लोकसभा चुनाव 2019 के लिए चौथे चरण में उम्मीदवारों की अंतिम लिस्ट के साथ सियासी पारा चढ़ गया है. इस बार उत्तर प्रदेश की झांसी लोकसभा सीट से 11 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं. बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री और फायर ब्रांड नेता उमा भारती का टिकट काट अनुराग शर्मा को चुनावी मैदान में उतारा है जिन्हें गठबंधन की तरफ से सपा के श्याम सुंदर सिंह से चुनौती मिल रही है. कांग्रेस ने शिवशरण को टिकट दिया है.
इसके अलावा किसान रक्षा पार्टी, प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया), स्वतंत्र जनता राज पार्टी, बुंदेलखंड क्रांति दल के साथ चार निर्दलीय चुनावी मैदान में हैं.
बता दें कि उत्तर प्रदेश की 80 में से 13 सीटों पर 29 अप्रैल को चौथे फेज में मतदान होना है. 10 मार्च को लोकसभा चुनाव 2019 की घोषणा होने के बाद देश, चुनावी माहौल में आ गया था. 2 अप्रैल को इस सीट के लिए नोटिफिकेशन निकला, 9 अप्रैल को नॉमिनेशन की अंतिम तारीख, 10 अप्रैल को स्क्रूटनी और 12 अप्रैल को नाम वापिसी की अंतिम तारीख थी. अब 29 अप्रैल के मतदान के लिए सभी दलों ने अपनी ताकत झोंक दी है. लोकसभा चुनाव 2019 के चौथे चरण में 9 राज्यों की 71 लोकसभा सीटों पर मतदान होना है. मतदान का परिणाम 23 मई को आना है.
उत्तर प्रदेश की झांसी लोकसभा सीट सूबे की चंद हाई प्रोफाइल संसदीय सीटों में से एक है. मौजूदा समय में केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता उमा भारती झांसी से सांसद हैं. 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में झांसी का अहम रोल रहा, रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों से लड़कर उन्हें लोहे के चने चबवा दिए थे. उनकी वजह से दुनियाभर में झांसी को पहचाना गया. बुंदलेखंड के इस इलाके को वीरता-त्याग और आत्मम्मान के लिए भी जाना जाता है. राजनीतिक रूप से कांग्रेस का मजबूत इलाका रहा है, लेकिन वक्त के साथ बीजेपी ने इस क्षेत्र में अपनी जगह बनाई है.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
झांसी लोकसभा सीट पर आजादी के बाद से अभी तक 16 बार लोकसभा चुनाव हो चुके हैं. इनमें से 9 बार कांग्रेस को जीत मिली हैं. जबकि 5 बार बीजेपी, एक बार सपा और एक बार लोकदल को जीत मिली है. आजादी के बाद पहली बार 1952 में लोकसभा चुनाव हुए और कांग्रेस के रघुनाथ विनायक धुलेकर ने जीत हासिल की. इसके बाद कांग्रेस यहां से लगतार पांच चुनाव जीतने में कामयाब रही.
कांग्रेस को पहली बार 1977 में इस सीट पर हार मिली और भारतीय लोकदल से सुशीला नायर चुनाव जीतकर संसद पहुंचे. हालांकि 3 साल बाद कांग्रेस ने एक बार फिर वापसी करते हुए 1980 और 1984 के लोकसभा चुनावों में जीत दर्ज की.
बीजेपी पहली बार झांसी संसदीय सीट पर 1989 में कमल खिलाने में कामयाब रही थी. इसके बाद 1998 तक बीजेपी लगातार चार बार चुनाव जीतने में कामयाब रही. इसके बाद 1999 में कांग्रेस ने फिर वापसी, लेकिन 2004 में पहली बार सपा इस सीट को जीतने में कामयाब रही है. हालांकि पांच साल बाद 2009 में प्रदीप जैन आदित्य को उतारकर कांग्रेस फिर से कब्जा जमाने में कामयाब रही थी.
2014 के लोकसभा मोदी लहर पर सवार बीजेपी ने फिर वापसी की और यहां से बीजेपी की फायर ब्रांड नेता उमा भारती जीतने में कामयाब रही थी.
सामाजिक ताना-बाना
झांसी लोकसभा सीट पर 2011 के जनगणना के मुताबिक कुल जनसंख्या 27,57,007 है. इसमें 66.4 फीसदी ग्रामीण और 33.6 फीसदी शहरी आबादी है. 2017 में हुए विधानसभा चुनाव के मुताबिक इस लोकसभा सीट पर पांचों विधानसभा सीटों पर कुल 19,91,832 मतदाता और 2,075 मतदान केंद्र हैं. अनुसूचित जाति की आबादी इस सीट पर 24 फीसदी और अनुसूचित जनजाति की आबादी 2.27 फीसदी है. इसके अलावा यादव और ब्राह्मण मतदाता काफी निर्णायक भूमिका में हैं. यहां मुस्लिम 9 फीसदी, सिख 2 फीसदी और जैन धर्म के 3 फीसदी मतदाता हैं.
झांसी लोकसभा सीट के तहत पांच विधानसभा सीटें आती हैं. इनमें बबीना, ललितपुर, झांसी नगर, महरौनी और मऊरानीपुर, जिनमें से महरौनी और मऊरानीपुर अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. 2017 के विधानसभा चुनाव में पांच में से चार सीटों पर बीजेपी और झांसी नगर सीट पर बीएसपी को जीत मिली थी.
2014 का जनादेश
2014 के लोकसभा चुनाव में झांसी संसदीय सीट पर 68.36 फीसदी मतदान हुए थे. इस सीट पर बीजेपी के उमा भारती ने सपा के डाक्टर चंद्रपाल यादव को एक लाख 90 हजार 467 वोटों से मात देकर जीत हासिल की थी.
बीजेपी की उमा भारती को 5,75,889 वोट मिले
सपा के चंद्रपाल यादव को 3,85,422 वोट मिले
बसपा की अनुराधा शर्मा को 2,13,792 वोट मिले
कांग्रेस के प्रदीप जैन को 84,089 वोट मिले
चुनाव की हर ख़बर मिलेगी सीधे आपके इनबॉक्स में. आम चुनाव की ताज़ा खबरों से अपडेट रहने के लिए सब्सक्राइब करें आजतक का इलेक्शन स्पेशल न्यूज़लेटर