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कांग्रेस के नेता नचियप्पन बोले- कार्ति चिदंबरम लड़ेंगे तो पार्टी की छवि बिगड़ेगी

पूर्व केंद्रीय मंत्री और तमिलनाडु कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ईएम सुदर्शन नचियप्पन ने पार्टी के खिलाफ ही मोर्चा खोला दिया है. नचियप्पन ने कहा कि चिदंबरम परिवार पर भ्रष्टाचार के मामले चल रहे हैं. कार्ति को टिकट देने से पार्टी की छवि खराब होगी और लोकसभा चुनाव में नुकसान होगा. पीचिदंबरम ने मेरा रास्ता रोकने के लिए अपना राजनीतिक कार्ड खेला है.

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पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम (file)
पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम (file)

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कांग्रेस ने तमिलनाडु की शिवगंगा सीट से पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को टिकट दिया है. जबकि इस सीट के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री और तमिलनाडु कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ईएम सुदर्शन नचियप्पन प्रबल दावेदार थे. कार्ति को टिकट मिलने से नाराज नचियप्पन ने पार्टी के खिलाफ ही मोर्चा खोला दिया है. नचियप्पन ने कहा कि चिदंबरम परिवार पर भ्रष्टाचार के मामले चल रहे हैं. कार्ति को टिकट देने से पार्टी की छवि खराब होगी और लोकसभा चुनाव में नुकसान होगा. नचियप्पन ने कहा कि पी. चिदंबरम ने मेरा रास्ता रोकने के लिए अपना राजनीतिक कार्ड खेला है.

शिवगंगा सीट को लेकर कांग्रेस में पिछले कई दिनों से माथापच्ची चल रही थी. इस सीट पर टिकट के लिए ईएम सुदर्शन नचियप्पन और कार्ति के बीच मुकाबला था. ईएम सुदर्शन नचियप्पन 1999 में इस सीट पर जीत हासिल कर चुके हैं. वह यूपीए सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं.

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एयरसेल-मैक्सिस मामले के आरोपी है चिदंबरम पिता-पुत्र

कार्ति चिदंबरम एयरसेल-मैक्सिस मामले में आरोपी हैं. उनके पिता पी. चिदंबरम भी सह आरोपी हैं. इसके अलावा उनपर INX मामले को लेकर भी केस चल रहा है. कार्ति पर आरोप है कि INX मीडिया को 2007 में 305 करोड़ रुपए का विदेशी धन प्राप्त करने में एफआईपीबी की मंजूरी में अनियमितता की गई है. इस दौरान कार्ति चिदंबरम के पिता पी. चिदंबरम केंद्रीय वित्त मंत्री थे. बीते साल फरवरी में ईडी ने INX मामले में ही कार्ति चिदंबरम को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी.

शिवगंगा सीट कांग्रेस का गढ़ रही है

शिवगंगा सीट कांग्रेस का गढ़ रही है. लेकिन 2014 के चुनाव में एआईएडीएमके ने उलटफेर करते हुए यहां से जीत हासिल की थी. एआईएडीएमके के पीआर सेंथिलनाथन सांसद हैं. इंदिरा की लहर में 1980 में कांग्रेस ने यहां पहली बार जीत दर्ज की. कांग्रेस के लिए जीत का यह सिलसिला 1984, 1989 से लेकर 1991 तक जारी रहा. लेकिन 1996 में तमिल मनीला कांग्रेस ने इस सीट पर कब्जा कर लिया था. 1998 में भी यह सीट तमिल मनीला कांग्रेस के पास रही, लेकिन 1999 में एक बार फिर यह सीट कांग्रेस के खाते में चली गई. कांग्रेस का इस सीट पर दबदबा 2004 और फिर 2009 में भी कायम रहा.

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