चुनाव से ठीक पहले कश्मीर एक बार फिर केंद्र में है. बीजेपी ने आज अपने संकल्प पत्र का लोकार्पण किया तो इसका असर फौरन कश्मीर में देखा गया. पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती हों या नेशनल कॉन्फ्रेंस के मुखिया फारूक अब्दुल्ला, दोनों ही बीजेपी पर बरस पड़े. महबूबा ने तो हिन्दुस्तान के मिटने तक की बात कह डाली.
संकल्प पत्र में जम्मू-कश्मीर के लिए क्या लिखा
बीजेपी ने आज अपने संकल्प पत्र के पहले हिस्से राष्ट्र सर्वप्रथम में ही अनुच्छेद 370 को हटाने की बात दोहराई. पार्टी ने राष्ट्र सर्वप्रथम नाम के हिस्से के प्वाइंट नंबर 15 में कहा है कि पिछले 5 साल में हमने निर्णायक कार्रवाई और एक मजबूत नीति के जरिये जम्मू-कश्मीर में शांति लाने के लिए जरूरी प्रयास किए हैं. राज्य के सभी क्षेत्रों के विकास में आने वाली बाधाओं को दूर करने और राज्य के हर क्षेत्र के लिए जरूरी वित्तीय संसाधनों को जुटाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हम जनसंघ के समय से अनुच्छेद 370 के बारे में अपने दृष्टिकोण को दोहराते हैं.
कश्मीरी पंडितों की सुरक्षित वापसी की बात
पार्टी ने घोषणापत्र के इसी हिस्से के प्वाइंट नंबर 16 में लिखा है कि हम धारा 35 A को भी खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हमारा मानना है कि 35 A जम्मू-कश्मीर के गैर स्थायी निवासियों और महिलाओं के खिलाफ भेदभावपूर्ण है. यह धारा जम्मू-कश्मीर के विकास में भी बाधा है. राज्य के सभी निवासियों के लिए एक सुरक्षित और शांतिपूर्ण वातावरण तय करने के लिए हम सभी कदम उठाएंगे. हम कश्मीरी पंडितों की सुरक्षित वापसी तय करने के लिए प्रयास करेंगे और हम पश्चिमी पाकिस्तान, पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर और छंब से आए शरणार्थियों के पुनर्वास के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेंगे.
#WATCH F Abdullah: Bahar se laenge, basaenge,hum sote rahenge?Hum iska muqabala karenge,370 ko kaise khatam karoge?Allah ki kasam kehta hun,Allah ko yahi manzoor hoga,hum inse azad ho jayen.Karen hum bhi dekhte hain.Dekhta hun phir kon inka jhanda khada karne ke liye taiyar hoga. pic.twitter.com/hrxoh9ECOY
— ANI (@ANI) April 8, 2019
दिल्ली में संकल्प पत्र का लोकार्पण, कश्मीर में असर
बीजेपी का ये घोषणापत्र आया तो उसके फौरन बाद पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और नेशनल कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने ये कहने में देर नहीं लगायी कि अनुच्छेद 370 और धारा 35 A हटी तो कश्मीर भारत से आजाद हो जाएगा.
क्या कहा महबूबा मुफ्ती ने
महबूबा ने ट्वीट कर कहा कि BJP अनुच्छेद 370 हटाने की बात कर रही है. अगर ऐसा हुआ तो हम स्वत: ही चुनाव लड़ने के अधिकार से वंचित हो जाएंगे, क्योंकि तब भारतीय संविधान जम्मू-कश्मीर पर लागू ही नहीं होगा. इसके बाद महबूबा ने धमकी भरे अंदाज में लिखा कि ना समझोगे तो मिट जाओगे ऐ हिन्दुस्तान वालो. तुम्हारी दास्तान तक भी ना होगी दास्तानों में.
क्या 5 साल के मोदी सरकार के कामकाज से डरे
वैसे अनुच्छेद 370 को लेकर बीजेपी ने कोई नयी बात नहीं कही है. 2014 में बीजेपी के घोषणापत्र में लिखा था कि अनुच्छेद 370 पर बीजेपी अपना रुख दोहराती है. बीजेपी सभी स्टेक होल्डर्स से बातचीत करेगी और इस अनुच्छेद को हटाने के लिए संकल्पित रहेगी. सवाल है कि अनुच्छेद 370 पर बीजेपी के घोषणापत्र में जब कोई अलग से बात नहीं कही गई है तो इस बार कश्मीरी पार्टियां इतनी आक्रामक क्यों हैं? क्या इसका 5 साल के मोदी सरकार के कामकाज से लेना-देना है?
मोदी सरकार ने नर्म और सख्त, दोनों नीतियां अपनाईं
जम्मू-कश्मीर से 370 हटाने के अपने एजेंडे को लेकर बीजेपी ने ना पहली बार वादा किया है, ना नया कुछ कहा है. तो फिर ऐसा क्या है कि अबकी बार कश्मीरी नेता इस पर आर-पार में जुटे हैं? बीते 5 साल में मोदी सरकार ने कश्मीर को लेकर नर्म और सख्त दोनों नीतियां अपनायीं. अकल्पनीय तौर पर पीडीपी के साथ मिलकर जम्मू-कश्मीर में सरकार तक बना डाली. शुरुआती दिनों में पाकिस्तान के साथ रिश्ते सुधारने को लेकर सरकार एक कदम आगे, दो कदम पीछे करती दिखी. इन्हीं सब बातों से बीते 5 साल में बीजेपी पर कश्मीर के अपने एजेंडे से हटने का ऐसा आरोप भी लगा जिस पर वो बगलें झांकती दिखी.
पुलवामा हमले ने बदला रुख
लेकिन 14 फरवरी को हुए पुलवामा हमले के बाद से कश्मीर को लेकर मोदी सरकार का रुख थोड़ा अलग है. कश्मीर में वाकई में अलगाववादियों पर सख्ती हुई है. सोमवार को भी अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारूक टेरर फंडिंग के मामले में दिल्ली में NIA के सामने पेश हुए.
कांग्रेस पर हमला करने का मिला मौका
बीजेपी ने जब अपने घोषणापत्र में कश्मीर में धारा 370 और 35 A को हटाने की अपनी बात दोहरायी है तो उसे कांग्रेस के घोषणापत्र पर राजनीतिक हमले का मौका भी मिला है. कांग्रेस ने सेना को विशेष अधिकार देने वाले AFSPA कानून में बदलाव करने और कश्मीर घाटी से सेना और अर्धसैनिक बलों को कम करने का वादा किया है. कश्मीर को लेकर बीजेपी कैसे आक्रामक है, इसे यूं समझिए कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को बिजनौर की अपनी रैली में ये तक कह दिया कि कांग्रेस आई तो कश्मीर में पत्थरबाजों को भत्ते मिलने लग जाएंगे।
जम्मू और कश्मीर में अलग-अलग असर
कश्मीर पर बीजेपी के इस अंदाज के जवाब में कश्मीरी पार्टियां भी अपनी चुनाव रैलियों में धारा 370 और 35 A के मुद्दे को खूब भुना रही हैं. एनसी और पीडीपी के अलावा कांग्रेस भी कह रही है कि 370 कश्मीर को भारत से मिली एक गारंटी है, जिसे हटाया नहीं जा सकता. वहीं बीजेपी की दलील है कि कश्मीर के विकास में धारा 370 एक बाधा है. कश्मीरी पार्टियां धारा 370 और 35 A को लेकर जब कश्मीर में भावनाएं भड़का रही हैं तो जम्मू में उनके खिलाफ भी माहौल बन रहा है. कश्मीरी पंडितों के संगठन पनून कश्मीर ने अलगाववाद बढ़ाने का आरोप लगाकर चुनाव आयोग से एनसी और पीडीपी के उम्मीदवारों पर बैन की मांग की है. डोगरा फ्रंट ने भी एनसी और पीडीपी की मान्यता रद्द करने की मांग की थी.