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कुमारस्वामी को सत्ता में रहने का हक नहीं, बीजेपी को मिले मौका: जगदीश शेट्टार

शेट्टार ने कहा कुमारस्वामी को अब कर्नाटक का मुख्यमंत्री रहने का अधिकार नहीं है. बीजेपी यहां मुख्य विपक्षी पार्टी है और अगर गठबंधन सरकार राज्य को चलाने में असफल है तो राज्यपाल को स्वाभाविक तौर पर सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करना चाहिए.

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जगदीश शेट्टार (फोटो - ANI)
जगदीश शेट्टार (फोटो - ANI)

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लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद उसका सबसे ज्यादा असर कर्नाटक में देखने को मिल रहा है. कुमारस्वामी सरकार पर लगातार संकट के बादल मंडरा रहे हैं. कर्नाटक में जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) और कांग्रेस गठबंधन की सरकार में तकरार के बाद राज्य के नेता विपक्ष जगदीश शेट्टार ने मौजूदा कुमारस्वामी सरकार के अस्तित्व पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं.

कर्नाटक के पूर्व सीएम और बीजेपी के वरिष्ठ नेता शेट्टार ने कहा है कि इस गठबंधन सरकार को अब सत्ता में बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं है.

उन्होंने कहा, 'कुमारस्वामी को अब कर्नाटक का मुख्यमंत्री रहने का अधिकार नहीं है. बीजेपी यहां मुख्य विपक्षी पार्टी है और अगर गठबंधन सरकार राज्य को चलाने में असफल है तो राज्यपाल को स्वाभाविक तौर पर सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करना चाहिए'.

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बता दें कि 23 मई को लोकसभा चुनाव के जो नतीजे आए हैं उसमें कर्नाटक में जेडीएस और कांग्रेस गठबंधन का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा था और सिर्फ 2 सीटों पर जीत मिली थी. जबकि बीजेपी ने इस राज्य में बेहद शानदार प्रदर्शन करते हुए 25 सीटों पर कब्जा जमा लिया था.

चुनाव परिणाम आने के तुरंत बाद कर्नाटक की जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन सरकार में खटपट की खबरें सामने आने लगी थी. कांग्रेस नेताओं के बीजेपी के पाले में जाने की अटकलों के बीच सोमवार को ही राज्य के कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक के एन रंजना ने दावा किया था कि कर्नाटक सरकार तभी तक है जब तक नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ नहीं ली है, नरेंद्र मोदी के शपथ लेते ही सरकार गिर जाएगी.

इससे एक दिन पहले ही कांग्रेस नेता रमेश जारकीहोली और डॉक्टर सुधाकर ने बेंगलुरु में भारतीय जनता पार्टी के नेता एसएम कृष्णा के आवास पर बीजेपी नेता आर अशोक से मुलाकात की थी जिससे कुमारस्वामी सरकार गिरने की अटकलों को और हवा मिली थी.

सरकार गिरने की आशंकाओं से घबराये सीएम कुमारस्वामी ने अपने प्रवक्ताओं और विधायकों को मीडिया से पूरी तरह दूरी बनाए रखने की हिदायत दी थी. इसके लिए पार्टी ने लिखित फरमान जारी कर दिया था.

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