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DMK नेता कनिमोझी: पिता करुणानिधि के साहित्यिक विरासत को संभालने वाली बेटी

Kanimozhi Karunanidhi तमिलनाडु से राज्यसभा सांसद कनिमोझी राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री करुणानिधि और उनकी तीसरी पत्नी रजती अम्माल की बेटी हैं. वह द्रविण मुन्नेत्र कणगम (DMK) से जुड़ी हैं, और उन्होंने अपने पिता के ‘साहित्यिक विरासत’ को संभाला है.

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DMK नेता कनिमोझी
DMK नेता कनिमोझी

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मुथुवेल करुणानिधि कनिमोझी फिलहाल तमिलनाडु से राज्यसभा सांसद हैं. वह तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री करुणानिधि और उनकी तीसरी पत्नी रजती अम्माल की बेटी हैं. वह द्रविण मुन्नेत्र कणगम (DMK) से जुड़ी हैं, और पार्टी की कला, साहित्य और तर्कवाद शाखा की प्रमुख हैं.

इस तरह उन्होंने अपने पिता के ‘साहित्य‍िक विरासत’ को संभाला है. उनके सौतेले भाई एम.के अलागिरी पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे और एम.के. स्टालिन तमिलनाडु के पूर्व डिप्टी सीएम रहे. उनके पिता एम करुणानिधि की 7 अगस्त, 2018 को मौत हो गई. वह द हिंदू नेशनल प्रेस एम्प्लॉयीज यूनियन की अध्यक्ष चुनी गई थीं. वह इस पद पर चुनी जाने वाली पहली महिला थीं.

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

वह 51 साल की हैं. उनका जन्म 5 जनवरी, 1968 को मद्रास (अब चेन्नई) में हुआ था. उन्होंने चेन्नई के प्रजेंटेशन कॉन्वेंट से स्कूली शिक्षा हासिल की और एथिराज कॉलेज फॉर वीमेन से मास्टर डिग्री ली. उनकी दो बार शादी हुई. उनकी पहली शादी 1989 में अथिबन बोस से हुई थी, जो कि शिवकाशी के कारोबारी हैं. इसके बाद दूसरी शादी 1997 में जी. अरविंद से की जो सिंगापुर में रहने वाले तमिल लेखक हैं. उनका एक बेटा है जिसका नाम आदित्यन है.

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राजनीति में आने से पहले कनिमोझी पत्रकार थीं. उन्होंने द हिंदू, तमिल पत्रिका कुंगुमम और सिंगापुर के तमिल अखबार तमिल मुरासू के लिए काम किया. उन्होंने तमिल भाषा में कविताएं भी लिखी हैं. वह राज्य में रोजगार मेलों आदि के आयोजन में काफी सक्रिय रही हैं.

राजनीतिक करियर

मई, 2007 में डीएमके ने कनिमोझी को राज्यसभा का सदस्य बनाया और 2013 में वह फिर से राज्यसभा सदस्य चुनी गईं. वह राज्यसभा में तमिलनाडु का एक तरह से चेहरा हैं और अक्सर राज्य के मसले उठाती रही हैं. वह हिंदू नेशनल प्रेस यूनियन के अध्यक्ष पद पर चुनी जाने वाली पहली महिला थीं. वह डीएमके की वीमेन विंग की सचिव हैं.

विवाद और घोटालों का आरोप

2जी स्पेक्ट्रम घोटाले के मामले में सीबीआई ने जो चार्जशीट दाखिल किया था, उसके मुताबिक कनिमोझी का अपने परिवार द्वारा संचालित कलईंगर टीवी में 100 फीसदी हिस्सेदारी है, लेकिन कनिमोझी ने अपना बचाव करते हुए कहा कि कंपनी में उनकी सिर्फ 20 फीसदी हिस्सेदारी है और वह वित्तीय मामले नहीं देखतीं. इस कथित घोटाले के मामले में उन्हें 20 मई, 2011 को गिरफ्तार भी किया गया था.

सीबीआई के आरोप के मुताबिक चैनल को चलाने के पीछे मुख्य दिमाग कनिमोझी का था और उन्होंने पूर्व टेलीकाॅम मंत्री ए. राजा के साथ मिलकर डीबी रियलिटी के प्रमोटर शाहिद बलवा से संदिग्ध तरीके से कलईंगर टीवी में 200 करोड़ रुपए का निवेश कराया. कथित टैक्स चोरी के एक मामले में उन्हें चेन्नई के इनकम टैक्स विभाग द्वारा भी समन जारी किया गया था. 21 दिसंबर, 2017 को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने कनिमोझी और ए राजा सहित 19 आरोपियों को 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन केस में बरी कर दिया.

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