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मिलिंद देवड़ा के तूफानी ट्वीट- अंदरूनी कलह से मुंबई में कांग्रेस का जनाधार खतरे में

लोकसभा चुनाव के पहले मुंबई कांग्रेस में अंदरूनी कलह सतह पर आ गई है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी और पूर्व सांसद मिलिंद देवड़ा ने सिलसिलेवार ट्वीट कर जाहिर कर दिया है कि महानगर की पार्टी इकाई में सब कुछ ठीक नहीं है.

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कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा (फाइल फोटो-ट्विटर)
कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा (फाइल फोटो-ट्विटर)

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कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने मंगलवार को मुंबई कांग्रेस के हालात पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि पार्टी के भीतर जारी अंदरूनी कलह से महानगर में पार्टी का जनाधार खतरे में पड़ गया है. देवड़ा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी माने जाते हैं और उनके बयान से मुंबई कांग्रेस खास तौर पर अध्यक्ष संजय निरूपम को लेकर मतभेद सामने आ गए हैं. मिलिंद देवड़ा ने अपने बयान में लोकसभा चुनाव लड़ने के रुख की ओर भी इशारा भी किया है.   

कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने अपने ट्वीट में लिखा, 'हालांकि पार्टी के अंदर की बातों को सार्वजनिक करने की मेरी कोई मंशा नहीं है, लेकिन हाल के एक इंटरव्यू में की गई टिप्पणी ने मुझे मुंबई की विविधता का प्रतीक बने रहने और अपने सामाजिक ताने-बाने को मजबूत करने के लिए मुंबई कांग्रेस की आवश्यकता के प्रति अपनी मजबूत प्रतिबद्धता को दोहराने के लिए मजबूर किया.'

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देवड़ा ने आगे ट्वीट में लिखा कि देश की आर्थिक और सांस्कृतिक शहर मुंबई में हमें लोगों को साथ लाने की जरूरत है. मुंबई कांग्रेस सांप्रदायिक राजनीति के लिए एक क्रिकेट पिच नहीं बन सकती है, जिसमें नेता एक दूसरे के खिलाफ खड़े किए जाएं.

उन्होंने आगे के ट्वीट में लिखा, 'जो हो रहा है उससे मै निराश हूं- और पार्टी लोकसभा चुनाव लड़ने के मेरे रुख से अवगत है. हालांकि मुझे केंद्रीय नेतृत्व और हमारी पार्टी की विचारधारा और सिद्धांतों के प्रति उसकी प्रतिबद्धता पर पूर्ण विश्वास है. विशेष तौर पर मुंबई में, जहां कांग्रेस का जन्म हुआ.

देवड़ा ने आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के चुनावी अभियान की तारीफ करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी पूरे भारत में एक मजबूत अभियान का नेतृत्व कर रही है. अंदरूनी कलह से मुंबई में हमारे आधार को खतरा हो सकता है और यह नहीं होना चाहिए.

हालांकि बाद में मिलिंद देवड़ा ने सफाई देते हुए बयान दिया, 'मैं मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष संजय निरूपम और अन्य नेताओं से निवेदन करना चाहता हूं कि हमें आपसी राजनीतिक मतभेद दरकिनार कर सामंजस्य से काम करना चाहिए. मैं कहना चाहता हूं कि किभी संगठन में विचारों को लेकर मतभेद हो सकते हैं, लेकिन कोई अंदरूनी कलह नहीं है.' जहां एक तरफ देवड़ा के सिलसिलेवार ट्वीट से मुंबई कांग्रेस में जारी संकट सामने आ गया तो वहीं बाद में उनकी सफाई से यह स्पष्ट हो गया की यह लड़ाई वाकई में संजय निरूपम को लेकर है.

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पूर्व सांसद मिलिंद देवड़ा ने अपने लोकसभा चुनाव लड़ने की ओर इशारा तो किया लेकिन वे लड़ेंगे या नहीं इससे जुड़े अटकलों के द्वार भी खोल दिए. बता दें कि पिछले दिनों कांग्रेस की पूर्व सांसद प्रिया दत्त ने कहा था कि वे इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगी. हालांकि उन्होंने इसके पीछे की वजह अपने राजनीतिक और निजी जीवन में तालमेल नहीं बैठ पाने को बताया था.

आपको बता दें कि संजय निरूपम पहले शिवसेना के नेता रहे हैं और साल 2005 में उन्होंने कांग्रेस का दामन थामा था. वे 2009 में कांग्रेस के सांसद चुने गए लेकिन 2014 में चुनाव हारने के बावजूद उन्हें मुंबई कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया. निरूपम को अभी भी खांटी कांग्रेसी बाहरी समझते हैं, जिन्होंने शिवसेना की उग्र संस्कृति में राजनीति सीखी है.

निरूपम के काम करने के तौर तरीके को लेकर मुंबई कांग्रेस के नेता कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से शिकायत भी कर चुके हैं. लेकिन निरूपम कांग्रेस की राजनीतिक जरूरत बनते गए. दरअसल मुंबई में बीजेपी-शिवसेना से मुकाबले के लिए कांग्रेस को उनकी उन्हीं की भाषा में जबाब देने वाला आदमी चाहिए जिसमें निरूपम फिट बैठते हैं. वहीं मुंबई कांग्रेस का एक धड़ा मिलिंद देवड़ा के साथ है, जिनके पिता मुरली देवड़ा ने दशकों तक मुंबई कांग्रेस का नेतृत्व किया है.  

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कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा मजबूती से अपनी बेबाक राय रखने के लिए जाने जाते हैं. लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के 44 सीटों पर सिमट जाने पर उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व तक की आलोचना करते हुए कहा था कि हार की जिम्मेदारी सिर्फ सलाहकारों की नहीं लेकिन उनकी भी है जो सलाह लेते हैं. बहरहाल लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मुंबई कांग्रेस में उभरे मतभेद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए परेशानी का सबब बन सकते हैं.

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