बिहार में सोमवार को लोकसभा चुनाव के चौथे चरण की वोटिंग होनी है, लेकिन अब तक नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने अपना घोषणापत्र जारी नहीं किया है. पार्टी आलाकमान की मानें तो घोषणा पत्र जारी करने को लेकर अंतिम फैसला सोमवार को हो सकता है.
सूत्रों की मानें तो अनुच्छेद 370, अनुच्छेद 35A, समान नागरिक संहिता और राम मंदिर के मुद्दे को लेकर बीजेपी और जेडीयू के बीच में मतभेद है. एक तरफ जहां बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35A को खत्म करने, समान नागरिक संहिता को लागू करने और संविधान के दायरे में रहकर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की बात कही है, इन सभी मुद्दों को लेकर जेडीयू का पक्ष बिल्कुल अलग है.
जेडीयू का मानना है कि अनुच्छेद 370, 35A और समान नागरिक संहिता लागू करने के मुद्दे पर सभी पक्ष से बातचीत होनी चाहिए उसके बाद ही कोई फैसला लेना चाहिए. राम मंदिर के मुद्दे पर भी जेडीयू का पक्ष यही है कि इस पूरे मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान होना चाहिए.
बता दें कि बीजेपी ने 8 अप्रैल को ही अपना घोषणापत्र जारी किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि सत्ता में दोबारा लौटने पर जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35A को खत्म किया जाएगा और समान नागरिक संहिता को लागू किया जाएगा.
गौरतलब है कि जेडीयू का घोषणा पत्र 14 अप्रैल को ही जारी किया जाना था लेकिन माना जा रहा है कि बीजेपी के दबाव की वजह से पार्टी ने इसको जारी करने में देरी की है. जानकारी के मुताबिक जेडीयू ने सोमवार को पटना में जेडीयू समिति की बैठक बुलाई है, जहां घोषणा पत्र जारी करने को लेकर अंतिम फैसला लिया जाएगा.
हालांकि, पार्टी प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि बिहार की जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के किए गए काम को देखकर वोट कर रही है. राजीव रंजन ने कहा कि पिछले 3 चरणों में जनता ने इन दोनों नेताओं के काम के आधार पर ही वोटिंग की है. ऐसे ही आगे के चरणों में भी जनता इसी को आधार बनाकर वोट करेगी.
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