind Deora (@milinddeora) February 5, 2019
देवड़ा ने आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के चुनावी अभियान की तारीफ करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी पूरे भारत में एक मजबूत अभियान का नेतृत्व कर रही है. अंदरूनी कलह से मुंबई में हमारे आधार को खतरा हो सकता है और यह नहीं होना चाहिए.
@INCIndia is leading a powerful, united campaign across India. Infighting cannot, and should not, be allowed to threaten our base in Mumbai. I appeal to all Congress leaders in Mumbai to unite as a team. We owe this much to our party and to Congress President @RahulGandhi.
— Milind Deora (@milinddeora) February 5, 2019
हालांकि बाद में मिलिंद देवड़ा ने सफाई देते हुए बयान दिया, 'मैं मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष संजय निरूपम और अन्य नेताओं से निवेदन करना चाहता हूं कि हमें आपसी राजनीतिक मतभेद दरकिनार कर सामंजस्य से काम करना चाहिए. मैं कहना चाहता हूं कि किभी संगठन में विचारों को लेकर मतभेद हो सकते हैं, लेकिन कोई अंदरूनी कलह नहीं है.' जहां एक तरफ देवड़ा के सिलसिलेवार ट्वीट से मुंबई कांग्रेस में जारी संकट सामने आ गया तो वहीं बाद में उनकी सफाई से यह स्पष्ट हो गया की यह लड़ाई वाकई में संजय निरूपम को लेकर है.
Milind Deora, Congress on reports of a rift in Mumbai Congress: I would like to request Sanjay (Nirupam) Ji & other leaders, that we all must put aside political differences&work in unison. I would say that in any org there will be differences of opinions, there is no infighting. pic.twitter.com/8BBkOX02ts
— ANI (@ANI) February 5, 2019
पूर्व सांसद मिलिंद देवड़ा ने अपने लोकसभा चुनाव लड़ने की ओर इशारा तो किया लेकिन वे लड़ेंगे या नहीं इससे जुड़े अटकलों के द्वार भी खोल दिए. बता दें कि पिछले दिनों कांग्रेस की पूर्व सांसद प्रिया दत्त ने कहा था कि वे इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगी. हालांकि उन्होंने इसके पीछे की वजह अपने राजनीतिक और निजी जीवन में तालमेल नहीं बैठ पाने को बताया था.
आपको बता दें कि संजय निरूपम पहले शिवसेना के नेता रहे हैं और साल 2005 में उन्होंने कांग्रेस का दामन थामा था. वे 2009 में कांग्रेस के सांसद चुने गए लेकिन 2014 में चुनाव हारने के बावजूद उन्हें मुंबई कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया. निरूपम को अभी भी खांटी कांग्रेसी बाहरी समझते हैं, जिन्होंने शिवसेना की उग्र संस्कृति में राजनीति सीखी है.
निरूपम के काम करने के तौर तरीके को लेकर मुंबई कांग्रेस के नेता कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से शिकायत भी कर चुके हैं. लेकिन निरूपम कांग्रेस की राजनीतिक जरूरत बनते गए. दरअसल मुंबई में बीजेपी-शिवसेना से मुकाबले के लिए कांग्रेस को उनकी उन्हीं की भाषा में जबाब देने वाला आदमी चाहिए जिसमें निरूपम फिट बैठते हैं. वहीं मुंबई कांग्रेस का एक धड़ा मिलिंद देवड़ा के साथ है, जिनके पिता मुरली देवड़ा ने दशकों तक मुंबई कांग्रेस का नेतृत्व किया है.
कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा मजबूती से अपनी बेबाक राय रखने के लिए जाने जाते हैं. लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के 44 सीटों पर सिमट जाने पर उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व तक की आलोचना करते हुए कहा था कि हार की जिम्मेदारी सिर्फ सलाहकारों की नहीं लेकिन उनकी भी है जो सलाह लेते हैं. बहरहाल लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मुंबई कांग्रेस में उभरे मतभेद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए परेशानी का सबब बन सकते हैं.