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मोदी के मंत्रियों में नहीं नड्डा का नाम, क्या सौंपी जाएगी पार्टी की कमान?

अमित शाह के कैबिनेट मंत्री बनने के बाद अब सवाल उठ रहा है कि बीजेपी अध्यक्ष कौन बनेगा? अध्यक्ष पद की रेस में जगन प्रकाश नड्डा का नाम सबसे आगे चल रहा है. नड्डा के अलावा पार्टी महासचिव भूपेंद्र यादव और ओम प्रकाश माथुर का नाम भी सामने आ रहा है.

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पीएम नरेंद्र मोदी के साथ जेपी नड्डा (फाइल फोटो-PTI)
पीएम नरेंद्र मोदी के साथ जेपी नड्डा (फाइल फोटो-PTI)

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अमित शाह के कैबिनेट मंत्री बनने के बाद अब सवाल उठ रहा है कि बीजेपी अध्यक्ष कौन बनेगा? अध्यक्ष पद की रेस में जगन प्रकाश नड्डा का नाम सबसे आगे चल रहा है. नड्डा के अलावा पार्टी महासचिव भूपेंद्र यादव और ओम प्रकाश माथुर का नाम भी रेस में है. नड्डा को मोदी सरकार में शामिल नहीं किया गया. ऐसे में माना जा रहा है कि 'एक व्यक्ति, एक पद' सिद्धांत वाली बीजेपी को जेपी नड्डा के रूप में नया अध्यक्ष मिल सकता है.

जेपी नड्डा हिमाचल प्रदेश के ब्राह्मण समुदाय से आते हैं और उन पर बीजेपी शीर्ष नेतृत्व को काफी विश्वास है. उनका जुड़ाव राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भी रहा है और उनकी छवि साफ-सुथरी मानी जाती है. वह मोदी की अगुवाई वाली पहली NDA सरकार में स्वास्थ्य मंत्री थे. सूत्रों ने बताया कि नड्डा बीजेपी संसदीय बोर्ड के भी सदस्य है जो बीजेपी की शीर्ष निर्णय करने वाली संस्था है. इस लिहाज से भी नड्डा सर्वश्रेष्ठ विकल्प माने जा रहे हैं.

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16 साल की उम्र से एबीवीपी से जुड़े

जेपी नड्डा का जन्म बिहार के पटना में 2 दिसंबर 1960 को हुआ. उनकी शुरुआती पढ़ाई पटना के सेंट जेवियर्स स्कूल से हुई. इसके बाद नड्डा ने पटना विश्वविद्यालय से बीए की शिक्षा ली. नड्डा 16 साल की उम्र में छात्र राजनीति में उतर गए थे और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़े. उस वक्त बिहार में स्टूडेंट मूवमेंट चरम पर था. 1977 में पटना विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव में सचिव चुने गए.

राजनाथ के बाद बने युवा मोर्चा के अध्यक्ष

जेपी नड्डा को 1982 में विद्यार्थी परिषद का प्रचारक बनाकर हिमाचल प्रदेश भेजा गया. नड्डा 1983-1984 में हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी में विद्यार्थी परिषद के पहले प्रेसीडेंट बने और साल 1986 से 1989 तक विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महासचिव रहे. 1989 के लोकसभा चुनाव में नड्डा को बीजेपी युवा मोर्चा का चुनाव प्रभारी बनाया गया. राजनाथ सिंह के बाद 1990 में नड्डा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए गए.

हिमाचल से दिल्ली तक का सफर

इसके बाद 1993 में जेपी नड्डा पहली बार हिमाचल विधानसभा पहुंचे. नड्डा ने 1994 से 1998 तक विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में काम किया. साल 2008 से 2010 तक हिमाचल सरकार में मंत्री रहे. 2012 में नड्डा को हिमाचल प्रदेश से राज्यसभा भेजा गया. नड्डा नितिन गडकरी की टीम में राष्ट्रीय महासचिव और प्रवक्ता रहे. 2014 में नड्डा को मोदी सरकार में मंत्री बनाया गया.

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मोदी और शाह से नड्डा के करीबी रिश्ते

जेपी नड्डा के पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह से पुराने संबंध हैं. मोदी जब हिमाचल के प्रभारी थे, तब से दोनों की जान-पहचान है. दोनों अशोक रोड स्थित बीजेपी मुख्यालय में बने आउट हाउस में रहते थे. इसके बाद जब नड्डा बीजेपी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे, उस समय अमित शाह युवा मोर्चा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष बनाए गए थे.

यूपी में काम आई नड्डा की रणनीति

मोदी सरकार बनने के बाद जेपी नड्डा का कद पार्टी और सरकार दोनों में काफी बड़ा हुआ. नड्डा को पार्टी अध्यक्ष अमित शाह का दाहिना हाथ माना जाता है. यही कारण है कि अमित शाह ने इस बार जेपी नड्डा को यूपी फतह की जिम्मेदारी दी. नड्डा ने इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाया और अपनी कुशल रणनीति से यूपी की 64 (दो अपना दल की) सीटों पर पार्टी को शानदार जीत दिलाई.

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