तमिलनाडु की कृष्णागिरि लोकसभा सीट पर 1971 से 1991 तक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) का दबदबा रहा है. दक्षिण भारत की यह सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती थी, लेकिन बदलती सियासत के साथ यहां कांग्रेस की जड़ें कमजोर होती गईं और धीरे-धीरे द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) ने इस सीट पर पैर जमाने शुरू कर दिए. 1999 से 2009 तक लगातार तीन चुनावों से इस सीट पर डीएमके ने जीत हासिल की और पार्टी के ई.जी. सुगावनम दो बार इस सीट से सांसद बने. वहीं 2014 में राजनीति में एक बार फिर बदलाव आया और ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) ने पहली बार सीट पर कब्जा किया और के. अशोक कुमार यहां से सांसद बने.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
कृष्णागिरि लोकसभा सीट पर 1971 से 2014 तक 13 बार चुनाव हुआ है. जिसमें 6 बार कांग्रेस ने जीत हासिल की तो वहीं तीन बार सीट पर डीएमके का कब्जा रहा है. यहां एक बीर टीएमसी(एम) ने जीत दर्ज की जबकि दो बार एआईएडीएमके को भी सीट पर राज करने का मौका मिला. 2014 लोकसभा चुनाव में एआईएडीएमके के के. अशोक कुमार 2,06,591 वोटों से जीतकर कृष्णागिरि से सासंद बने. इस सीट पर 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में एआईएडीएमके को 44.97 फीसदी, डीएमके को 25.64 और कांग्रेस को 3.64 फीसदी वोट मिले थे. बता दें कि एआईएडीएमके के लोकसभा में 37 सांसद हैं, बीजेपी और कांग्रेस के बाद सदन में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी एआईएडीएमके ही है. बीजेपी के लोकसभा में 279 सदस्य हैं, जबकि कांग्रेस के 44 सांसद हैं.
सामाजिक ताना-बाना
कृष्णागिरि लोकसभा सीट कृष्णागिरि जिले के अंतर्गत आती है, जिसमें 700 से ज्यादा गांव हैं. यहां औसत साक्षरता दर 72 फीसदी है, जिसमें पुरुष साक्षरता दर 79 फीसदी और महिला साक्षरता दर 64 प्रतिशत है. 2011 की जनगणना के मुताबिक कृष्णागिरि संसदीय क्षेत्र की आबादी 18,79,808 है. जिसमें से 77.21 फीसदी लोग ग्रामीण इलाके में रहते हैं जबकि 22.79 फीसदी शहरी आबादी है. यहां अनुसूचित जाति (SC) की जनसंख्या 14.22 फीसदी है तो वहीं अनुसूचित जनजाति (ST) की आबादी 1.19 फीसदी है. 2014 लोकसभा चुनाव के आकड़ों के मुताबिक कृष्णागिरि क्षेत्र में कुल 13,79,957 मतदाता हैं, जिसमें 7,054,68 पुरुष और 6,74,889 महिलाएं शामिल हैं. 2014 के लोकसभा चुनावों में 77.39 फीसदी पुरुष मतदाताओं और 77.46 फीसदी महिला मतदाताओं ने वोट डाला था.
इस सीट के तहत आती हैं 6 विधानसभाएं
कृष्णागिरी संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत छह विधानसभा सीटें आती हैं. जिनमें उथंगराई (Uthangarai-SC), बर्गर (Bargur), कृष्णगिरि (Krishnagiri), वेप्पनाहाली (Veppanahalli), होसुर (Hosur) और थल्ली (Thalli) शामिल हैं. 2016 विधानसभा चुनावों में राज्य की दो बड़ी पार्टियों डीएमके और एआईएडीएमके में कांटे की टक्कर रही है. इनमें से एक तरफ जहां डीएमके के खाते में तीन सीटें हैं तो वहीं तीन सीटों पर एआईएडीएमके का कब्जा है.
कृष्णागिरि लोकसभा सीट का 2014 का जनादेश
2014 के लोकसभा चुनावों में एआईएडीएमके नेता के. अशोक कुमार ने 2,06,591 वोटों से जीत हासिल की थी. उनका मुकाबला डीएमके के उम्मीदवार चिन्ना फिलिप्पा (Chinna Pillappa) से था. के. अशोक कुमार को 13,79,957 वोटों में से 4,80,491 वोट मिले थे जबकि उनके प्रतिद्वंदी और डीएमके नेता को 2,73,900 वोट मिले थे. वहीं पट्टाली मक्कम काची (पीएमके) उम्मीदवार को 2,24,963, कांग्रेस को 38,885 और बीएसपी को 8,618 वोट मिले थे जबकि नोटा के हिस्से में 16,020 वोट आए थे. 2014 में इस सीट पर कुल 77.42 फीसदी वोटिंग हुई थी.
सांसद के. अशोक कुमार का रिपोर्ट कार्ड
मैट्रिक पास कृष्णागिरि संसदीय क्षेत्र के सांसद के. अशोक कुमार की उम्र 65 साल है. सांसद के. अशोक कुमार की सामाजिक कार्यों में विशेष रूचि है. उन्हें गरीब और कमजोर तबके के लोगों की मदद करना अच्छा लगता है. वहीं उनके प्रदर्शन की बात करें तो लोकसभा में वो 282 दिन उपस्थित रहे यानी उन्होंने 87.85 फीसदी उपस्थिति दर्ज की है. सांसद के. अशोक कुमार ने सदन में कुल 419 सवाल पूछे हैं. वहीं डिबेट्स की बात करें तो उन्होंने सिर्फ 99 बहसों में हिस्सा लिया और कोई प्राइवेट बिल भी पेश नहीं किया. अपने कार्यकाल में उन्होंने संसदीय क्षेत्र के विकास कार्यों में 22.54 करोड़ रुपये खर्च किए यानी उन्होंने प्राप्त राशि की 90.16 फीसदी रकम खर्च की.