बांका लोकसभा सीट से राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के प्रत्याशी जयप्रकाश नारायण यादव के राजनीतिक जीवन का आगाज उसी दौर में हुआ था, जब बिहार की राजनीति में लालू प्रसाद यादव उभर रहे थे. दोनों ही नेता जेपी आंदोलन से राष्ट्रीय फलक तक पहुंचे और आज जिस आरजेडी की कमान लालू प्रसाद यादव के हाथों में है, जय प्रकाश नारायण यादव उसमें बड़ा वजूद रखते हैं. उनके कद का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि वो मोदी लहर में जीतने वाले चुनिंदा सांसदों में शुमार हैं. हालांकि, उनके इस सफर की शुरुआत करीब चार दशक पहले ही हो गई थी.
2 अगस्त, 1954 को बिहार में जमुई जिले के बरहट में जयप्रकाश नारायण यादव का जन्म हुआ. इसके बाद एमए व पटना यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई करते हुए वह राजनीति में आ गए. 1980 में जयप्रकाश नारायण यादव ने बिहार की खड़गपुर विधानसभा सीट से पहला चुनाव जीता. यह चुनाव उन्होंने अपने ही हमनाम जयप्रकाश नारायण द्वारा बनाई गई जनता पार्टी के टिकट पर लड़ा.
लालू यादव के साथ जयप्रकाश नारायण यादव
इसके बाद 1990 में उन्होंने दूसरा विधानसभा भी खड़गपुर सीट से ही जीता. लेकिन यह चुनाव जयप्रकाश नारायण यादव ने लोकदल के टिकट पर लड़ा. राज्य में कांग्रेस राज खत्म हुआ लालू प्रसाद यादव के नेतृत्व में जनता दल की सरकार बनी. लालू सरकार में जयप्रकाश नारायण यादव को जल संसाधन मंत्री बनाया गया.
इसके बाद उन्होंने लालू का साथ थाम लिया और 1995 का विधानसभा चुनाव जनता दल के टिकट पर ही लड़ा. वो इस चुनाव में जीते और राज्य में फिर से लालू प्रसाद यादव की सरकार बनी. इसके बाद 1997 में लालू प्रसाद ने यादव जनता दल के एक बड़े धड़े को अपने साथ लेते हुए राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का गठन कर लिया. साल 2000 में जयप्रकाश नारायण यादव ने आरजेडी के टिकट पर चुनाव जीता और इस तरह वो चौथी बार विधायक बन गए.
जयप्रकाश नारायण यादव 1995-2000 तक यादव बिहार सरकार में प्राथमिक और प्रौढ़ शिक्षा के मंत्री रहे. इसके बाद साल 2000 में वे बिहार सरकार में लघु सिंचाई मंत्री बनाए गए.
चुनाव प्रचार के दौरान जयप्रकाश नारायण यादव
साल 2004 में जब बीजेपी शाइनिंग इंडिया के नारे पर चुनाव लड़ रही थी तो जयप्रकाश नारायण यादव ने पहली बार लोकसभा चुनाव में किस्मत आजमाई. लालू यादव ने उन्हें मुंगेर सीट से चुनाव लड़ाया, जिसमें वो जीत गए. केंद्र में कांग्रेस ने कई दलों के साथ मिलकर सरकार बनाई, जिसमें आरजेडी के कोटे से भी मंत्री बनाए गए. आरजेडी कोटे से जयप्रकाश नारायण यादव को तोहफा मिला और वो मनमोहन सरकार में जल संसाधन मंत्री बनाए गए. हालांकि, 2009 में यूपीए सरकार फिर से केंद्र में बनी लेकिन बांका सीट से लड़े जयप्रकाश नारायण यादव चुनाव हार गए. उन्हें निर्दलीय उम्मीदवार दिग्विजय सिंह ने हराया.
हालांकि, जून 2010 में उनका देहांत हो गया. इसके बाद इसी साल हुए उपचुनाव में दिवंगत दिग्विजय सिंह की पत्नी पुतुल कुमारी ने फिर से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में बाजी मार ली. लेकिन 2014 में जब वो बीजेपी के टिकट पर बांका सीट से लड़ीं तो जयप्रकाश नारायण यादव ने उन्हें परास्त कर दिया. उन्होंने 2 लाख 85 हजार 150 वोट हासिल किए और करीबी प्रत्याशी पुतुल कुमारी को हराया.
इस बार बांका सीट एनडीए गठबंधन के तहत जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के खाते में गई है और उसके टिकट पर गिरिधारी यादव चुनाव लड़ रहे हैं. जबकि राष्ट्रीय जनता दल ने फिर से जयप्रकाश नारायण यादव को मौका दिया है. इस लिहाज से बांका सीट पर मुख्य मुकाबला जयप्रकाश नारायण यादव और जेडीयू प्रत्याशी गिरिधारी यादव के बीच है.
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